छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री ने किया वृक्ष संपदा योजना का वर्चुअल शुभारंभ, ग्राम डोटोपार में जिला स्तरीय कार्यक्रम का हुआ आयोजन

जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों ने सागौन प्रजाति के टिशु कल्चर पेड़ो का किया रोपण, जिले में योजना के तहत 5 सौ एकड़ में कुल 3 लाख 79 हजार से अधिक पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित

स्व. महेंद्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सुरक्षा योजना के तहत् 09 हितग्राहियों के खाते में 14 लाख 60 हजार रूपये किए गए हस्तांतरित
बलौदाबाजार 21 मार्च 2023/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर आज ‘‘मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना’’ का वर्चुअल शुभारंभ किया गया। इसके तहत जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन वन विभाग द्वारा बलौदाबाजार विकासखंड के ग्राम डोटोेपार में किया गया। इसके तहत योजना के शुभारंभ करते हुए श्रध्दासुमन कृषि फार्म में 5 एकड़ भूमि पर अतिथियों एवं अधिकारियों के द्वारा पौधों का रोपण किया गया। इसके साथ ही स्व. महेंद्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सुरक्षा योजना के तहत् 09 हितग्राहियों के खाते में 14 लाख 60 हजार रूपये हस्तांतरित किए गए। योजना के शुभारंभ करते हुए अन्य स्थानों में खम्हरिया 5 एकड़, गिधपुरी 5 एकड़, दतरेंगा 5 एकड़ एवं सरसींवा में 3.5 एकड़ इस तरह कुल 23.52 एकड़ भूमि में आज विभिन्न प्रकार के पौधों का रोपण किया गया है। योजना के तहत जिले में 5 सौ एकड़ भूमि में कुल 3 लाख 79 हजार से अधिक पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस अवसर पर कृषक कल्याण बोर्ड अध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा, जीव जंतु कल्याण बोर्ड अध्यक्ष विद्याभूषण शुक्ला, तेलघानी बोर्ड सदस्य रोहित साहू, चेंबर ऑफ कॉमर्स अध्यक्ष जुगल किशोर भट्टर, जिला अध्यक्ष हितेन्द्र ठाकुर, पुलिस अधीक्षक दीपक झा, अपर कलेक्टर राजेन्द्र गुप्ता डीएफओ मंयक अग्रवाल, सरपंच सहित विभिन्न स्थानीय जनप्रतिनिधि गण उपस्थित थे। कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सभी प्रदेशवासियों को मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना के शुभारंभ की बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा की छत्तीसगढ़ के जंगल और जैवविविधता राज्य और वन संपदा की पहचान है। हमारा पर्यावरण और वन बचा रहे इस दिशा में हमारी सरकार द्वारा लगातार कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में इस योजना का लाभ ले रहे है अब मैदानी क्षेत्रों के लोगो को इस योजना से ज्यादा से ज्यादा जोड़े जाने के लिए प्रयास करने की आवश्यता है। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को मैदानी स्तर पर योजना के सभी लाभ हितग्राहियों को बताते हुए प्रोत्साहित करने कहा ताकि योजना का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच सके। जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इस योजना से लाभान्वित हो सके। वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ वृक्षों के दृष्टिकोण से संपन्न राज्य है। इसके साथ ही राज्य सरकार द्वारा इस योजना के माध्यम से अगले 5 सालों में 1 लाख 80 हजार एकड़ में योजना का क्रियान्वयन किया जाना है। जिसका लाभ हमारे छत्तीसगढ़ प्रदेशवासियों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के जंगल और यहां की जैव विविधता छत्तीसगढ़ की पहचान है। हमारी कला, संस्कृति, परम्पराएं, दर्शन, चिंतन, आध्यात्म, इतिहास सब कुछ हमारे जंगलों से जुड़ा है। छत्तीसगढ़ के वन पूरे देश की धरोहर है। इन वनों से पूरे देश का पर्यावरण जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि हमारे जंगल बचे रहे, हमारा पर्यावरण बचा रहे, जंगल से जुड़ी हमारी गौरवशाली संस्कृति बची रहे और खूब फले-फूले इस दिशा में बीते चार वर्षों के दौरान हमारी सरकार ने लगातार काम किया है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि यह योजना देश में एक अनूठी योजना है, जिसमें वाणिज्यिक प्रजातियों का वृक्षारोपण कर निजी व्यक्ति, संस्था अथवा कम्पनियों के माध्यम से अधिकाधिक लाभ कमा सकते हैं। यह केवल वृक्षारोपण की योजना न होकर देश के जलवायु परिवर्तन की दिशा में भी हमारी सहभागिता और प्रतिबद्धता को दर्शाता है। मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना में सभी वर्ग के इच्छुक किसानों की पड़त भूमि में वाणिज्यिक वृक्षारोपण होगा। योजना के तहत 33 जिलों के 23 हजार 600 किसानों द्वारा 36 हजार 230 एकड़ में वृक्षारोपण किया जाएगा। योजना से किसानों को सालाना प्रति एकड़ 15 से 50 हजार रूपए तक की आय होगी। इसके अलावा कार्बन क्रेडिट के माध्यम से भी किसानों को अतिरिक्त आय होगी।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस मौके पर वन संसाधन अधिकारों को लोगों तक सुगमता से पहुंचाने के लिए मोबाईल आधारित एफआरए टूल का लोकार्पण किया और वनोपज आधारित अर्थव्यवस्था को गति देने तथा व्यापारियों की सुविधा के लिए छत्तीसगढ़ में नेशनल ट्रांजिट पास सिस्टम का शुभारंभ किया। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने शहीद महेन्द्र कर्मा सामाजिक सुरक्षा योजना के अंतर्गत 1458 हितग्राहियों के खाते में कुल 22 करोड़ रुपए की राशि का ऑनलाइन अंतरण किया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ‘मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना’ वाणिज्यिक वृक्षारोपण करने वाले हितग्राहियों के लिए आर्थिक दृष्टि से, पर्यावरण, सॉइल हेल्थ की दृष्टि से महत्वपूर्ण योजना साबित होगी। वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ वन संपदा की दृष्टि से बहुत समृद्ध राज्य है। मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के माध्यम से अगले 5 वर्षों में 1 लाख 80 हजार एकड़ में वृक्षारोपण किया जाएगा। यह योजना हितग्राहियों की आय में वृद्धि के साथ-साथ पर्यावरण संतुलन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण योजना है। योजना में 5 एकड़ में वाणिज्यिक वृक्षारोपण करने वाले हितग्राहियों को शतप्रतिशत अनुदान तथा 5 एकड़ से अधिक भूमि पर वृक्षारोपण करने वाले हितग्राहियों को 50 प्रतिशत अनुदान देने का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना का लाभ किसान,इच्छुक भूमि स्वामी, शासकीय,अर्ध शासकीय एवं शासन के स्वायत्त संस्थाएं, निजी शिक्षण संस्थाएं, निजी ट्रस्ट, पंचायत तथा भूमि अनुबंध धारक उठा सकते हैं। छत्तीसगढ़ में योजना के तहत इस वर्ष 12 प्रकार की प्रजाति के वृक्ष का रोपण किया जाएगा। इनमें क्लोनल यूकलिप्टस, रूटशूट टीक, टिश्यू कल्चर, चंदन, मेलिया दुबिया, सामान्य बांस, टिश्यू कल्चर बम्बू, रक्त चंदन, आंवला, खमार, शीशम तथा महानीम आदि के पौधे रोपे जाएंगे।
इस अवसर पर मोबाईल एप का लोकार्पण मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम के दौरान सामुदायिक वन संसाधन अधिकार जारी करने की प्रक्रिया को ट्रेक करने हेतु मोबाइल एप का लोकार्पण भी किया। इस मोबाइल एप के उपयोग से सामुदायिक वन संसाधन अधिकार प्राप्त करने की पूरी प्रक्रिया सरलीकृत होगी। सामुदायिक वन संसाधन अधिकार के आवेदन से लेकर अधिकार प्राप्ति तक 12 स्तर की प्रक्रिया है तथा 18 प्रपत्रों में जानकारी भरी जाती है। मोबाइल एप के माध्यम से अधिकार प्राप्त करने की प्रक्रिया का मॉनिटरिंग भी की जा सकती है। नेशनल टांजिट परमिट सिस्टम लॉन्च मुख्यमंत्री श्री बघेल ने वन विभाग द्वारा वनोपज के परिवहन हेतु तैयार कराए गए नेशनल ट्रांजिट परिमिट सिस्टम को लॉन्च किया। इस सुविधा के अंतर्गत आवेदक ट्रांजिट परमिट के लिए ऑनलाईन आवेदन कर सकते हैं तथा वन विभाग ऑनलाईन ट्रांजिट परमिट जारी करेगा। अंतरराज्यीय सीमा में नये टी.पी. की आवश्यकता नहीं होगी। मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल एवं जम्मू कश्मीर के बाद छत्तीसगढ़ एनटीपीएस योजना को लागू करने वाला चौथा राज्य बन गया है।
इसके साथ ही जिला स्तरीय कार्यक्रम में कृषक कल्याण बोर्ड अध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि मानव जीवन शैली के लिए पेड़ पौधों का विशेष महत्व है, इसके बिना मानव जीवन की कल्पना नही की जा सकती प्राचीन समय से ही वृक्ष और वन संपदा सुदूर वनांचलो के रहने वालो के लिए जीवन यापन का प्रमुख साधन है, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने किसान हितैषी के रूप में वन संपदा के महत्व को आम आदमी के जीवन में मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के माध्यम से जोड़ा और कृषक अब धान के अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकते है। साथ ही जीव जंतु कल्याण बोर्ड अध्यक्ष विद्याभूषण शुक्ला ने कहा कि हमें वन के महत्व को समझते हुए इसे जिले में विकसित किया जाना जरूरी है। वन जंगल में रहने वाले जीव जंतुओं का घर है और उसे बसाने का दायित्व हमारा है, वनों की कमी के वजह से पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है जिस कारण कई समस्याएं सामने आ रहे हैं। उन्होंने पौधे लगाकर वृक्षों का संरक्षण करने की बात कही साथ ही जैव विविधता विस्तार हेतु पौधों की उपयोगिता बताते हुए इसके फायदे बताएं और इस योजना के लिए छत्तीसगढ़ शासन का आभार व्यक्त किया। इसके साथ ही कार्यक्रम में डीएफओ मयंक अग्रवाल द्वारा छत्तीसगढ़ शासन की इस योजना के बारे में जानकारी दी। उन्होंने जिलेवासियों से मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना का ज्यादा से ज्यादा लाभ लिए जाने की अपील की। डीएफओ ने कहा कि बलौदाबाजार-भाटापारा जिला वनाच्छादित जिला है यहां के 48 प्रतिशत भू भाग में वनों से घिरा है, जिले के विभिन्न क्षेत्रों में वृक्षों की कमी को दूर करने के लिए यह एक बेहतर योजना है। इस योजना के तहत 5 एकड़ क्षेत्र तक वृक्षारोपण के लिए शत प्रतिशत अनुदान तथा 5 एकड़ से अधिक क्षेत्र में वृक्षारोपण पर 50 प्रतिशत की अनुदान दी जाएगी। साथ ही योजना के तहत उपलब्ध कराये जाने वाले विभिन्न पौधों की जानकारी देते हुए इस योजना के लाभ के बारे में बताया। साथ ही इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने शहीद महेंद्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सुरक्षा योजना के तहत जिले के कुल 9 हितग्राहियों को 14 लाख 60 हजार रूपए उनके खाते में हस्तांतरित किया गया। जिसमे सैयाभाठा से सेवती बाई, कानबाई पारधी, कमली कुमारी, बल्दाकछार से गंगाबाई ध्रुव, भटगांव से खिकबाई बरिहा, देवपुर से सोभा, अर्जुनी से मालती बाई को 2-2 लाख रूपए एवं बोरसी से चमारिन बाई और श्याम बाई को 30-30 हजार रूपए बीमे की राशि सीधे हितग्राहियों के खाते में हस्तांतरित की गई है। इस अवसर पर पार्षद रूपेश ठाकुर, श्रद्धानंद अग्रवाल संयुक्त कलेक्टर बजरंग दुबे,एसडीएम रोमा श्रीवास्तव, वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, किसान और ग्रामीणजन बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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