छत्तीसगढ़

संवेदनशील, व्यवस्थित, विकेन्द्रित होना चाहिए प्रशासन – कलेक्टर

  • शासन की योजनाओं का हो बेहतरीन क्रियान्वयन, दिखना चाहिए प्रशासन के कार्य
  • सुशासन के लिए बेहतर सेवा तथा जमीनी स्तर पर नागरिकों की समस्याओं के समाधान के संबंध में की गई चर्चा
  • सुशासन सप्ताह के अंतर्गत प्रशासन गांव की ओर अभियान के तहत कार्यशाला का आयोजन
    राजनांदगांव 23 दिसम्बर 2022। सुशासन सप्ताह के अंतर्गत प्रशासन गांव की ओर अभियान के तहत कलेक्टर श्री डोमन सिंह की अध्यक्षता में कलेक्टोरेट सभाकक्ष में कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सुशासन के लिए बेहतर सेवा तथा जमीनी स्तर पर नागरिकों की समस्याओं के समाधान के संबंध में चर्चा की गई। कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि सुशासन के लिए यह जरूरी है कि नागरिकों से जुड़े सभी कार्य व्यवस्थित तरीके से होना चाहिए। 19 दिसम्बर से 23 दिसम्बर तक सुशासन सप्ताह के अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है और एक विजन के साथ आज सभी ने अपने अनुभवों को साझा किया है। उन्होंने कहा कि प्रशासन के कार्य दिखना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रति मंगलवार सप्ताह में एक बार जनचौपाल के माध्यम से जनसामान्य की समस्याओं के निराकरण के लिए कार्य किया जा रहा है। विकेन्द्रित जनचौपाल के माध्यम से सभी अनुविभागों, सभी नगरीय निकायों, जनपद पंचायत, नगर पंचायत, तहसील कार्यालय में भी जनचौपाल का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक व्यवस्था व्यवस्थित तरीके से होनी चाहिए। जनसामान्य की समस्याओं को संवेदनशीलता पूर्वक सुनकर निराकरण करना चाहिए। लोगों के समय, श्रम, राशि की बचत होना चाहिए। जिला प्रशासन द्वारा शुक्रवार को प्रति सप्ताह किसी एक विकासखंड के गांव में भ्रमण कर वहां शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति का निरीक्षण किया जा रहा है। जिससे समीप से वस्तुस्थिति की जानकारी तथा समस्या का निदान आसान हुआ है। उन्होंने कहा कि विजन 2047 तक ऐसी स्थिति होनी चाहिए कि नागरिकों को शासन की योजनाओं सहित अन्य शासकीय जानकारी उपलब्ध हो। उन्होंने सभी को बेहतरीन कार्य करने तथा सेवाएं देने के लिए शुभकामनाएं दी।
    जिला पंचायत सीईओ श्री अमित कुमार ने कहा कि विजन 2047 तक यह अपेक्षा रहेगी कि सभी साक्षर बनें तथा उन्हें शासन की सभी जानकारी वेबसाईट के माध्यम से सहज उपलब्ध हो सके। हमारा जिला कृषि प्रधान होने के कारण कृषि के क्षेत्र में अग्रणी रहे तथा उद्यमिता का विकास हो। उन्होंने कहा कि सुशासन, दक्ष एवं प्रभावी होने के साथ ही नागरिकों की पहुंच में होना चाहिए। इन्हीं मापदण्डों के अनुसार शासन योजनाओं का मूल्यांकन करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि शासन की योजनाओं का क्रियान्वयन ऐसा हो कि आम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंंच सके। जनचौपाल के माध्यम से जनसामान्य के शिकायतों का निराकरण किया जा रहा है। ऐसी स्थिति होनी चाहिए कि किसी भी नागरिक को समस्या हो तो वह अपनी समस्या बिना संकोच के प्रशासन के समक्ष बता सके। उन्होंने नवाचार को आगे बढ़ाने की बात कही। उन्होंने कहा कि प्रशासन के कार्य परिणाममूलक होना चाहिए। अपर कलेक्टर श्री सीएल मारकण्डेय ने कहा कि भारतीय संविधान में सशक्त पंचायतीराज की स्थापना के लिए व्यवस्था की गई है। ग्राम सभा को मजबूत बनाया गया है। समय के साथ ही यह संभव हो सका कि ग्रामसभा सशक्त बन रहे हैं और यह जरूरी है कि सभी समस्याओं का निराकरण ग्राम स्तर पर ही हो जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन के साथ ही उन्हें उनके अधिकार और कर्तव्य बताने की आवश्यकता है।
    सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग श्री संतोष वाहने ने आदिवासी क्षेत्रों में प्रशासन की भूमिका के संबंध में जानकारी दी। संयुक्त कलेक्टर श्री खेमलाल वर्मा ने कहा कि मनोविज्ञान के अनुसार प्रशासन को सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ कार्य करना चाहिए। नागरिकों की सेवा के लिए ईमानदारी एवं निष्ठा से कार्य करना चाहिए। जिला ई-प्रबंधक श्री सौरभ मिश्रा ने कहा कि सुशासन सप्ताह के अंतर्गत योजनाओं का क्रियान्वयन जमीनी स्तर पर होना चाहिए। इंटरनेट कनेक्टीविटी के कारण समन्वय आसान हुआ है तथा एडवांस टेक्नोलॉजी से प्रशासन को मजबूती मिली है। विजन 2047 नागरिकों तक सुशासन पहुंचाने का कार्य करना है। शासकीय दिग्विजय कॉलेज के सहायक प्राध्यापक श्री राजकुमार बंजारे ने कहा कि 21वीं सदी के अनुरूप विगत 20 वर्षों में सुशासन के लिए बहुत से परिवर्तन आए हैं। प्रशासन में पारदर्शिता, जवाबदेही, सुशासन बढ़ा है। सूचना के अधिकार की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। शासन की योजनाओं का आम नागरिकों को लाभ मिल रहा है।
    नीति आयोग की फैलो सुश्री दिशा ने कहा कि सुशासन के अंतर्गत जवाबदेही, पारदर्शिता तथा निर्णयन क्षमता जरूरी है। जमीनी स्तर पर शासन की योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने की दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है। फैलो श्री उदयन सान्याल ने कहा कि प्रशासन गांव की ओर अवधारणा अच्छी है। जिले में इसका अच्छा क्रियान्वयन हो रहा है। सहायक प्राध्यापक मनोविज्ञान डॉ. बसंत कुमार सोनबेर ने कहा कि प्रशासन पारदर्शी, जवाबदेह तथा ईमानदार होना चाहिए। हमारी कोशिश होनी चाहिए कि कार्य आसान बने न कि जटिल। सहायक प्राध्यापक वाणिज्य डॉ. एएन माखिजा ने कहा कि प्रशासन एवं सुशासन एक दूसरे के पूरक हैं। गांव के विकास की दिशा में यह अभियान महत्वपूर्ण है। शासन हर स्तर पर अपने कार्य को सरल, त्वरित एवं पारदर्शी बना रही है। जिला प्रशासन द्वारा आम नागरिकों की बेहतर सेवा के लिए कार्य किया जा रहा है। इस अवसर पर डिप्टी कलेक्टर श्रीमती सरस्वती बंजारे, प्रोफेसर, अन्य अधिकारी एवं वक्ता उपस्थित थे।

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