राज्य शासन के 4 साल पूर्ण होने पर जिले के वनांचल गांव से लेकर मैदानी ग्राम तक ग्रामीणों ने मनाया छत्तीसगढ़ गौरव दिवस
ग्रामीणों ने मिलकर किया शासकीय योजनाओं पर चर्चा, विभिन्न योजनाओं के संबंध में ग्रामीणों का हुआ ज्ञानवर्धन
कवर्धा, 17 दिसंबर 2022। जिले के ग्रामीण अंचलों में छत्तीसगढ़ गौरव दिवस का धूमधाम से आयोजन किया गया। इस अवसर पर ग्राम पंचायतों भवन गौठान एवं महात्मा गांधी नरेगा के कार्य स्थलों में ग्रामीणों ने मिलकर शासन की उपलब्धियों पर चर्चा करते हुए विभिन्न हितग्राही एवं सामुदायिक मुलक कार्य से समाज को होने वाले लाभ पर बात की। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार की सफलता पूर्वक चार वर्ष पूरे होने पर आज पूरे राज्य में छत्तीसगढ़ गौरव दिवस का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन जिले के वनांचल क्षेत्र से लेकर मैदानी क्षेत्र के ग्राम पंचायतों आयोजित हुआ है। गौरव दिवस में चर्चा के दौरान ग्रामीणों के भागीदारी से बार फिर या दिखने लगा है कि राज्य शासन की योजना से समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक लाभ पहुंच रहा है। चाहे गोधन न्याय योजना हो या फिर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत ग्रामीणों को रोजगार का अवसर या फिर आजीविका के केंद्रों के रूप में विकसित गौठानो का उन्नयन सभी जगह विकास से जुड़कर ग्रामीण आर्थिक रूप से सशक्त होकर आगे बढ़ रहे हैं।
चार साल के उपलब्धियों की कहानी आंकड़ों की जुबानी
गोधन न्याय योजना
परंपरागत कार्यों को बढ़ावा देते हुए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने शासन द्वारा गोधन न्याय योजना की शुरुआत की गई।जिले के 6933 हितग्राहियों ने गोबर विक्रय करने के लिए पंजीयन कराया। अब तक 326936.241 क्विंटल गोबर की खरीदी किया गया है। खरीदे गए गोबर से अभी तक 86700 क्विंटल कंपोस्ट का उत्पादन हुआ है जिसमें से 64044 क्विंटल कंपोस्ट की विक्रय हो चुका है। गोबर विक्रय से जिले के ग्रामीणों को 6 करोड़ 53 लाख 87 हजार रुपये मिले।इसी तरह विभिन्न समूह को 2 करोड़ 59 हजार रुपए से अधिक की आमदनी हुई और साथ में 64 लाख रुपये से अधिक का भुगतान बोनस के रूप में प्राप्त हुआ। इस योजना से 302 गौठानो से ग्रामीणों को आर्थिक संबल मिला एवं ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा हुए।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना
विगत 4 वर्षों में जिले के अंदर रोजगार गारंटी योजना ने अनेक उपलब्धियां हासिल की। उल्लेखनीय है कि वैश्विक महामारी कोरोना काल के दौरान जब पूरी दुनिया लॉकडाउन में थमी हुई थी शहरी क्षेत्रों में रोजगार के कोई अवसर नहीं थे एवं ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीणों के आय के साधन सिमट गए थे उस दौरान महात्मा गांधी नरेगा योजना ग्रामीणों के लिए संजीवनी साबित हुई।ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बनाए रखते हुए वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान जिले में 96 लाख मानव दिवस रोजगार देकर 144 करोड़ 89 लाख रुपए मजदूरी भुगतान ग्रामीणों को मिला। इसी तरह वित्तीय वर्ष 2021-22 में 89 लाख 40 हजार मानव दिवस का रोजगार ग्रामीणों को देकर 133 करोड़ 79 लाख रुपए का मजदूरी भुगतान किया गया।इसी दौरान क्रमशः 28836 एवं 23905 परिवारों को 100 दिवस का रोजगार मिला। रोजगार देने एवं मजदूरी भुगतान का यहां कार्य ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी निरंतर चल रहा है और चालू वित्तीय वर्ष में 45 करोड़ 67 लाख 83 हजार रुपये का मजदूरी भुगतान ग्रामीणों को मिल चुका है।ग्रामीण अंचलों में बहुत से हितग्राही एवं सामुदायिक मुल्क कार्य लगातार कराए जा रहे है।
ग्रामीण हो रहे आत्मनिर्भर : कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे
कलेक्टर कबीरधाम श्री जनमेजय महोबे बताते हैं कि गोधन न्याय योजना महात्मा गांधी नरेगा योजना गौठानो का विकास सभी योजनाओं से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई ऊर्जा मिली है। स्थानीय स्तर पर विभिन्न उत्पादन तैयार कर विक्रय किए जा रहे हैं जिनकी मांग शहरी क्षेत्र में बढ़ गई है। वर्मी खाद, जैविक सब्जी उत्पादन, हर्बल गुलाल, छत्तीसगढ़ी व्यंजन, बैंक सखी के माध्यम से राशियों का अंतरण, राखी निर्माण, गोमूत्र की खरीदी जैसे अनेक हितग्राही मुल्क योजना से ग्रामीण सीधे लाभान्वित हो रहे हैं इन कार्यों से अब ग्रामीण आत्मनिर्भर होने लगे हैं।
परंपराओं के साथ विकास की ओर अग्रसरः सीईओ श्री संदीप अग्रवाल
शासन की उपलब्धियों पर सीईओ जिला पंचायत श्री संदीप कुमार अग्रवाल बताते हैं कि नरवा गरवा घुरवा और बाड़ी गोधन न्याय योजना महात्मा गांधी नरेगा योजना जैसे अनेक विकास कार्यक्रमों से ग्रामीण निरंतर लाभान्वित हो रहे हैं। सभी योजनाएं छत्तीसगढ़ी परंपराओं को देखते हुए बनाए गए हैं। यही कारण है कि ग्रामीणों का पूरा सहयोग इन योजनाओं के क्रियान्वयन में मिलता है और ग्रामीण इससे सीधे तौर पर लाभान्वित हो रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में नरवा के तहत छोटी-छोटी नालियों के जीर्णोद्धार से पानी की उपलब्धता बढ़ गई जो खेती किसानी में सहायक होने लगी। गौठान विकास से आजीविका के नए केंद्र खुले, गोधन न्याय योजना में गोबर विक्रय कर ग्रामीण आर्थिक से लाभान्वित हो रहे हैं।स्व सहायता समूह के माध्यम से महिलाएं आजीविका पा रही है और यह सभी कार्य स्थानीय परंपराओं के अनुसार बेहतर तरीके से क्रियान्वित हो रहा है।