छत्तीसगढ़

पपीते की खेती से हुआ मुनाफा

  • धनाराम हुए धनी
  • 5 लाख रूपए की हुई आमदनी
  • कतार में लगे पपीता के खेत मनोहारी
    राजनांदगांव, दिसम्बर 2022। राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम बरबसपुर के श्री धनाराम के पपीते की खेती की बात ही निराली है। दूर तक कतार में लगे पतीते के खेत मनोहारी हैं। श्री धनाराम ने बताया कि विगत वर्ष पपीते की खेती से 5 लाख रूपए का फायदा हुआ था। इस बार भी लगभग 5 लाख रूपए तक आमदनी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि शासन की नरवा, घुरूवा, गरूवा और बाड़ी योजना बहुत अच्छी है और शासन द्वारा खेती-किसानी को बहुत प्रोत्साहन दिया जा रहा है। उन्होंने 7 एकड़ में रेड लेडी 786 वेरायटी का पपीता लगाया है। वे मल्चिंग विधि से पपीते की खेती कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वे राजनांदगांव, दुर्ग एवं भिलाई के मार्केट में पपीता बिक्री के लिए भेज रहे हैं। राष्ट्रीय बागवानी मिशन के अंतर्गत संरक्षित खेत के तहत उन्हें मल्ंिचग शीट के लिए उन्हें 32 हजार रूपए अनुदान मिला है। वहीं 4 लाख के पैक हाऊस के लिए 2 लाख रूपए का अनुदान शासन की ओर से मिला है। पैक हाऊस में उत्पादों को स्टोर करने में बहुत सुविधा हो रही है। श्री धनाराम ने कहा कि दो वर्ष से पपीते की खेती कर रहे हंै। साथ ही उद्यानिकी विभाग द्वारा ग्राफ्टटेड आम भी दिया गया था। अब वे नेट हाऊस के माध्यम से शिमला मिर्च लगाने के लिए सोच रहे हैं। उन्होंने बताया कि धान के बदले फल लगाने पर उन्हें राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत प्रति एकड़ 9000 के मान से 63 हजार रूपए की राशि मिलेगी।

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