छत्तीसगढ़

देवगुड़ी,स्मारक स्थलों को संरक्षित करने के लिए सम्बंधित देवताओं के नाम पर जारी करें सामुदायिक वन अधिकार पत्र: कमिश्नर श्री श्याम धावड़े

संवेदनशील क्षेत्रों में मनरेगा के कार्यों को प्राथमिकता देंसामाजिक प्रास्थिति प्रमाण पत्र में अनावश्यक दस्तावेज मांगने वाले अधिकारियों से मांगा जाएगा स्पष्टीकरण जगदलपुर, नवम्बर 2022/ कमिश्नर श्री श्याम धावड़े ने कहा कि जिलों में स्थित देवगुडी, मातागुडी, घोटूल, मृतक स्मारकों को संरक्षित करने के लिए 3-1 (ठ) के तहत् सामुदायिक वन अधिकार पत्र संबंधित देवी देवताओं के नाम पर करें। उन्होंने देव स्थलों को संरक्षित करने के लिए कैफियत कालम दर्ज करने हेतु राजस्व अधिकरियों द्वारा किये कार्य की सराहना भी की। कमिश्नर श्री धावड़े शनिवार को संभागायुक्त कार्यालय में आयोजित बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत संचालित कार्यों की समीक्षा की। बैठक में उन्होंने कहा कि संवेदनशील क्षेत्रों में मनरेगा के अधिक से अधिक कार्य संचालित किया जाए जिससे योजना के माध्यम से ग्रामीणों को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो। मनरेगा और रीपा के तहत ग्रामीणों को लघु उद्योगों के माध्यम से अधिक से अधिक रोजगार प्रदान करने के निर्देश कमिश्नर द्वारा दिए गए। वन अधिकार मान्यता पत्र धारक किसान और ग्रामीणों को अन्य शासकीय योजनाओं से लाभान्वित करने के निर्देश भी दिए। कमिश्नर ने सामाजिक प्रास्थिति प्रमाण पत्र जारी करने हेतु अनावश्यक दस्तावेजों की मांग करने वाले अधिकारियों को स्पष्टीकरण जारी करने के निर्देश भी दिए।
बैठक में मनरेगा अंतर्गत वन अधिकार पट्टा धारियों के भूमि में अब तक स्वीकृत हितग्राही मूलक कार्यो तथा तथा नरवा गरुआ, घुरवा बाड़ी योजना के तहत स्वीकृत कार्यों की वित्तीय एवं भौतिक प्रगति की समीक्षा की गई। गौठानों में अधिक से अधिक फसल अपशिष्ट और पैरादान करने के निर्देश भी दिए गए। वर्षा ऋतु पश्चात् जिले में किये गये नालाबंधान की जनपद पंचायतवार समीक्षा करते हुए कमिश्नर ने कहा कि नरवा विकास समय की आवश्यकता है। जल संरक्षण के लिए बनाए गए पुराने अधोसंरचनाओं का जीर्णोद्धार कार्य को प्राथमिकता देने पर भी उन्होंने जोर दिया।े
कौशल विकास योजनांतर्गत लक्ष्य, पूर्ति एवं रोजगार की स्थिति पर समीक्षा के दौरान स्थानीय आवश्यकता के अनुसार प्रशिक्षण की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए। बैठक में बस्तर आदिवासी विकास प्राधिकरण अंतर्गत स्वीकृत कार्यो की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की समीक्षा करते हुए सभी स्वीकृत कार्यों को निर्धारित समयावधि में पूर्ण करने के निर्देश दिए गए।
बैठक में कोंडागांव जिले में मक्का प्रोसेसिंग यूनिट के स्थापना की प्रगति की समीक्षा की गई। .ओरछा विकासखण्ड मुख्यालय में अधिकारी-कर्मचारियों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने ओरछा विकासखण्ड मुख्यालय में समय-सीमा की बैठक माह में एक बार अनिवार्य तौर पर आयोजित करने के निर्देश भी दिए। अपने ओरछा निरीक्षण दौरे में दिए गए निर्देशों के पालन की भी उन्होंने समीक्षा की। उन्होंने बेनूर और छोटे डोंगर में एंबुलेंस की सुविधा प्रदान करने के लिए भी निर्देशित किया।
दिव्यांगजनों की पहचान के लिए शिविरों का आयोजन करने तथा शासकीय योजनाओं से लाभान्वित करने के निर्देश दिए। उन्होंने दिव्यांग जनों को विशेष पहचान पत्र जारी करने  तथा सहायक उपकरण एवं कृत्रिम अंग उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए।
ग्राम पंचायतों में सचिवों के रिक्त पदों की पूर्ति के लिए शासन को प्रस्ताव भेजने पर चर्चा की गई। बस्तर संभाग में कृषि कार्य की समीक्षा करते हुए अधिक से अधिक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराने के निर्देश दिए, जिससे खेती-किसानी के लिए बिना ब्याज के ऋण उपलब्ध कराया जा सके। बैठक में डिप्टी कमिश्नर श्री बीएस सिदार, श्रीमती माधुरी सोम श्री ऋतुराज बिसेन सहित सभी सातों जिले के जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, शिक्षा विभाग के संयुक्त संचालक, आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त तथा जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी उपस्थित थे।

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