- जिलेवासियों को मिलेगी नि:शुल्क जांच, उपचार एवं परामर्श की सुविधा
- सिकल सेल को छुपाने की जरूरत नहीं बल्कि इससे लडऩे की आवश्यकता – मुख्यमंत्री
- जागरूकता से की जा सकती है सिकल सेल की रोकथाम
राजनांदगांव, अक्टूबर 2022। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज बसंतपुर स्थित जिला चिकित्सालय में सिकल सेल प्रबंधन केन्द्र का वर्चुअल शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा समाज में सिकल सेल की बीमारी के प्रति अज्ञानता के कारण इसे छुपाया जाता है। यदि कोई इस बीमारी का वाहक है तथा अन्य सिकल सेल से पीडि़त व्यक्ति से विवाह होने पर आने वाली पीढ़ी को जिन्दगी भर तकलीफ हो सकती है। सिकल सेल एक अनुवांशिक बीमारी है और आने वाली पीढ़ी को इससे सुरक्षित करना है। इस बीमारी को छुपाने की जरूरत नहीं बल्कि लडऩे की आवश्यकता है। सामाजिक जनजागरूकता से हम इस बीमारी से लडऩे में सफल होंगे। कुंडली मिलाने से ज्यादा जरूरी है कि ऐसी बीमारियों के प्रति जागरूकता रखते हुए इसकी रोकथाम की जाए। शासन द्वारा शिक्षा एवं स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सभी के स्वास्थ्य लाभ के लिए सरकार निरंतर कार्य कर रही है। हॉस्पिटल भवन, स्टॉफ, डॉक्टर, भर्ती की जा रही है। वहीं दवाईयों की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जा रही है। बड़ी संख्या में हमर लैब की स्थापना की गई है। जहां 20 से 40 प्रकार की जांच नि:शुल्क की जा रही है। विभिन्न प्रकार की बीमारियों की जांच मंहगी होती है जिसे देखते हुए यह कदम उठाया गया है। उन्होंने कहा कि सिकल सेल की जांच के लिए मितानीन को किट देकर प्रदेश भर में इसके लिए सर्वे किया जा सकता है। सिकल सेल के लिए बहुत से शोध किए जा रहे हैं, जिसके अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। इसका डाटा बेस तैयार होना चाहिए तथा व्यापक पैमाने पर उपचार के लिए दवाईयां दी जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही प्रदेश में सिकल सेल के लिए रिसर्च सेंटर प्रारंभ किया जाएगा। जो इस दिशा में महत्वपूर्ण एवं कारगर साबित होगा।
स्वास्थ्य मंत्री श्री टीएस सिंह देव ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा बेहतर कार्य किया जा रहा है। राष्ट्रीय स्तर के उच्चतम श्रेणी के रिसर्च सेंटर की दिशा में कार्य किया जा रहा है। इस संस्थान की एक ईकाई का शीघ्र ही लोकार्पण मुख्यमंत्री करेंगे। सिकल सेल प्रबंधन केन्द्र द्वारा नि:शुल्क जांच, उपचार एवं परामर्श की सुविधाएं दी जाएगी। जिससे नागरिकों को राहत मिलेगी। उन्होंने बताया कि सिकल सेल के उपचार के लिए हाईड्रोक्सी यूरिया उपयोगी साबित हो रही है जिससे रक्त की आवश्यकता काफी कम होती है। विशेषज्ञों की सलाह से इसका उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सिकल सेल से आने वाली पीढ़ी को सुरक्षित रखने के लिए जनजागरूकता जरूरी है। उन्होंने कहा कि बच्चों को निमोनिया की बीमारी से सुरक्षित रखने के लिए वैक्सीन जरूर लगाएं।
महापौर श्रीमती हेमा देशमुख ने कहा कि जिले में सिकल सेल प्रबंधन के प्रारंभ होने से जिलेवासियों को नि:शुल्क जांच, उपचार एवं परामर्श की सुविधा मिल सकेगी। आम जनता इससे लाभान्वित होगी। कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने कहा कि यह एक अच्छी पहल है और इससे जिलेवासियों को राहत मिलेगी। सिकल सेल एनीमिया एक अनुवांशिक बीमारी है। यहां मरीजों को जांच की सुविधा मिलने से बीमारी के बारे में शीघ्र पता चल सकेगा और उपचार मिलेगा। कई बार देर से पता चलने पर इलाज में देर होती है। उल्लेखनीय है कि सिकल सेल रोग लाल रक्त कोशिकाओं के समूह में उत्पन्न एक अनुवांशिक विकृति है। इस बीमारी में लाल रक्त कोशिकाएं कठोर और हंसिया आकार की हो जाती है, जिसकी वजह से आक्सीजन के प्रवाह में बाधा उत्पन्न होती है। रक्त वाहनियों में इस प्रकार के बाधा के कारण तीव्र दर्द, अंगों में खराबी, संक्रमण और स्ट्रोक का भी खतरा हो सकता है। राज्य में लगभग 2 से 3 लाख लोग सिकल सेल रोग से प्रभावित हैं। इसकी रोकथाम के लिये शासन द्वारा यह प्रभावी पहल की गई है। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती गीता साहू, जिला पंचायत सीईओ श्री अमित कुमार, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बंसोड़ सहित जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।