रायपुर, जनवरी 2023/ राज्य में सभी शासकीय शालाओं में इस सत्र में शाला प्रबंधन समिति की तृतीय बैठक 20 जनवरी को आयोजित करने के निर्देश प्रबंध संचालक समग्र शिक्षा द्वारा सभी जिला शिक्षा अधिकारियों, प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान और जिला मिशन समन्वयकों को दिए हैं। समग्र शिक्षा द्वारा बैठक के लिए तय एजेण्डा के अनुसार स्कूलों में आयोजित होने वाली शाला प्रबंधन समिति की बैठक में चर्चा की जाएगी।
तय एजेण्डा के अनुसार बैठक में निपुण भारत अभियान से परिचय (सामग्री का अध्ययन) एवं निपुण भारत शपथ दिलवाई जाएगी। स्कूल में बच्चों की मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मक ज्ञान के लक्ष्यों की स्थिति एवं उनमें सुधार के लिए आवश्यक उपाय करने कहा है। माताओं के उन्मुखीकरण के माध्यम से बच्चों में सुधार हेतु ‘अंगना म शिक्षा’ कार्यक्रम, शालाओं स्कूलों में गुणवत्ता परक शिक्षा के लिए सोशल आॅडिट का आयोजन किया जाए। अर्धवार्षिक परीक्षा, बेसलाइन के परिणामों पर चर्चा एवं सुधार के लिए रणनीति बनाई जाए। शाला को अब तक प्राप्त विभिन्न अनुदान, इन्टरनेट, प्रिंट-रिच एवं अन्य मदों से प्राप्त बजट और उनके उपयोग की स्थिति की जानकारी तथा उपलब्ध बजट को माह फरवरी तक व्यय करने के लिए प्रस्ताव भेजे।
बैठक में इसके अलावा तीन वर्षीय शाला विकास योजना का प्रस्तुतीकरण एवं विभिन्न योजना के अनुसार क्रियान्वयन की स्थिति, बच्चों की शिक्षा गुणवत्ता में सुधार के लिए ‘सुघ्घर पढ़वईया’ योजना से परिचय एवं शाला के पंजीयन एवं तैयारी की स्थिति की समीक्षा की जाए। कमजोर यह लम्बी अनुउपस्थिति वाले बच्चों का शाला में उपस्थित होने के लिए रणनीति बनाई जाए। उपचारात्मक शिक्षण के अंतर्गत किए जा रहे विभिन्न कार्यों जैसे- विशेष कोचिंग कक्षाओं का आयोजन, आॅनलाइन कक्षाएं, टेली-प्रेक्टीज का उपयोग, अभ्यास पुस्तिकाओं पर कार्य, हस्तलेख सुधारने हेतु उपाय किए जाए। पुस्तकालय का नियमित उपयोग एवं बच्चों के पढ़ने की स्पीड एवं समझ में वृद्धि हेतु उपाय करें। प्रत्येक प्राथमिक शाला में बच्चों की भाषा के उपयोग के लिए डिक्शनरी, वार्तालाप पुस्तिका तैयार की जाए। शाला में उपयोग संसाधन के बेहतर उपयोग हेतु शाला परिसर का भ्रमण कर सुझाव दिए जाए। बच्चों के खेलने के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं और बस्ता-विहीन शनिवार के लिए समुदाय का सहयोग लिया जाए। शाला सुरक्षा से संबंधित विभिन्न मुद्दों की जानकारी प्राप्त कर सोशल आॅडिट किया जाए और ग्रीष्मकाल में समर कक्षा के आयोजन के लिए आवश्यक तैयारी की जाए।