छत्तीसगढ़

नट समुदाय को आगे बढ़ाने तैयार किया जाएगा आजीविका संवर्धन प्रोजेक्ट

— कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा की पहल पर नट समुदाय को किया जा रहा प्रोत्साहित
— पशुपालन विभाग, मनरेगा, एनआरएलएम सहित अन्य विभागों के अधिकारियों ने एकत्रित की जानकारी
— सुअर पालन करने वाले नट समुदाय को दी गई स्वास्थ्य संबंधी जानकारी

जांजगीर-चांपा। जिला कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा के निर्देश एवं जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ ज्योति पटेल के मार्गदर्शन में नट समुदायों के उत्थान के लिए आजीविका संवर्धन की दिशा में पहल करते हुए प्रोजेक्ट तैयार किया जाएगा। जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य से लेकर उनके लिए आजीविका गतिविधियों के माध्यम से आगे बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। इसको लेकर जनपद पंचायत स्तर से एक टीम ने गुरूवार को पामगढ़ विकासखण्ड में रहने वाले नट समुदाय से मिलकर जानकारी प्राप्त की। इस दौरान पशुपालन विभाग द्वारा सुअर पालन करने वालों को स्वास्थ्य शिविर लगाकर जानकारी दी गई और सुअर का टीकाकरण भी किया।
जिला कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा ने विगत दिनों पामगढ़ विकासखण्ड के बारगांव ग्राम पंचायत का दौरा किया था। इस दौरान उन्हें गांव में रहने वाले नट समुदाय की जानकारी मिली। उन्होंने समुदाय की महिला, पुरूष एवं समुदाय के युवाओं से चर्चा करते हुए आजीविका संवर्धन की दिशा में कार्य करने कहा। जिला कलेक्टर श्री सिन्हा के निर्देश पर बुधवार को जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन डॉ. ज्योति पटेल ने बारगांव पहुंचकर नट समुदाय की महिलाओं, युवाओं एवं बुजुर्गो से मिलने पहुंची थी, उन्होंने विस्तार से समुदाय की जानकारी ली और उन्हें शासन की चलाई जा रही योजनाओं से अवगत कराया। उन्होंने इस दौरान कहा कि शासन की योजनाओं से लाभ लेते हुए कुछ कदम आप चले कुछ कदम हम चलेंगे तो समाज का उत्थान बेहतर तरीके से होगा। इस दौरान उन्होंने पशुपालन विभाग विकासखण्ड पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. जैनेन्द्र सूर्यवंशी, मनरेगा कार्यक्रम अधिकारी श्री सौरभ शुक्ला, एनआरएलएम टीम के सदस्यों सहित अन्य विभागों के अधिकारियों से डिटेल रिपोर्ट तैयार कर प्रोजेक्ट तैयार करने कहा। जिसके बाद गुरूवार को टीम ने भ्रमण करते हुए आजीविका के लिए सुअर पालन, मुर्गीपालन, बतख पालन एवं अन्य व्यवसाय की जानकारी एकत्रित की।
सुअर का किया गया स्वास्थ्य परीक्षण
कलेक्टर श्री सिन्हा एवं जिपं सीईओ के निर्देश पर गुरूवार को बारगांव में सुअर पालन के लिए स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया। नट समुदाय को पशुधन विभाग द्वारा उनके पारंपरिक व्यवसाय को प्रोत्साहित करते हुए विभागीय जानकारी के साथ तकनीकी मार्गदर्शन व वैज्ञानिक पद्धति से सुअर पालन के बारे में बताया गया। इस दौरान सुअर के शेड में जाकर उनका स्वास्थ्य परीक्षण कर बेहतर रखरखाव प्रबंधन से अवगत कराया। हेल्थ चेकअप करते हुए स्वास्थ्यवर्धक दवा मिनरल मिक्चर आहार दाना भूषा के बारे में बताते हुए कहा कि इसको मिला कर खिलाने से सुअर की शारीरिक वृद्धि अच्छी होती है और वजन भी बढ़ता है। इसके अलावा कृमि नाशक दवा वितरण किया गया जिसमे एल्बेंडाजोल का सिरप और प्रेग्नेंट सुअर को फेन बेंडाजोले टेबलेट दिया गया। सुअर को दवाई का सेवन किस तरह से कराना चाहिए इसकी जानकारी दी गई। कृमि नाशक दवा देने से पेट में उपस्थित गोल कृमि, फीता कृमि या फ्लूक्रीम के संक्रमण से सुरक्षित मिलती है। नियमित रूप से हर तीन माह मंे यह दवा सुअर को पिलाना चाहिए जिससे सुअर बीमार नही पडेंगे। इसके अलावा एनीमिया, स्वाइन फ्लू स्वाइन फीवर, एलर्जी, त्वचा रोग जैसे बीमारी के बारे में भी जानकारी दी गई।

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