छत्तीसगढ़

सुशासन सप्ताह ‘‘प्रशासन गांव की ओर’’

जिला कलेक्ट्रेट में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित

 लोगों की भलाई करना ही सही मायने में है सुशासन – मुख्य अतिथि श्री ओगरे

सुशासन का उद्देश्य समस्याओं के निराकरण के साथ लोगों के चेहरों में दिखे मुस्कान – अपर कलेक्टर श्री अग्रवाल

25 दिसंबर तक चलेगा सुशासन सप्ताह

मुंगेली 23 दिसम्बर 2022// शासन के निर्देशानुसार जनशिकायतों के त्वरित समाधान और बेहतर सेवा वितरण के लिए जिला प्रशासन द्वारा 25 दिसंबर तक सुशासन सप्ताह ‘‘प्रशासन गांव की ओर’’ मनाया जा रहा है। इस कड़ी में आज कलेक्टर श्री राहुल देव के मार्गदर्शन में जिला कलेक्टोरेट स्थित मनियारी सभाकक्ष में कार्यशाला का आयोजन किया गया। सेवानिवृत्त अपर कलेक्टर श्री के. आर. ओगरे ने मुख्य अतिथि के आसंदी से छत्तीसगढ़ महतारी के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित और पूजा अर्चना कर कार्यशाला का शुभारंभ किया। मुख्य अतिथि श्री ओगरे ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी 25 दिसंबर को सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इसी परिप्रेक्ष्य में 19 से 25 दिसंबर तक सुशासन सप्ताह मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सुशासन का सही मायनों में अर्थ नियम कानून और संविधान के दायरे में रहकर लोगों की भलाई करना है। पहले के दौर में लोगों की शासन और प्रशासन के बीच में दूरी अधिक थी। संचार माध्यम और लोगों में जागरूकता बढ़ने से लोग अब शासन व प्रशासन के काफी नजदीक आ गए हैं। उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति किसी समस्या को लेकर आपके पास पहुंचे और वह आपके अधिकार क्षेत्र में नहीं है, तो उस व्यक्ति को उचित मार्गदर्शन जरूर दें। जिससे उनकी समस्या का समाधान हो सके। यह भी सुशासन का एक हिस्सा है। उन्होंने जिला प्रशासन द्वारा संचालित कॉल सेंटर की सराहना करते हुए कहा कि यह जिला प्रशासन की बहुत अच्छी पहल है, जिसके माध्यम से जनसमस्याओं और शिकायतों का त्वरित समाधान किया जा रहा है।
अपर कलेक्टर श्री तीर्थराज अग्रवाल ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि सुशासन सप्ताह के माध्यम से प्रशासन की भूमिका कैसी होनी चाहिए, प्रशासन की पहुंच आम जनता तक कैसे हो सके, लोग जागरूक कैसे हो, इस हेतु जिला प्रशासन द्वारा लगातार प्रयास किया जा है। उन्होंने कहा कि पहले की परिस्थिति और वर्तमान की परिस्थिति में काफी अंतर है। पहले बहुत कम लोग ही प्रशासन तक पहुंच पाते थे। वर्ष 2005 में सूचना का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद प्रशासन का जवाबदेही तय हुआ है। तब से अधिक लोगों का पहुंच प्रशासन तक बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास लोगों की समस्याओं के निराकरण के साथ व्यक्ति के संतुष्टि और उनके चेहरे में मुस्कान लाने तक होना चाहिए। आमजनों को शासन से मिलने वाली सुविधाओं के लिए भटकना न पड़े, इसके लिए हमें अपने कार्यप्रणाली में जरूर सुधार लाना चाहिए। वास्तव में दीन हीन व ऐसे व्यक्ति जो अपने अधिकारों के प्रति जागरूक नहीं है, उनके लिए कुछ करते हैं, तो वह सही मायनों में सुशासन है। कार्यशाला में जिले में किए गए विभिन्न नवाचारों काॅल सेंटर, जनदर्शन, कला केन्द्र, समर कैम्प, सैन्य भर्ती प्रशिक्षण, आकांक्षा प्लेटफार्म आदि को डाक्यूमेंट्री फिल्म के माध्यम से प्रदर्शित किया गया। कार्यशाला के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। संयुक्त कलेक्टर श्रीमती नम्रता आनंद डोंगरे ने आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर एसडीएम मुंगेली सुश्री आकांक्षा शिक्षा खलखो सहित जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

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