छत्तीसगढ़

मुरुम उत्खनन की निगरानी और रोकथाम के लिए किया गया ग्राम पंचायत स्तरीय समितियों का गठन

बकावंड तहसील के मालगांव में छुई निकालते हुए अचानक मुरुम खदान धसकने के कारण हुई अप्रिय दुर्घटना को देखते हुए भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कलेक्टर श्री चंदन कुमार द्वारा ग्राम पंचायत स्तरीय समितियों का गठन किया है।
कलेक्टर ने जारी आदेश में कहा है कि छुई मिट्टी के उत्खनन से अप्रिय दुर्घटना में जान-माल की हानि होने के आशंका बनी रहती है, अतः पंचायत स्तर पर छुई मिट्टी के उत्खनन की निगरानी एवं सुचना हेतु निगरानी समिति का गठन किया गया है। समिति के अध्यक्ष सरपंच होंगे तथा ग्राम पंचायत सचिव को समिति के सचिव का दायित्व सौंपा गया है। इस समिति में ग्राम सभा के अध्यक्ष, पटवारी, ग्राम पटेल, कोटवार, ग्राम सभा के दो सदस्य एवं वन रक्षक को सदस्य के तौर पर नियुक्त किया गया है। यह समिति द्वारा ग्राम सभा की सहमति प्राप्त कर अपने सीमा क्षेत्र में छुई मिट्टी के उत्खनन और उठाव की निगरानी के साथ-साथ उत्खनन की सूचना संबंधित तहसीलदार, खनिज विभाग एवं समीपस्थ थाना प्रभारी को तत्काल दी जाएगी। संबधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) व जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा समय-समय पर पंचायतों की होने वाले बैठकों में छुई मिट्टी के उत्खनन की समीक्षा करते हुए कलेक्टर को वस्तुस्थिति से अवगत कराया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि इस संबंध में नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल द्वारा स्वतः संज्ञान लेकर किये गये आदेश के परिप्रेक्ष्य में अपर मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन, आवास एवं पर्यावरण की अध्यक्षता में 6 जनवरी को आयोजित विडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से छुई मिट्टी के उत्खनन की रोकथाम करने हेतु जिला बस्तर में पंचायत स्तर पर निगरानी समिति गठित करने हेतु निर्देश प्राप्त हुये हैं।

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