सुनवाई में अनावेदक लगातार अनुपस्थित, पुलिस कांस्टेबल के साथ अनावेदक को आयोग कार्यालय में कराया जाएगा उपस्थित
धमतरी, 18 अक्टूबर 2022/ छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्य डॉ अनीता रावटे ने आयोग को मिले आवेदनों पर आज सुनवाई करते हुए विभिन्न प्रकरणों में अपना निर्णय सुनाया, साथ ही दोनों पक्षों की दलीलें भी सुनीं। आज की सुनवाई के दौरान कुल आठ प्रकरणों को नस्तीबद्ध किया गया। आयोग की सुनवाई में सामाजिक बहिष्कार के एक प्रकरण में पिछली सुनवाई में आयोग की ओर से जिला संरक्षण अधिकारी, नवा बिहान एवं पुलिस थाने के कांस्टेबल ग्रामसभा में उपस्थित थे।उनके द्वारा बताया गया कि ग्रामसभा की बैठक में आवेदिका को समाज में सम्मिलित करने की सार्वजनिक घोषणा की गई थी, जिसका समस्त दस्तावेज आयोग को प्रस्तुत किया गया। इसके बाद इस प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।
एक अन्य प्रकरण में एक अन्य प्रकरण में उभय पक्ष उपस्थित। आवेदिका ने अपनी बेटी के नाम से अनावेदिक के लिए शिकायत किया है। उन्होने स्वीकार किया है कि अनावेदक के शादी का उसकी पढाई का कर्ज अनावेदक की बात की थी और 35 लाख रुपये कॉलेज ने जमा भी किया था। उसके बाद बकाया पैसा नही दिया उसके बेटी के साथ धोखाधड़ी किया और बकाया फिस जमा करने के लिए आवेदिका ने आयोग में शिकायत प्रस्तुत किया है। अनावेदक का कथन है कि विवाह के 6 माह तक अलग-अलग सामाजिक बैठको में आवेदिका की बेटी को बुलाया गया। शादी के बाद 15 दिन अनावेदक के साथ रही उस के बाद आवेदिका की बेटी ने मोबाईल को ब्लॉक कर दिया 6 माह के बाद तालाक असगर के माध्यम से तलाक दिया और पढाई के 35 लाख रुपये मैने फिस जमा किया था। पैसा लेने के बाद किसी भी तरह का सम्पर्क और वैवाहिक संबंध नही रखा। इसलिए 2018 में आवेदिका की बेटी से तलाक हो चुका है। अनावेदक ने बताया कि मेरा विवाह हो चुका है और बच्चे भी हो चुके है। साथ ही बताया कि उसके पास आवेदिका की बेटी के विरूद्ध दस्तावेज को आवश्यकता पडने पर प्रस्तुत करेगा। आयोग द्वारा दोनो पक्षों को समझाईश दिया गया कि उसकी पुत्री अपना आवेदन प्रस्तुत कर सुनवाई की तिथि अनिवार्य रूप से उपस्थित हों। जिससे आगामी सुनवाई में अनावेदक को बुला सके। आवेदिका की बेटी इस प्रकरण में लगातार अनुपस्थित रही है। इस कारण प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।
जिला पंचायत के सभाकक्ष में आज दोपहर को आयोजित राज्य महिला आयोग की सुनवाई के दौरान अध्यक्ष डॉ. नायक ने विभिन्न प्रकरणों की सिलसिलेवार सुनवाई की। उन्होंने बताया कि जिले में मानव तस्करी का मामला शून्य है यानी धमतरी जिले में इसके अंतर्गत एक भी प्रकरण सामने नहीं आया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि शारीरिक शोषण, देह व्यापार व बंधुआ मजदूरी तक के लिए मानव तस्करी की जाती है। मानव तस्करी की समस्या से निपटने के लिए सबसे पहले लोगों को जागरूक करना होगा। इसके लिए सभी को मानव व्यापार के खतरों और उसके दुष्प्रभाव के बारे में गांव एवं शहर के लोगों को जागरूक करना होगा। डॉ. नायक ने बताया कि मानव तस्करी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ प्रत्येक जिले में भ्रमण करेगा, जो आमजनता में जागरूकता का कार्य करेगा। डॉ. नायक ने बताया कि यह रथ धमतरी जिले में जल्द ही पहुंचने वाला है।
एक अन्य प्रकरण में यह पाया गया कि अनावेदक आयोग की सुनवाई में लगातार अनुपस्थित रहा है। आज की सुनवाई के दौरान आवेदिका ने अपनी सुनवाई आयोग कार्यालय रायपुर में स्थानांतरित कर अनावेदक को तामिल कर इस प्रकरण की सुनवाई करने की मांग की, जिस पर विचार करते हुए उक्त प्रकरण को रायपुर जिले में स्थानांतरित किया गया। इन प्रकरणों के अलावा एक और मामले में सूचना के उपरांत भी आवेदिका अनुपस्थित रहीं, जबकि आवेदक उपस्थित रहा। इस संबंध में उनसे फोन पर पूछने पर कहा कि वह उक्त प्रकरण की सुनवाई आयोग में आगे जारी नही करना चाहती। साथ ही प्रकरण समाप्त करने का अनुरोध उनके द्वारा किया गया। उक्त प्रकरण को भी नस्तीबद्ध किया गया तथा अनावेदक पक्ष ने न्यायालय में चल रहे प्रकरण का दस्तावेज आयोग को दिया है। आयोग की सुनवाई के दौरान कलेक्टर श्री पी.एस. एल्मा, जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती प्रियंका महोबिया, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती मेघा टेंभुरकर सहित आयोग के अधिकारी-कर्मचारी और प्रकरणों की सुनवाई के लिए पहुंचे आवेदक एवं अनावेदक पक्ष के लोग उपस्थित थे।
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