सुकमा 23 दिसम्बर 2022/ 18 वर्ष से कम उम्र के विचारधीन बंदी जेल में न हो, इसका सत्यापन करने विशेषज्ञ समिति ने जिला जेल सुकमा का निरीक्षण किया। जेल में निरुद्ध बंदियों से पूछताछ कर उम्र की जानकारी ली गई। सुप्रीमकोर्ट एवं सर्वाेच्च न्यायालय नई दिल्ली के निर्देशों पर जेल में रह रहे विचारधीन बंदियों जिनकी उम्र 18 वर्ष से कम तो नही, कही त्रुटिवश नाबालिगों को तो जेल में निरुद्ध नही रखा गया है, इसका सत्यापन किया जा रहा है। इसके लिए शासन के निर्देशानुसार ज़िले में जेल निरीक्षण समिति का गठन किया गया है। समिति में जिला बाल संरक्षण इकाई सुकमा से जिला बाल संरक्षण अधिकारी श्री जितेन्द्र सिंह बघेल, विधिक सह परिवीक्षा अधिकारी श्री चंद्र किशोर बघेल, अधिवक्ता एवं सामाजिक कार्यकर्ता श्री कैलाश जैन,अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) सुकमा श्री परमेश्वर तिलकवार, ज़िला चिकित्सालय से डॉ दीपेश चंद्राकर शामिल रहे।
सुप्रीमकोर्ट के निर्देशानुसार समिति द्वारा प्रत्येक तिमाही में निरीक्षण किया जाता है तथा समिति अपना प्रतिवेदन विधिक सेवा प्राधिकरण दंतेवाड़ा की ओर आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित करती है। जांच के दौरान विचारधीन निरुद्ध बंदियों में जिनकी उम्र 18 वर्ष से कम पाई जाती है उन्हें संप्रेक्षण ग्रह स्थानांतरित किया जाता है। जेल में विचाराधीन बंदी, जिनकी उम्र 18 से 20 वर्ष है, उनसे उनकी वास्तविक उम्र, जन्मतिथि आदि के बारे में जानकारी ली गई।