छत्तीसगढ़

शोषण व अन्याय के खिलाफ बुलंद करें आवाज, आयोग करेगा पूरा सहयोग – डॉ नायक

महिला आयोग के कार्यों को कलेक्टर ने सराहा

सरगुजा संभाग के 450 प्रतिभागियों को महिला आयोग द्वारा मास्टर ट्रेनर के रूप में दिया प्रशिक्षण

मानव तस्करी, सायबर क्राइम व कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न पर महिला आयोग द्वारा आयोजित संभाग स्तरीय कार्यशाला सम्पन्न

 अम्बिकापुर 23 फरक़री 2023 / छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग द्वारा गुरुवार को राजमोहनी देवी भवन में संभाग स्तरीय कार्यशाला सह प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ दीप प्रज्जवलन व राज्यगीत के साथ किया गया। कार्यशाला में मानव तस्करी, सायबर क्राइम व महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न के विभिन्न पहलुओं पर बारीकी से जानकारी दी गई तथा  इनसे संबंधित अपराधों के बचाव हेतु कानूनी प्रावधान को बताया गया। कार्यशाला में बताया गया कि आयोग द्वारा पिछले 3 वर्ष में 162 सुनवाई, सरगुजा संभाग में 12 जनसुनवाई कर 111 प्रकरणो का निराकरण कर राहत पहुंचाई है। सरगुजा संभाग के 450 प्रतिभागियों को महिला आयोग द्वारा मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षण दिया है जिससे प्रतिभागी अपने अपने क्षेत्र में महिलाओं को जागरूक कर सकेंगे जिससे महिलाएं और भी सशक्त हो सकेंगी।
  मुख्य अतिथि के आसंदी से कार्यशाला को संबोधित करते हुए डॉ. किरणमयी नायक ने कहा कि आयोग की कोशिश है कि लोगो तक निःशुल्क राहत पहुंचे। महिलाये व बालिकाएं अपने ऊपर होने वाले किसी भी तरह की उत्पीडन या शोषण को न दबाएं बल्कि उनके खिलाफ आवाज जोर-शोर से उठाएं। अन्याय पर प्रतिरोध जरूर करें, आस-पास किसी महिला पर कोई घटना होती है उस पर भी प्रतिरोध करें। अपनी बात आयोग तक पहुंचाने के लिए एक पत्र भर लिखना है, इसके बाद आयोग निःशुल्क पूरी सहायता करेगा। आयोग में प्रकरण आने के बाद किसी अन्य संस्थान में जाने की आवश्यकता नही है जिससे भटकाव से भी बचा जा सकता है। आयोग के बाद केवल उच्च न्यायालय में ही अपील होती है।  उन्होंने कहा कि वर्तमान में बालिग लड़का व लडक़ी लिव-इन रिश्तों की ओर बढ़ रहे है जो समझदारी भरी नही है। इससे बहुत जल्द रिश्ते टूट जाते है। विवाह एक महत्वपूर्ण सामाजिक दायित्व है। विवाह का फैसला बहुत ही परिपक्वता से सोच विचार कर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कार्यशाला में बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है जिसे गंभीरता पूर्वक चिंतन व आत्मसात करें।

कलेक्टर श्री कुन्दन कुमार ने कहा कि महिला उत्पीडन की उन्मूलन, रोकथाम तथा उनके आवाज को उठाने व सशक्त बनाने में आयोग ऐतिहासिक काम कर रहा है। आयोग महिलाओ को अपने अधिकार के प्रति सजग रहने तथा अपने बात रखने का प्लेटफार्म देता है। महिला प्रार्थी की समस्या सूनने भर से उसकी आधी समस्या का समाधान हो जाता है। उन्होंने कहा कि न्यायालयीन प्रक्रिया से ज्यादा उपयुक्त दोनो परिवारों को समझाईश देकर साथ रहने के लिए राजी करना होता है। उन्होंने कहा कि महतारी न्याय रथ के माध्यम से आयोग द्वारा महिलाओ को जागरूक किया जा रहा है। इस रथ में वकील व कर्मचारी भी होते है जो जरूरत के अनुसार सहायता करते हैं।
आयोग के सचिव श्री आनंद प्रकाश किस्पोट्टा ने आयोग गठन के उद्देश्य, कार्यप्रणाली अब तक हुई सुनवाई व निराकृत प्रकरणो की संख्या की जानकारी दी। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मधुलिका सिंह ने मानव तस्करी अपराध तथा इसे रोकने के कानूनी प्रावधान व सामाजिक दायित्व के बारे में जानकारी दी, डॉ. सुनन्दा ढेंगे ने अपराध साक्ष्य संकलन व सुरक्षा के साथ पुलिस वालों को विवेचना संबंधी तथ्यों की बारीकी से जानकारी दी है घटना स्थल पर विवेचना के ऊपर प्रकाश भी डालें है, अतिरिक्त जिला लोक अभियोजक सुश्री शमीम रहमान ने लैंगिक उत्पीड़न व शोषण तथा एसडीओपी श्री अखिलेश कौशिक ने सायबर क्राइम की रोकथाम व कानूनी पहलुओं पर प्रकाश डाला। प्रश्नोत्तरी के माध्यम से शंकाओं का समाधान भी किया गया। श्रेष्ठ प्रश्नों के लिए महिला आयोग द्वारा प्रश्नकर्ता को आयोग ने गिफ्ट देकर सम्मानित भी किया।
कार्यशाला में महिला आयोग की सदस्य श्रीमती नीता विश्वकर्मा, श्रीमती अर्चना उपाध्याय, श्रीमती बालो बघेल, जिला पंचायत सदस्य श्रीमती सरला सिंहदेव नगर निगम आयुक्त सुश्री प्रतिष्ठा ममगई, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री विवेक शुक्ला सहित संभाग के जिलों के पंचायत प्रतिनिधि, पार्षद एवं अन्य जनप्रतिनिधि पुलिस एवं महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी तथा बड़ी संख्या में महिलाएं व बालिकाएं उपस्थित थीं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *