क्षय उन्मूलन के मामले में जिले की उपलब्धि का प्रतिशत 85.5 रहा
धमतरी, मार्च 2023/ विश्व क्षय दिवस के अवसर पर आज धमतरी जिले को राष्ट्रीय स्तर पर क्षय उन्मूलन कार्यक्रम में उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए कांस्य पदक प्रदान किया गया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस.के. मण्डल ने बताया कि राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा अभियान चलाकर कुल 1473 नए मरीज खोजे गए, जिनमें से सभी का सफलतापूर्वक उपचार किया गया। ऐसे चिन्हांकित मरीजों के उपचार की दर 85.5 प्रतिशत है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि प्रत्येक वर्ष 24 मार्च को विश्व टीबी उन्मूलन दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों में टीबी (क्षय रोग) को लेकर जागरूकता लाना और इससे जुड़ी भ्रांतियों को दूर कर समय पर उपचार कराना है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि आज स्वास्थ्य विभाग द्वारा शपथ दिलाई गई। साथ ही रैली निकालकर जिले को टीबी मुक्त बनाने के लिए यथासंभव योगदान देने का संकल्प लिया गया।
डॉ. मण्डल ने क्षय रोग के लक्षण की जानकारी देते हुए बताया कि तीन सप्ताह से अधिक लगातार खांसी आना, साथ ही बलगम आना, शाम-रात में बुखार आना, भूख कम लगना इसके सामान्य लक्षण है। इसके निदान के लिए समय पर जांच एवं उपचार करना आवश्यक है जिससे मरीज पूर्णतः स्वस्थ हो जाता है। शासकीय अस्पतालों में इसकी जांच, उपचार एवं औषधि पूर्णतः निशुल्क है। डॉट्स पद्धति से टीबी के मरीज पूर्णतः स्वस्थ हो जाते हैं। इसके अलावा नि-क्षय पोषण योजनांतर्गत शासन द्वारा मरीजों को टीबी के इलाज की पूरी अवधि के लिए पोषण सहायता के रूप में हर महीने 500 रूपए उनके खाते में डीबीटी के माध्यम से अंतरित किए जाते हैं। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए निःशुल्क राज्य हेल्पलाइन नंबर 104 पर डायल किया जा सकता है, साथ ही टीबी आरोग्य एप डाउनलोड कर इस संबंध में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा आज प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में वाराणसी में आयोजित वर्ल्ड टीबी समिट में गरियाबंद जिले को रजत पदक तथा धमतरी सहित बस्तर और बलौदाबाजार-भाटापारा जिले को कांस्य पदक प्रदान किया गया। समिट में पिछले सात वर्षों में टीबी के संक्रमण दर में 40 प्रतिशत तक की कमी लाने वाले जिलों को रजत पदक और 20 प्रतिशत तक की कमी लाने वाले जिलों को कांस्य पदक प्रदान किया गया है। सब-नेशनल सर्टिफिकेशन के दौरान नामांकित जिलों के चिन्हांकित गाँवों में सर्वे, स्पुटम कलेक्शन और जांच के साथ विगत सात वर्षों के रिकॉर्ड्स का भी विश्लेषण एवं मूल्यांकन किया गया। स्वतंत्र बाह्य मूल्यांकन की इस प्रक्रिया में नामांकित जिलों में 2015 की स्थिति से वर्तमान में मरीजों के संक्रमण दर में कितनी कमी आई, इसका मूल्यांकन कर उपलब्धियों के आधार पर इन जिलों को सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल दिया