बीजापुर 18 अप्रैल 2023- राज्य शासन द्वारा 01 अप्रैल 2023 से बेरोजगारी भत्ता योजना का प्रारंभ किया गया है। इसके लिए आवेदक ऑनलाईन लिंक http://berojgaribhatta.cg.nic.in पर अथवा लोक सेवा केंद्र के माध्यम से आवेदन प्रेषित कर सकते है। बेरोजगारी भत्ता के लिए छत्तीसगढ़ के मूल निवासी जिनकी आयु 01 अप्रैल 2023 को 18 से 35 वर्ष तक हो, आवेदन कर सकते है। इसके लिए आवेदक को न्यूनतम 12वीं कक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक है। आवेदक का आय का स्त्रोत न हो तथा परिवार की वार्षिक आय 2 लाख 50 हजार रुपए से अधिक न हो। बेरोजगारी भत्ता के लिए 01 अप्रैल 2023 की स्थिति में आवेदक के पास 12वीं या उससे अधिक योग्यता में 02 वर्ष पुराना जीवित रोजगार पंजीयन होना अनिवार्य है।
बेरोजगारी भत्ता योजना के लिए अंतिम तिथि निर्धारित नहीं है। इसके लिए आवेदक समस्त आवश्यक प्रमाण पत्र के साथ ऑनलाईन आवेदन सुविधानुसार किसी भी स्थान से कर सकते है। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए आवेदक जनपद पंचायत, नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत एवं जिला रोजगार कार्यालय में संपर्क कर सकते है।
खरीफ सीजन में धान तो रबी सीजन में सब्जी उत्पादन से कृषकों की आमदनी में हो रही वृद्धिविभागीय अमला के द्वारा तकनीकी मार्गदर्शन से उत्पादन में हो रही है वृद्धि -कृषक चंदर यादव बीजापुर 18 अपै्रल 2023- मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मंशानुसार किसानों के आय में वृद्धि करने उन्हे आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही है। वहीं विभागीय अमला पूरे तन्मयता के साथ किसानों को आवश्यक तकनीकी मार्गदर्शन एवं सहयोग देकर उत्पादन में वृद्धि करने की ओर अग्रसर है। जिसका सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहा है। बीजापुर के किसान खुशहाल हो रहे हैं और परंपरागत धान की खेती के आलावा साग-सब्जी एवं अन्य फसल भी ले रहे हैं। प्रशासन द्वारा सिंचाई के स्त्रोत विभागीय अमला द्वारा आवश्यकतानुसार उन्नत बीज तार फेंसिंग, ड्रीप एवं तकनीकी ज्ञान दी जा रही है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना से किसानों को प्रति एक अदान सहायता के रूप में 9 हजार रूपए प्रति एकड़ प्राप्त हो रहे हैं वहीं सिंचाई के स्त्रोत उपलब्ध होने पर रबी के सीजन में साग-सब्जी से एक अच्छी रकम आमदनी के रूप में प्राप्त हो रही हैं जिससे किसान अपने परिवार के सदस्यों, बच्चों के सभी आवश्यकताओं की पूर्ति शिक्षा-स्वास्थ्य एवं पालन-पोषण में सहायक बन रहा है। ऐसे ही एक किसान भैरमगढ़ ब्लाक के पुसनार निवासी श्री चंदर यादव ने बताया कि पहले केवल परंपरागत पद्धति से धान की फसल लेने के कारण दैनिक जरूरतों एवं पारिवारिक दायित्वों की पूर्ति में आर्थिक समस्याएं उत्पन्न होती थी आमदनी सीमित था किंन्तु अब धान के अलावा रबी सीजन में साग-सब्जी उत्पादन से पिछले तीन वर्षों में अच्छी-खासी कमाई मुझे कृषि से हुई है। किसान बताते हैं कि उनके पास 5 हेक्टेयर कृषि भूमी है। वहीं एक हेक्टेयर कृषि भूमी में तार फेंसिंग, ड्रीप एवं सिचाई की सुविधा विभाग द्वारा की गई है। जिसमें मै साग-सब्जी, मक्का, भिन्डी, बरबट्टी, बैगन, पालक, लौकी, तोरई की खेती करता हूं और कुछ जमीन पर रागी की खेती करता हूं। किसान चंदर यादव ने बताया धान की खेती के अलावा पिछले तीन वर्षों में साग-सब्जी में ही प्रथम वर्ष 70 हजार, द्वितीय वर्ष 80 हजार और अभी वर्तमान वर्ष में 70 हजार से अधिक की सब्जी बेच चुका हूं। वहीं प्रति वर्ष धान की पैदावार की बात करें तो 40 क्विंटल धान प्रति हेक्टेयर की उपज होती है और धान के अलावा मूंग और उड़द भी कुछ हिस्सों में लगाता हूं।
इस तरह धान के अलावा साग-सब्जी की पैदावार से विगत तीन वर्षों से कृषि में मुझे अच्छी आमदनी हो रही है। जिला प्रशासन की मदद करने से कृषि में बदलाव आया और आजिविका का स्त्रोत बढ़़ रहा है। जिसके लिए मै प्रदेश के मुखिया को धन्यवाद देता हूं। जिन्होंने किसानों की मदद उनके विकास के बारे में सोचा और हमारे जैसे किसानों की चेहरे में खुशहाल आई।