एजेंसी की अमानत राशि 20 लाख रूपए भी नागरिक आपूर्ति निगम के पक्ष में राजसात
कोरबा 29 दिसंबर 2022/शासकीय चांवल के अफरा-तफरी करते पाए जाने पर नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा अनुबंधित परिवहन कर्ता एजेंसी मेसर्स महावीर जैन को तीन वर्षों के लिए परिवहन हेतु अयोग्य घोषित कर दिया गया है। साथ ही परिवहन निविदा नियमों एवं शर्तों के उल्लंघन करने पर अनुबंध के साथ एजेंसी द्वारा जमा अमानत-जमानत राशि 20 लाख रूपए भी नागरिक आपूर्ति निगम के पक्ष में राजसात किया गया है। इस संबंध में प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (नान) द्वारा आदेश जारी किया गया है।
जारी आदेशानुसार खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 अंतर्गत जिला कोरबा के लिए निगम द्वारा परिवहनकर्ता मेसर्स महावीर जैन को अनुबंधित किया गया है। 22 सितंबर 2022 को परिवहन के दौरान कोरबा विकासखण्ड के ग्राम सतरेंगा का खाद्यान्न सामग्री वेयर हाउस गोदाम कोरबा से लोड कर वाहन क्रमांक सीजी 12 एस 6291 में सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत भण्डारण के लिए लोडिंग चांवल की अफरा-तफरी करते हुए जिला प्रशासन के अमले द्वारा पकड़ा गया था। मामले की जांच जिला प्रशासन के अधिकारियों एवं जिला प्रबंधक नान के द्वारा की गई। जांच में चांवल की मात्रा में 10.98 क्विंटल की कमी पाई गई। इस संबंध में मेसर्स महावीर जैन तथा वाहन चालक के विरूद्ध रामपुर थाना में एफआईआर दर्ज कराया गया। साथ ही जिला प्रशासन द्वारा संबंधित परिवहनकर्ता एजेंसी महावीर जैन को अयोग्य घोषित करते हुए ब्लैक लिस्टेट करने का प्रस्ताव नागरिक आपूर्ति निगम के राज्य कार्यालय को भेजा गया। इस संबंध में निगम द्वारा परिवहनकर्ता एजेंसी को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया था। प्रबंध संचालक नान के द्वारा परिवहनकर्ता एजेंसी की कारण बताओ सूचना पत्र के जवाब पर व्यक्तिगत सुनवाई की गई। सुनवाई में मेसर्स महावीर जैन द्वारा प्रस्तुत प्रत्युत्तर समाधान कारक नहीं पाया गया। परिवहनकर्ता द्वारा उक्त कृत्य परिवहन निविदा नियम एवं शर्त 26.1, 26.2, 27.12, 27.13, 31.1, 31.2, 31.3, 31.5 एवं 31.6 के विपरीत पाये गये परिवहनकर्ता द्वारा उक्त कृत्यों के कारण शासन की महत्वपूर्ण सार्वजनिक वितरण प्रणाली योजना का कार्य बाधित हुआ। साथ ही हितग्राहियों को सही समय में खाद्यान्न प्राप्त नहीं हो पाया। इसके कारण एजेंसी मेसर्स महावीर जैन को तीन वर्षों के लिए परिवहन कार्य हेतु अयोग्य घोषित किया गया। अफरा-तफरी की जांच के दौरान पाई गई चांवल की कमी की वसूली निविदा में निर्धारित पेनेल्टी दर से की जाएगी।