पोर्टल में शुन्य रकबा से संबंधित तकनीकी त्रुटि को तत्काल करे दूर
फौती बंटवारा के लंबित प्रकरणों के निराकरण में भी लाए तेजी
कलेक्टर श्री संजीव झा ने समय सीमा की समीक्षा बैठक में दिए निर्देश
कोरबा, नवंबर 2022 /कलेक्टर श्री संजीव झा ने आज समय सीमा की बैठक में कार्यपालन अभियन्ता लोक निर्माण विभाग को कड़े निर्देश देते हुए कहा कि जिले की जर्जर सड़कों में आवश्यक मरम्मत, पेंच वर्क सुधार कार्य करके नागरिको की सुविधा के लिए सड़कों को आवागमन लायक बनाएं। उन्होंने खराब सड़कों के मरम्मत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश देते हुए मरम्मत कार्य को जल्द पूर्ण करने के लिए कहा। उन्होंने मरम्मत लायक सड़कों के अप्रारम्भ कार्यों पर नाराजगी जताते हुए सभी सड़कों के निर्माण कार्य शीघ्र ही प्रारंभ करने के निर्देश दिए। कलेक्टर श्री झा ने बैठक में धान खरीदी की समीक्षा करते हुए खरीदी केंद्रों में सभी जरूरी सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने धान बेचने के लिए पंजीयन कराए गए कुछ किसानों के रकबा शून्य दिखाने की तकनीकी त्रुटि को तत्काल दूर करने के भी निर्देश दिए। कलेक्टर ने तहसीलदार पटवारी को समन्वय कर पोर्टल में रकबा से संबंधित तकनीकी त्रुटियों को अविलंब दूर करने के निर्देश दिए। इस दौरान अपर कलेक्टर श्री विजेंद्र पाटले, जिला पंचायत के सीईओ श्री नूतन कंवर, नगर निगम आयुक्त श्री प्रभाकर पांडे सहित अन्य जिला अधिकारी मौजूद रहे।
कलेक्टर श्री झा ने समय सीमा की समीक्षा बैठक में जिला में आर्थिक रूप से कमजोर तथा अन्य पिछड़ा वर्ग की ऑन लाइन एंट्री की अद्यतन स्थिति की भी जानकारी ली। उन्होंने कम प्रगति पर नाराजगी जताते हुए सर्वे के कार्य को तेजी से पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने राजस्व अधिकारियों को लंबित राजस्व प्रकरणों के त्वरित निराकरण के भी निर्देश दिए। कलेक्टर श्री झा ने ग्राम पंचायतों में मौजूद मृत्यु पंजी से मृतकों का आंकड़ा लेकर संबंधित का फौती नामांतरण में प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिए। इससे लंबित प्रकरणों के निराकरण में तेजी आएगी और ग्रामीणों को भी खाता विभाजन में सहूलियत होगी। उन्होंने तहसीलदारो को निर्देश दिये कि लंबित राजस्व सबंधी बंटवारे, नामांतरण आदि के प्रकरण गंभीरता से निराकृत किये जाये। उन्होंने कहा कि सभी तहसीलदार सीईओ जनपद पंचायत से समन्वय करते हुए ग्राम पंचायतों में सचिव द्वारा संधारित की जाने वाली मृत्यु पंजी के आधार पर पिछले पांच वर्षों के फौती नामांतरण के प्रकरणों का निराकरण करें।