छत्तीसगढ़

रीपा गौठानों में प्राथमिकता के साथ लगाएं विभागीय यूनिट-कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा

मैन्यु फैक्चरिंग यूनिट पर करें फोकस, उद्यमियों को करें प्रशिक्षित
विभागीय योजनाओं से जनसामान्य को करें लाभान्वित
डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान बनाने के दिए निर्देश
कलेक्टर श्री सिन्हा ने ली विभिन्न विभागों की समीक्षा बैठक
रायगढ़, मार्च 2023/ जिले के गोठानों में सभी विभागों की गतिविधियों को प्राथमिकता के साथ शामिल किया जाए, रीपा गोठानों में यूनिट स्थापना के साथ कार्यशाला का आयोजन किया जाए। जिससे उद्यमी बेहतर रूप से यूनिट का संचालन कर सके। उक्त बातें कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा ने गत दिवस आयोजित उद्योग, रेशम, हाथकरघा, हस्त शिल्प विकास बोर्ड, खादी, जिला योजना एवं सांख्यिकी, जिला रोजगार एवं स्वरोजगार, कौशल विकास एवं अन्त्यावसायी विभाग की संयुक्त बैठक में कही।
कलेक्टर श्री सिन्हा ने विभागवार योजनाओं एवं प्रगति की समीक्षा की। श्रम विभाग की समीक्षा करते हुए कलेक्टर श्री सिन्हा ने श्रमिकों के पंजीयन, मिनी माता महतारी जतन योजना, नोनी सशक्तिकरण जैसे विभिन्न योजनाओं की जानकारी ली। विभागीय अधिकारी द्वारा बताया गया कि योजना का संचालन नियमित रूप से किया जा रहा है। जिसमें आवेदन प्राप्त हो रहे है, उनको पात्रतानुसार योजनाओं का लाभ प्रदान किया जा रहा है। जिला व्यापार एवं उद्योग के महाप्रबंधक ने बताया कि विभाग में तीन तरह की योजनाएं संचालित की जा रही है। जिसमें प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत 247 प्रकरण को बैंकों में भेजा गया था। जिसमें 88 स्वीकृत हो चुके है एवं 26 वितरित किए जा चुके है।  मुख्यमंत्री युवा रोजगार योजनान्तर्गत 107 में 36 प्रकरण स्वीकृत किए गए है। इसी प्रकार उद्योग स्थापना श्रेणी में सूक्ष्म उद्योग, लघु उद्योग, मध्यम उद्योग, मेगा एवं वृहद उद्योग के तहत 49 उद्योग स्थापित किए गए है। इसी क्रम में कलेक्टर श्री सिन्हा ने रेशम विभाग की योजनाओं की समीक्षा की। विभागीय अधिकारी ने बताया गया कि जिले में टसर रेशम विकास एवं विस्तार कार्यक्रम एकीकृत टसर विकास कार्यक्रम, पौध रोपण, मलबरी रेशम विकास, टसर धागाकरण विकास कार्यक्रम विभाग द्वारा संचालित किए जा रहे है। इन योजनाओं के माध्यम से स्थानीय लोगों को रोजगार प्राप्त हो रहा है।
कलेक्टर श्री सिन्हा ने विभागीय अधिकारी को रेशम उत्पादन धागाकरण, बुनकरी, रंगाई जैसे कार्यों के लिए एक एकीकृत यूनिट स्थापित किया जाए, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के साथ-साथ बेहतर लाभ प्राप्त होगा। इसी प्रकार मलबरी रेशम विस्तार के लिए जिले के अन्य स्थानों पर भी रेशम केन्द्र बनाए जाए, जिससे वृक्षारोपण के साथ-साथ स्थानीय लोगों को भी रोजगार प्राप्त होगा। कलेक्टर श्री सिन्हा ने जिला अंत्यावसायी विभाग को निर्देशित किया कि छोटे व्यापार हेतु प्राथमिकता से ग्रामीण अंचलों के लोगों को योजना का लाभ प्रदान किया जाए। कलेक्टर श्री सिन्हा ने जिला योजना एवं सांख्यिकी विभाग से विभिन्न मदों के प्राप्त प्रस्ताव एवं स्वीकृत कार्यों की जानकारी ली। संबंधित विभागीय अधिकारी द्वारा बताया कि आबंटित राशि के विरूद्ध व्यय किया जा चुका है। वर्तमान में किसी प्रकार का राशि शेष नहीं है। इस दौरान उन्होंने जन्म-मृत्यु पंजीकरण की भी जानकारी ली।
कलेक्टर श्री सिन्हा ने जिला रोजगार एवं स्वरोजगार एवं खादी ग्रामोद्योग के कार्यों एवं योजनाओं की समीक्षा की। कौशल विकास विभाग को निर्देशित किया कि रीपा गौठानों में नये उद्यमियों को प्राथमिकता के साथ कौशल प्रशिक्षण प्रदान करें। कलेक्टर श्री सिन्हा ने हस्तशिल्प विकास बोर्ड को निर्देशित किया कि रीपा गौठानों का सर्वे कर बेलमेटल प्रशिक्षण आदि का कार्य किया जाए। उन्होंने बेलमेटल हेतु बोतल्दा स्थित रीपा गौठान मेंं कार्यशाला के साथ शॉप बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी कार्यों में बैकवर्ड एवं फारवर्ड लिंकेज पर कार्य करने के निर्देश दिए।  
बैठक में संयुक्त श्री डी.आर.रात्रे, मुख्य महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग श्री शिव कुमार राठौर एवं संंबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान बनाने के दिए निर्देश
कलेक्टर श्री सिन्हा ने कहा कि जिले में बड़ी संख्या में उद्योग एवं खदानें स्थापित है। अप्रत्याशित अप्रिय घटना होने की स्थिति में निपटने के लिए हमारे पास डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिले में उपलब्ध संसाधन, मेडिकल फैशलिटी, मैनपावर, मशीनरी की जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के विभागीय अधिकारी को निर्देशित किया कि जिले में डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान बनाया जाए। जिससे अप्रिय घटना होने पर उस पर आसानी से नियंत्रण किया जा सके।

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