छत्तीसगढ़

त्यौहार के दिन भी अलर्ट पर रही स्वास्थ्य सेवाएं

एचडब्ल्यूसी मंदिर हसौद पर लक्ष्मी पूजा के दिन हुए प्रसव, जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ

रायपुर, अक्टूबर 2022, दीपावली जैसे महत्वपूर्ण त्यौहार के अवसर पर भी स्वास्थ्य विभाग सतर्क रहा। इस दौरान जिला अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी तक में इमरजेंसी सेवाएं चालू रही जिसके फलस्वरूप हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर मंदिर हसौद में दीपावली के दिन 2 सामान्य प्रसव कराये गए।

हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर मंदिर हसौद की प्रभारी डॉक्टर विजयलक्ष्मी अनंत ने बताया: ‘’ विभाग द्वारा दीपावली त्यौहार को लेकर एडवाइजरी जारी की गई थी । जिसमें स्वास्थ्य सेवाओं को त्यौहार के समय में भी अलर्ट मोड पर रखा गया था। विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं के लिए और बर्न केस के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी, ताकि आपात स्थिति से आसानी से निपटा जा सके। केंद्र में दीपावली के दिन दो प्रसव कराए गए । वहीं 23 अक्टूबर को 3, 25 अक्टूबर को 5 और 26 अक्टूबर को 3 प्रसव कराए गए है ।“

ज्ञात रहे मंदिर हसौद हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में बीती छमाही में जिले के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में हुए प्रसव में सबसे अधिक संस्थागत प्रसव कराने में महत्वपूर्ण भूमिका रही है । बीती छमाही में सेंटर में 356 संस्थागत प्रसव कराये गये हैं ।

प्रसूता कृति विश्वकर्मा कहती हैं: “अचानक शाम में प्रसव पीड़ा शुरू होने के बाद घरवाले और मितानिन दीदी मुझे लेकर हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर मंदिर हसौद लेकर आये जहां मेरा सामान्य प्रसव कराया गया। साथ ही शासकीय सुविधाओं का लाभ भी मिला ।“

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के जिला मीडिया प्रभारी गजेन्द्र डोंगरे ने बताया: ‘’शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बिरगांव में लक्ष्मी पूजा के दिन 5 प्रसव, पीएचसी उरला में 24 अक्टूबर को 1 प्रसव, और 25 अक्टूबर को 4 प्रसव, हुए हैं वहीं सीएचसी धरसीवां में 3 सफल प्रसव कराए गए है ।“

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथिलेश कुमार चौधरी ने बताया: ‘’दीपावली के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं के दृष्टिगत जिले के समस्त स्वास्थ्य केंद्रों को यह निर्देश जारी किए गए थे कि इमरजेंसी सेवाएं पूरी सतर्कता के साथ 24 घंटे उपलब्ध रखें। साथ ही सभी सीएचसी और पीएचसी पर पर्याप्त साफ-सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान और जीवन रक्षक दवाओं की उपलब्धता अनिवार्य रूप से रखने को कहा गया था । जिला अस्पताल में बर्न वार्ड को भी अलर्ट रखा गया, साथ ही नेत्र रोग विभाग के चिकित्सकों को भी अलर्ट मोड पर रखा गया था।“

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