- स्थानीय रूप से उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर किसान करें आय अर्जित
- प्रसंस्करण के क्षेत्र में उन्नति की अपार संभावनाएं
राजनांदगांव, फरवरी 2023। कलेक्टर श्री डोमन सिंह एवं सीईओ जिला पंचायत श्री अमित कुमार के मागदर्शन में स्थानीय जैव विविधता को जनोपयोगी बनाते हुए खाद्य प्रौद्योगिकी की नवीन श्रृंखला में सीताफल से आईसक्रीम, अम्बाड़ी एवं बेल से शर्बत, लघु धान्य कोदो-रागी से इडली, खीर, मिष्ठान, रखिया से पेठा मिष्ठान, पलाश फूल से हर्बल गुलाल तैयार कर विक्रय करने के संबंध में जिला के गोधन न्याय योजनान्तर्गत संचालित ग्रामीण औद्योगिक पार्क रीपा के स्वसहायता समूह एक्सटेंशन रिफॉम्र्स आत्मा के कृषक अभिरूचि समूहों को दो दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। नेशनल मिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन एण्ड टेक्नोलॉजी अंतर्गत सपोर्ट टू स्टेट एक्सटेंशन प्रोग्राम्स फॉर एक्सटेंशन रिफॉम्र्स (आत्मा) योजना, गोधन न्याय योजना, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन एवं न्यू जनरेशन वाटरशेड डेव्हलपमेंट प्लान योजनान्तर्गत अंतर्गत यह प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
जनपद पंचायत सदस्य श्री ओमप्रकाश साहू ने कृषकों को उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि कृषि विभागीय योजनाओं की ग्रामीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। कृषकों को योजनाओं का लाभ प्राप्त कर आय का स्रोत सृजन करना चाहिए। कृषकों को प्रशिक्षित करते हुए प्रोजेक्ट डायरेक्टर आत्मा सह उप संचालक कृषि श्री नागेश्वर लाल पाण्डे ने कहा कि कृषि विभाग में अनेक योजनाएं संचालित हंै। जिसके माध्यम से कृषक अपने पास उपलब्ध संसाधनों का समुचित उपयोग करते हुए अधिक आय अर्जित कर सकते है। महिला सशक्तिकरण के लिए नये आयाम खुल रहे है। सीताफल से आईसक्रीम, अम्बाड़ी बेल से शर्बत का उपयोग करके रसायन युक्त कार्बोनेटेड सॉफ्टड्रिंक के उपयोग को कम करने की आवश्यकता है। स्थानीय रूप से उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करके विशेष कर जैविक उत्पादों के उपार्जन प्रसंस्करण, मूल्य प्रवर्धन एवं विपणन की अपार संभावनाएं मौजूद है। इसके लिए कृषकों को विभिन्न योजनाओं अंतर्गत वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। अपने खेती-बाड़ी, वन में उपलब्ध फलों के उपयोग से महिला कृषकों को गृहस्थी कार्य के साथ इस प्रकार गतिविधियों से आर्थिक सामाजिक विकास की दिशा में आगे बढऩा चाहिए।
इस अवसर पर एल्डर मैन श्री प्रभात गुप्ता, सहायक संचालक कृषि श्री टीकम सिंह ठाकुर, अनुविभागीय कृषि अधिकारी श्री संतलाल देशलहरे, डिप्टी प्रोजेक्ट डायरेक्टर एक्सटेंशन रिफॉम्र्स (आत्मा) श्री राजू साहू ने प्रशिक्षण प्रदान किया। एक्सटेंशन रिफॉम्र्स (आत्मा) योजना के तहत कबीरधाम जिले के ग्राम जोराताल के सफल उद्यमी श्री मोहन पटेल, माँ दुर्गा कृषक अभिरूचि समूह एवं बालोद जिले के ग्राम-पेटेचुवां (कर्रेझर) श्रीमती छवि राठी, वनांचल कृषक अभिरूचि समूह विषयों में सैंद्वंातिक एवं प्रायोगिक जानकारी देकर कृषकों को प्रशिक्षित किया।
उल्लेखनीय है कि वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर सीताफल औषधीय गुणों से भरपूर है। जिसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फास्फोरस, कैल्शियम, मैग्रीशियम, पोटेशियम, राइबोफ्लेविंग जैसे पोषक तत्व मौजूद हैं। बेल अत्यंत गुणकारी औषधीय फल है। जिसमें कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम, विटामिन्स, गोंद, पेक्टीन, रिड्यूसिंग सुगर, शर्करा, मार्मेलोसीन, कामेरिन इम्बेलिफिरोन एवं अल्प मात्रा में टेनिन होते हंै। यह पित्तहर, ज्वर, कफ की बीमारी में उपयोगी है। इसका उपयोग डायरिया, डिसेन्ट्री, डायबिटीज, कर्णरोग, कामला, ज्वाइंडिस, पाइल्स, शोथ वमन, टाईफाईड, क्रोनिक कन्स्टीपेशन, स्कर्वी टाइफाइड, डिस्पेटिसया में होता है। अमारी के भोज्य पदार्थ में एंटीआक्सीडेंट, ब्लड कन्सेस्टेंसी को कम करना, कफ में राहत, लिपिड मेटाबोलिज्म को कम करना, हाइपोकोलेस्टेरोलेमिक, मोटापा कम करना कम किया जा सकता है। ड्रेन डेम्प एवं डाययूरेटिक, एंटी इम्फ्लेमेंशन, पाचन, स्टीमुलेंट इन्टेस्टाइनल पेरिस्टेलसिस, कैल्सियम के अवशोषण को बढ़ावा, प्रोमोट सेक्रेशन, बच्चों की वृद्धि को बढ़ाना सहित विभिन्न रोगों के उपचार में कारगर है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्रीमती ईश्वरी ठाकुर, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी डोंगरगढ़ श्री एचएस रावत, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी छुरिया श्री गौकरण सहाड़े, ग्रामीण कृषि विकास अधिकारी श्रीमती पायल शर्मा, श्रीमती इंदु दुबे, श्रीमती मोनिका भगत, श्रीमती रजनी सोनटेके, श्री डोमेश्वर साहू एवं कृषक मित्र की प्रशिक्षण मे सक्रिय भागीदारी रही।
