छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ी भाखा में जनउला – हाना का विमोचन जैन दादाबाड़ी में

रायपुर। राष्ट्र संत श्री ललितप्रभ जी की निश्रा में लेखक तपेश जैन की पुस्तक छत्तीसगढ़ी हाना जनउला का विमोचन सादगी के साथ हुआ। जैन दादाबाड़ी में आयोजित जिनशासन रंगोत्सव के अवसर पर मुनि महाराज श्री ने आशीर्वचन देते हुए और अधिक कार्य करने की बात कही। इस अवसर पर जीतो लेडीज विंग की अध्यक्ष श्रीमती कुसुम श्री श्रीमाल , , श्रीमती शोभा जैन , श्रीमती पूजा बैद , श्रीमती नेहा जैन के साथ ही बड़ी संख्या में मातृ शक्ति उपस्थित थी। दीपावली के अवसर पर जैन दादाबाड़ी में 22 से 27 अक्टूबर तक सुबह शाम 7 से 10 बजे तक जैन धर्म , संस्कृति , दर्शन पर आधारित रंगोली व गहुँली का प्रदर्शन सभी वर्गों के लिए किया गया है। करीब तीस कलाकृतियां विभिन्न महिलाओं द्वारा बनाई गई है। गौरतलब है की तपेश जैन द्वारा अभी तक बीस से अधिक किताब का लेखन किया गया है। पहली बार छत्तीसगढ़ी भाखा में छत्तीसगढ़ी हाना व जनउला के संकलन के साथ ही उसका अर्थ छत्तीसगढ़ी में बताया गया है। इस कार्य में गीतांजलि साहू सहयोगी है। नरेंद्र ठाकुर -अंटू , श्रीमती टिंकी महक , श्रीमती अनुराधा यदु ने भी सहयोग किया है। पुस्तक का प्रकाशन निर्मला पब्लिकेशन जयपुर ने किया है। श्री जैन ने इससे पूर्व छत्तीसगढ़ आज कल , छत्तीसगढ़ी सिनेमा के पचास साल , पर्यटन का गढ़ -छत्तीसगढ़ आदि पुस्तकों की रचना की हैं।

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