छत्तीसगढ़

भाजपा का राजनीतिक प्रस्ताव झूठ का पुलिंदा और ठगी का नया फार्मूला- कांग्रेस

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के पत्र के आधार पर 12 जातियां अनुसूचित जनजाति में हुई शामिल, भाजपा मोदी को श्रेय दे रही

किसानों को पसीने की सही कीमत और आदिवासियों को जल-जंगल-जमीन पर अधिकार भी कांग्रेस ने दिलाए

रायपुर, 22 जनवरी 2023// छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्यसमिति द्वारा पारित राजनीतिक प्रस्तावों को झूठ का पुलिंदा और ठगी का नया फार्मूला बताया है। पार्टी ने कहा है कि पिछले चार वर्षों के दौरान कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के किसानों, आदिवासियों और आम लोगों के लिए जो ऐतिहासिक कदम उठाए हैं, भारतीय जनता पार्टी द्वारा शातिराना तरीके से उनका श्रेय लेने की कोशिश की जा रही है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा लिखे गए पत्र के आधार पर राज्य की विभिन्न जातियों को जनजातियों की सूची में शामिल होने की कार्यवाही संभव हो पाई है, भाजपा द्वारा इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देने की कोशिश की जा रही है। इसी तरह किसानों को उनके पसीने की सही कीमत और आदिवासियों को जल-जंगल-जमीन पर उनके अधिकार कांग्रेस ने दिलाए हैं, इन मुद्दों पर भी भाजपा झूठे श्रेय लेने की कोशिश कर रही है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने कहा है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने 11 फरवरी 2021 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ की 12 जातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का आग्रह किया था। इसी पत्र के आधार पर केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राज्य के 12 जाति समुदायों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की स्वीकृति दी। समय-समय पर छत्तीसगढ़ की विभिन्न जातियों के प्रतिनिधिमंडलों ने मुख्यमंत्री से मिलकर उनकी जातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का आग्रह किया था। इन प्रतिनिधिमंडलों ने बताया था कि मूलरूप से वे लोग अनुसूचित जनजाति के हैं, लेकिन मात्रात्माक ऋुटि के कारण उनके जाति प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहे हैं इसलिए अनुसूचित जनजातियों को मिलने वाले लाभ से वे और उनके बच्चे वंचित रह जाते हैं। मुख्यमंत्री ने संवेदनशीलता के साथ छत्तीसगढ़ की ऐसी जनजातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की पहल की और प्रधानमंत्री को भी इस संबंध में पत्र लिखा।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी के 15 साल के शासन के दौरान छत्तीसगढ़ के आदिवासियों और किसानों ने यह अच्छी तरह देख-समझ लिया है कि उनके प्रति भाजपा का रूख क्या रहा है। हाल ही में जब कांग्रेस ने विधानसभा में सर्वसम्मति से आरक्षण विधेयक पारित करा लिया, तब उसे अटकाए रखने के लिए भाजपा किस तरह के पैतरें खेल रही है, यह भी आदिवासी देख रहे हैं। यह विधेयक आज तक राजभवन में ही अटका हुआ है।
कांग्रेस ने कहा है कि लोहंडीगुड़ा के किसान अभी तक नहीं भूल पाए हैं कि किस तरह भाजपा राज में उनकी जमीने हड़प ली गई थीं। आदिवासियों को अच्छी तरह याद है कि तेंदूपत्ता और लघु वनोपज संग्रहण कार्य में किस तरह उनका शोषण किया जाता था। चप्पल वितरण और बोनस के नाम पर किस तरह उनके साथ छल किया जाता था। पार्टी ने कहा है कि कांग्रेस ने केवल चार साल में आदिवासियों और किसानों के हित में जो काम किए हैं, उनसे भाजपा के 15 साल के कार्यकाल की पोल खुल गई है। इन चार सालों में कांग्रेस ने जितने काम किए, भाजपा 15 सालों में नहीं कर पाई। कांग्रेस ने कहा है कि धान खरीदी के मामले में पिछले चार सालों के दौरान हर साल प्रदेश में नया रिकॉर्ड बना है। इस साल भी अभी तक 103 लाख मीटरिक टन से अधिक धान की खरीदी हो चुकी है, उम्मीद है कि 31 जनवरी तक 110 लाख मीटरिक टन का अनुमानित आंकड़ा भी पार हो जाएगा। भाजपा को याद करना चाहिए कि उसके कार्यकाल में मुश्किल में 50-55 लाख मीटरिक टन धान की खरीदी हो पाती थी। अपना धान बेचने के लिए किसानों को रतजगा करना पड़ता था, प्रदर्शन करना पड़ता था, भाजपा सरकार द्वारा उन पर लाठियां बरसाई जाती थी। कांग्रेस ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्यसमिति के प्रस्तावों से एक बात बिलकुल साफ हो जाती है कि कांग्रेस के काम, मुख्यमंत्री की लोकप्रियता और आदिवासियों किसानों में जागे नये विश्वास से भाजपा घबराई हुई है। भाजपा के लोग प्रदेश में डबल इंजन की सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं, प्रदेश के लोग पहले भी यह जुमला देख और भोग चुके हैं। भाजपा ने जिन जिन प्रदेशों में डबल इंजन लगाया, वहां वहां विकास की ट्रेन ने पटरी ही छोड़ दी। कांग्रेस का सिंगल इंजन भी उनके डबल इंजन से ज्यादा ताकतवर और भरोसेमंद साबित हुआ।

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