किसानों को विभागीय योजनाओं का मिल रहा लाभ
जगदलपुर, 02 मार्च 2023/ संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा मिलेट्स महत्व के दृष्टिगत वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। छ.ग. शासन द्वारा कोदो, कुटकी, रागी जैसी लघुधान्य फसलों को बढ़ावा देने इनकी खरीदी समर्थन मूल्य पर की जा रही है। शासन द्वारा लघु धान्य की खेती को बढ़ावा देने के लिए धान्य फसल कोदो 3 हजार रूपए, कुटकी 3 हजार 100 रू. रागी 3 हजार 570 रु. प्रति क्विंटल की दर से न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया है। आज के व्यस्त जीवन में लोगों को कई स्वास्थ्यगत समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जिसके कारण औषधीय गुणों वाले खाद्य उत्पादों की मांग समय के साथ प्रतिदिन बढ़ रही है। इसमें रागी प्रमुख है, छोटे-छोटे लाल रंग के रागी इम्यून सिस्टम को मजबूत करते है, जिन लोगों में खून की कमी है, उनके लिए काफी स्वास्थ्यवर्धक है। रागी के सेवन से हडिडयां मजबूत, वजन कम करने, कब्ज की समस्या, पाचन शक्ति को बढ़ाकर पेट की सेहत को दुरूस्त रखता है।
बस्तर संभाग में रागी की खेती परम्परागत रूप से कई वर्षों से कि जाती रही है। जिले के उन्नतशील कृषक श्री आयतु राम भारती, जो कि बकावंड विकासखंड के ग्राम तारापुर के रहने वाले है। वे बताते है कि विगत कई वर्षों से खेती करते रहें है। पूर्व में वे धान की फसल लिया करते थे, किन्तु धान के फसल में कीट बीमारियों के प्रकोप एवं अधिक देखरेख होने के कारण उचित आय प्राप्त नहीं हो पाती थी। कृषक द्वारा कृषि विभाग के अधिकारियों ने उसे रागी फसल लेने की समझाइश दी। श्री आयतु राम ने रागी की फसल लेने का निर्णय लिया और रागी की फसल लगायी। धान की तुलना में रागी में कम लागत और देखरेख कम होने के कारण श्री आयतु राम को अधिक लाभ प्राप्त होने लगा। विगत दो वर्षों से कृषक द्वारा धान के बदले रागी की खेती की जा रही है। जहां कृषक को एक एकड़ भूमि में धान की खेती से 15 क्विंटल उपज प्राप्त होती थी, जिसके समर्थन मूल्य 2 हजार 500 रू. प्रति क्विंटल के हिसाब से कृषक 37 हजार 500 रूपये की प्राप्त होते थे, वही रागी की फसल से कृषक को एक एकड़ भूमि में 12 क्विंटल की उपज प्राप्त हो रही है। जिसके समर्थन मूल्य 3578 रु. के हिसाब से कृषक को 42 हजार 936 रू. की आय प्राप्त हो रही है। कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कृषक श्री आयतु राम को विभागीय शाकम्भरी योजना से वर्ष 2021 में स्प्रेयर एवं सिंचाई पंप प्रदाय किया गया। जिससे कृषक द्वारा अतिरिक्त आय प्राप्त कर आर्थिक स्थिति सुदृढ हो रही है।