गौरेला पेंड्रा मरवाही, अक्टूबर 2022/ कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी की विशेष पहल पर जिले में नवाचारी प्रयास के तहत जिले के ऐसे बच्चे जो दृष्टिहीनता के कारण नियमित शिक्षा से दूर हो रहे थे तथा इन्हें सीखने का अवसर उपलब्ध नहीं हो पा रहा था, उनके सर्वांगीण विकास के लिए ’एक कदम और फाउंडेशन’ के सहयोग से एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है। इस कार्यक्रम के तहत जिले में 8 दृष्टिहीन बच्चों को इस कार्यक्रम हेतु चिन्हांकित किया गया तथा उनके शिक्षण एवं दैनिक जीवन के चुनौतियों को चिन्हांकित करते हुए सूचीबद्ध किया गया। तदुपरांत दृष्टिहीन बच्चों के शिक्षण अधिगम में वृद्धि करने हेतु विषय वस्तुओं को वालंटियर के माध्यम से बच्चों के साथ मिल कर कार्य किया जा रहा है। इनमें से 5 बच्चे गौरेला विकासखण्ड से एवं 3 बच्चे विकासखण्ड मरवाही से शामिल है। इनमें पहली कक्षा के 2 बच्चे, दूसरी के 2 बच्चे, तीसरी के 1 बच्चे, चौथी 1 बच्चे तथा सातवीं कक्षा में 2 बच्चे पढ़ते हैं।
aहितग्राही बच्चों को प्रशिक्षित वालेंटियर के माध्यम से संज्ञात्मक ज्ञान के अतिरिक्त व्यवारिक ज्ञान में भी निपुर्ण बनाया जा रहा है। नेत्रहीन बच्चों को उनके दैनिक जीवन के कार्यों को बिना किसी सहयोग लिए दक्ष बनाने का कार्य भी किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत दृष्टिहीन बच्चों को उनके घरों में उपयोग में लाये जाने वाले आवश्यक एवं मनोरंजन की सामग्रियों से परिचित भी कराया जा रहा है।
दृष्टिहीन बच्चों के पालक अपने बच्चे को स्कूल नहीं भेजते थे। बच्चे स्कूल में कैसे पढाई करेगा, अन्य बच्चों के साथ कैसे मिलजुल कर रहेगा, उनके सहपाठी बच्चे को हीन भावन से तो नहीं देखेंगे, बच्चे को घर से स्कूल तक कौन लेकर जायेगा, इन्ही सब कारणों से बच्चे शिक्षा की मुख्यधार से दूर रहते थे। किन्तु उनके बच्चों हेतु संचालित इस कार्यक्रम के प्रारंभ होने से चिन्तामुक्त हो गये तथा उनमें भी अपने बच्चों के लिए भाव जागृत हुआ की उनके बच्चे दृष्टिहीन होते हुए भी राष्ट्र एवं समाज के निमार्ण में अपने यथा श्रेष्ठ भूमिका निर्वाहन कर सकते हैं।
दृष्टिहीन बच्चों में संवेदनात्मक विकास में विभिन्न प्रकार का प्रयास सतत्रूप से किया जा रहा है जिसका यह सुखद परिणाम प्राप्त हुआ है कि बच्चों में अकादमिक उपलब्धि बढ़ी है। साथ ही साथ बच्चों में आत्मविश्वास और स्वयं सम्मान भावना से ओत-प्रोत हुए हैं। जिला प्रशासन का यह नवाचारी प्रयास न सिर्फ उन बच्चों के जीवन को सफल बनाने में सक्षम होगा बल्कि छत्तीसगढ़ के अन्य दृष्टिहीन बच्चों के सर्वांगिण विकास में मिल का पत्थर साबित होगा। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में श्री प्रवीण कुमार चौधरी जिला नोडल समावेशी शिक्षा, वंदना तिवारी बीआरपी पेण्ड्रा एवं मोना गौतम बीआरपी मरवाही सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।