रायगढ़, अक्टूबर 2022/ जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ.मीरा भगत के मार्गदर्शन में ग्राम बुनगा में मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ.अजय नायक द्वारा उपस्थित लोगों को रोगियों में शिरोधारा वह शिरोबसती चिकित्सा का विशेष महत्व बताया गया।
डॉ.नायक ने कहा कि आजकल के भाग दौड़ भरी जिंदगी में मनुष्य की जीवन शैली धीरे-धीरे बदल रही हैं। अधिकांश मनुष्यों का सुबह उठना, काम करना, भोजन करना तथा रात्रि में सोने का समय अनियमित हो गया है। मनुष्य की जीवन शैली बिगड़ गई है और वह मानसिक रोगों का शिकार होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि हर साल 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है ताकि सभी लोगों को शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूक किया जा सके। मानसिक समस्या के चलते मनुष्य का व्यवहार उसके सोच और मानसिकता पर नकारात्मक असर आता है, जिससे थकान में काम करने की इच्छा नहीं होती चिड़चिड़ापन अनिद्रा बेचैनी घबराहट सिरदर्द याददाश्त कमजोरी शरीर में कमजोरी इत्यादि लक्षण मिलते हैं। आजकल बच्चे भी मानसिक अवसाद में जी रहे हैं। व्यस्त जीवन शैली और जिम्मेदारी के कारण दिन प्रति दिन मनुष्य में चिंता तनाव अवसाद समरीतीनाश एवं अनेक प्रकार के मानसिक रोग हो रहा है आयुर्वेद पद्धति से मनोरोगी के लिए उचित उपाय है जिसमें शिरोधारा शिरोबसती पंचकर्म विशेष रूप से फायदेमंद है। अश्वगंधा शतावरी ब्राम्ही वचा तुलसी शंखपुष्पी मुलेठी आदि का सेवन हितकर है। नियमित योग जैसे धनुरासन वीर भद्र आसन हलासन आदि का अभ्यास करना चाहिए। रोज छ से आठ घंटे सोये, संतुलित आहार लें, बादाम फल व हरी सब्जियां खाएं। इसके साथ ही साथ अधिक समय तक मोबाइल फोन टीबी लेपटॉप कम्प्यूटर आदि का उपयोग करने से बचें। जरूरत पडऩे पर चिकित्सक से सलाह लें एवं अनुकरण करें। इस कार्यक्रम में जिला पंचायत सदस्य आकाश मिश्रा, आयुर्वेद अधिकारी डॉ.मीरा भगत सहित ग्रामीण जन बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।