छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की घोषणा से किसानों में खुशी की लहर

एक एकड़ में अब 20 क्ंिवटल धान खरीदी की मुख्यमंत्री श्री बघेल ने की है घोषणा
गांव के किसानों ने कहा अब धान की बिक्री और बोनस दोनों में फायदा मिलेगा

रायगढ़, मार्च2023/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने विधानसभा में किसानों के हित में बड़ी घोषणा करते हुए प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान के समर्थन मूल्य पर खरीदी करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि हमारे राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हमारे किसान भाई हैं। उन्होंने कहा कि भेंट-मुलाकात के दौरान जहां भी गया किसानों की एक ही मांग थी, समर्थन मूल्य पर प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान की खरीदी की जाए। किसानों के मांग अनुरूप धान की बिक्री सीमा 15 क्ंिवटल से बढ़ाकर अब 20 क्ंिवटल कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा की गई इस घोषणा से जिले के किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई है। किसानों ने खुशी जाहिर करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के किसान हितैषी फैसलों से छत्तीसगढ़ के किसानों में बेहद खुशी है। किसानों की ऋण माफी की, राजीव गांधी किसान न्याय योजना से किसानों को सशक्त बनाया। कभी हमने सोचा नहीं था कि गोबर एवं गौमूत्र बेचकर भी इसका फायदा उठायेंगे। प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान के समर्थन मूल्य पर खरीदी की घोषणा को सुनकर सभी किसानों ने मुख्यमंत्री को अपना धन्यवाद ज्ञापित किया है।
ग्राम-जुर्डा के किसान श्री ललित राठिया ने बताया कि वे अपने 5 एकड़ भूमि में धान एवं सब्जी फसल की खेती करते है। मुख्यमंत्री ने जब प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान के समर्थन मूल्य पर खरीदी करने की घोषणा की तो सुनकर बेहद खुशी महसूस हुई। क्योंकि 15 क्ंिवटल धान बेचने के बाद हमारे पास धान बच जाता था, जिसको हमें औने-पौने दामों में बेचना पड़ता था। जिससे काफी नुकसान होता था। ग्राम-सकरबोगा के किसान श्री दुखीराम सरकार के इस फैसले से खुश हैं। उन्होंने कहा कि अब इससे हम पूरा धान की बिक्री कर सकेंगे और हमें बोनस का भी फायदा मिलेगा। इसी तरह कृषक श्री नवीन सिदार शासन के इस फैसले से बहुत खुश हुए। उन्होंने बताया कि उनका पूरा परिवार खेती-किसानी पर निर्भर है। वे अपना पूरा धान सहकारी समिति में विक्रय करते है। उनका कहना था कि 15 क्ंिवटल धान बेचने के बाद धान बच जाता था। जिसको घर में रखने से परेशानी होती थी या तो बचे धान को कम कीमत पर बेचना पड़ता था। जिसकी वजह से काफी नुकसान होता था, वहीं बोनस का लाभ भी नहीं मिल पाता था।

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