छत्तीसगढ़

गांधी जी की जितनी आवश्यकता आजादी के पहले थी उतनी आज भी हैः श्री राजेन्द्र तिवारी

21वीं सदी में महिलाएं खादी पहन रही हैं, लोग गांधी के रास्ते पर स्वस्फूर्त चल रहे हैः श्री गिरीश पंकज

छत्तीसगढ़ खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा गांधी जयंती के अवसर पर निबंध, क्विज और तात्कालिक भाषण प्रतियोगिता का आयोजन

गांधी जी की विचारधारा एवं सिद्धातों को आगे बढ़ाने विगत दो वर्षों से आयोजित हो रही है प्रतियोगिता

रायपुर, 02 अक्टूबर 2022/ छत्तीसगढ़ खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष श्री राजेन्द्र तिवारी ने कहा है कि गांधी जी की जितनी आवश्यकता आजादी के पहले थी उतनी ही आवश्यकता आज भी है। श्री तिवारी ने कहा कि ब्रिटिश पार्लियामेंट के सामने लगी गांधी जी की प्रतिमा को देखकर आज हर भारतवासी को गर्व होता है और दुनिया भारत को गांधी और गौतम के देश के रूप में जानती है। उक्त बातें वर्चुअल रूप से जुड़े श्री तिवारी ने गांधी जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान कही।

गांधी जयंती के अवसर पर खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड गांधी भवन, केयूर भूषण स्मृति परिसर, कंकालीपारा में आयोजित दो दिवसीय निबंध, क्विज और तात्कालिक भाषण प्रतियोगिता का समापन हुआ। विगत दो वर्षों से गांधी जी की विचारधारा एवं सिद्धांतों को आगे बढ़ाने और घर-घर खादी के लिए खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा इस तरह की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है । इस बार की प्रतियोगिता राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के सम्पूर्ण जीवन दर्शन पर आधारित रही। विजेताओं को मुख्य अतिथि श्री गिरीश पंकज, श्री ब्रजकिशोर प्रसाद एवं सुश्री कल्पना चौधरी के हाथों पुरस्कृत किया गया।

मुख्य अतिथि के रूप में प्रसिद्ध साहित्यकार श्री गिरीश पंकज ने कहा कि उनका बचपन खादी के के कपड़ों को बेचते हुए बीता है और उन्होंने आजीवन खादी पहनने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि आज 21वीं सदी में महिलाएं भी खादी के वस्त्र पहन रही हैं जिससे ये प्रतीत होता है कि भारत के लोग स्वस्फूर्त गांधी जी के दिखाए मार्ग पर चल रहे हैं। 

कार्यक्रम में प्रसिद्ध गांधीवादी श्री ब्रजकिशोर प्रसाद ने कहा कि गांधी जी की सर्वाधिक प्रासंगिकता छात्रों के जीवन में दिखाई देती है। जिस तरह से हर गांधी जी ने अपने व्यक्तित्व को समय के साथ बदला वैसे ही प्रत्येक छात्र को अपने भी व्यक्तित्व को देशहित में ढालना चाहिए।

कार्यक्रम में उपस्थित स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की पुत्री सुश्री कल्पना चौधरी ने इस अवसर पर कहा कि गांधी जी सामाजिक ढांचे को तोड़ना चाहते थे और ऐसा करके वो महिलाओं को अपने साथ जोड़ना चाहते थे जिसमें वो पूरी तरह से सफल हुए। उन्होंने कहा कि नमक आंदोलन में महिलाओं और बच्चों को साथ जोड़ना उनकी क्रांतिकारी सोच थी।

छत्तीसगढ़ खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड की प्रबंध संचालक श्रीमती रेखा शुक्ला ने कहा कि आज गांधी जी के विचारधारा और सिद्धांतों को आगे बढ़ाने की आवश्यक्ता है, विद्यार्थियो को गांधी जी के साथ खुद को जोड़ना चाहिए और इसके लिए युवाओं को गांधी जी के विरासत को आगे ले जाना चाहिए। जिस तरह से गांधी जी ने पूरे भारत को आपस में जोड़ा उसी तरह से आज के युवाओं को भी खुद को भारत से जोड़ कर रखना चाहिए।

गांधी जयंती के अवसर पर उपस्थित मुख्य अतिथियों ने निबंध, क्विज एवं तात्कालिक भाषण प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया। निबंध प्रतियोगिता में नीलम साहू ने प्रथम, कंचन आडिल द्वितीय एवं स्तुति शर्मा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। क्विज प्रतियोजिता में थानेन्द्र बहादुर सिंह ने प्रथम, दीक्षा मिश्रा ने द्वितीय एवं तोशी यादव ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। इसी तरह से तत्कालिक भाषण में रश्मि वर्मा ने प्रथम, संध्या अर्जुनवार ने द्वीतीय एवं सूरज प्रकाश ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड, रायपुर में आयोजित कार्यक्रम में बोर्ड के सदस्य श्री कौशल चंद्राकर, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के संचालक श्री राहुल सिंह सहित बोर्ड के अधिकारी कर्मचारी एवं रायपुर के विभिन्न महाविद्यालयों के प्राचार्य, प्राध्यापक एवं छात्र छात्राएं उपस्थित थे।

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