24 से 28 अप्रैल तक सभी ब्लाकों में होगा कौंसलिंग शिविर
बीजापुर 20 अप्रैल 2023- जिला प्रशासन द्वारा युवाओं को रोजगार एवं स्वरोजगार से जोड़ने के लिए बीाजपुर में निःशुल्क आवासीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिसमें अन-आर्म्ड सिक्योरिटी गार्ड कोर्स, इलेक्ट्रिकल, टू एण्ड थ्री व्हीलर रिपेयरिंग, कम्प्यूटर ऑपरेटर प्रशिक्षण इत्यादि रोजगारन्मुखी कोर्स में कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर रोजगार एवं स्वरोजगार से जोड़ने के लिए आवेदन पत्र आमंत्रित किया जा रहा है। सिक्योरिटी गार्ड का प्रशिक्षण जिला दुर्ग में दिया जाएगा। शेष बाकि प्रशिक्षण लाईवलीहूड कॉलेज बीजापुर में दी जाएगी। प्रशिक्षण में भाग लेने एवं पंजीयन हेतु 24 से 28 अप्रैल तक ब्लाक मुख्यालयों में कौसलिंग शिविर का आयोजन किया जाएगा। जिसके अर्न्तगत 24 अप्रैल को नवीन बस स्टैंड आवापल्ली, 26 अप्रैल को सामुदायिक भवन भोपालपटनम, 27 अप्रैल को सांस्कृतिक भवन बीजापुर एवं 28 अप्रैल को सामुदायिक भवन भैरमगढ़ में कौंसलिंग शिविर के माध्यम से युवाओं का पंजीयन एवं रोजगार हेतु परामर्श एवं मार्गदर्शन दी जाएगी।
समय रहते बाल विवाह को रोकने के लिए सभी पक्ष आए सामने
बीजापुर 20 अप्रैल 2023- कलेक्टर श्री राजेन्द्र कुमार कटारा के निर्देशानुसार महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा सामाजिक बुराई बाल विवाह को लेकर जिले में विधिक जागरूकता हेतु प्रचार.प्रसार किया जा रहा है, इसके साथ ही समस्त समाज प्रमुखों का एक दिवसीय संवेदीकरण बैठक का आयोजन कर बाल विवाह नही कराने संबंधी अपील भी किया गया है। बाल विवाह केवल एक सामाजिक बुराई नहीं है अपितु कानूनन अपराध भी है विवाह हेतु लडके की उम्र 21 वर्ष तथा लडकी की उम्र 18 वर्ष निर्धारित है देश में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अंतर्गत बाल विवाह करने वाले वर.वधु एवं वधु के माता-पिता, सगे संबंधी, बाराती, यहां तक की विवाह कराने वाले पुरोहित पर भी कानूनी कार्यवाही की जा सकती है। कोई भी व्यक्ति जो जानबूझ कर बाल विवाह कराने में अपना योगदान देकर कानून का उल्लघन करता है उसे 2 वर्ष के लिए कठोर कारावास अथवा जुर्माना जो की 1 लाख रूपये तक का हो सकता है जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बताया गया कि कानून के अनुसार यदि वर या कन्या बाल विवाह पश्चात विवाह को स्वीकार नही करते है तो बालिग होने के पश्चात विवाह को शून्य घोषित करने हेतु आवेदन कर सकते हैं। बाल विवाह जीवन के लिए अभिशाप है, बाल विवाह के कारण बच्चों में कुपोषण, शिशु.मृत्यु दर एवं मातृ.मृत्यु दर के साथ घरेलू हिंसा में भी वृद्धि होती है। 22 अप्रैल 2023 को अक्षय तृतीया है, इस दिवस को बडी संख्या में विवाह संपन्न होते है, अतएवं अन्य दिवसों के साथ .साथ विशेष रूप से अक्षय तृतीया को निगरानी रखने की आवश्यकता है कि जिले में कहीं भी बाल विवाह न हों। इसके लिए जिले वासियों से जिला प्रशासन का अनुरोध है, कि विवाह पूर्व विवाह की निर्धारित आयु का सत्यापन अनिवार्य रूप से कर लें। कार्यक्रम वक्त पर विवाह को रोकने से परिवार, पडोसी एवं अन्य पक्षों में प्रतिष्ठा धूमिल होने की बात सामने आती है। बाल विवाह की रोकथाम के लिए समय रहते कार्यवाही करना जरूरी है। इस हेतु सामाजिक चेतना की आवश्यकता है। इसकी जानकारी आप 1098 चाईल्ड हेल्प लाइन पर, जिला बाल संरक्षण ईकाई महिला एवं बाल विकास विभाग, ग्राम पंचायत स्तर पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों, वार्ड स्तर पर प्रतिनिधियों एवं स्व सहायता समूह के सदस्यों, राजीव युवा मितान के सदस्यों, ग्राम पंचायत स्तर पर गठित ग्राम पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति, शिक्षक, आंगनबाडी कार्यकर्ता, मितानीन, कोटवार, स्थानीय स्तर पर कार्यरत स्वैच्छिक संगठन, बीजादूतीर स्वयंसेवक, पास के थानों में महिला एवं बाल विकास विभाग को सूचना दिया जा सकता है I बाल विवाह से गंभीर स्थिति निर्मित- महिला एवं बाल विकास विभाग के रिसर्च रिपोर्ट से पता चलता है कि बाल विवाह के बाद शिशु मृत्यु, मातृ मृत्यु जैसे हालात निर्मित होना तय है इसके साथ ही बाल विवाह के बाद जन्मे संतानों में कुपोषण की सबसे ज्यादा शिकायत है, इससे सामाजिक हिंसा के हालात भी बनने की आशंका बढ़ रही है।
स्व-सहायता समूहों एवं उनके संगठनों का लेन-देन होगा डिजिटल -सीईओ जिला पंचायत श्री रवि कुमार साहूसमुदाय आधारित आपरेटिंग सिस्टम लोकोस एप्लीकेशन के प्रशिक्षण का आयोजन
बीजापुर 20 अप्रैल 2023- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना अन्तर्गत स्व-सहायता समूहो के द्वारा मुख्य रूप से पंचसूत्र का पालन किया जाता हैं, जिसमें नियमित बैठक, नियमित बचत, नियमित लेन-देन, नियमित समय में ऋण वापसी एवं नियमित अभिलेख संधारण किया जाता हैं। वर्तमान में पूरे देश में स्व-सहायता समूहो का लेन-देन का अभिलेख संधारण रजिस्टरों के माध्यम से किया जाता रहा हैं। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 1 अप्रैल 2023 से भारत सरकार के द्वारा समुदाय आधारित आपरेटिंग सिस्टम-लोकोस एप्लीकेशन के माध्यम से स्व-सहायता समूह, ग्राम संगठन तथा संकुल स्तरीय संगठन के समस्त लेन-देन एवं प्रोफाईल एन्ट्री के कार्य कर ऑनलाईन प्लेटफार्म में लाया जा रहा हैं। इसी तारतम्य में प्रशिक्षण का पहला चरण 18 से 21 अप्रैल तक 4 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण ग्रामीण स्व-रोजगार प्रशिक्षण संस्थान बीजापुर (आरसेटी) में प्रशिक्षण संचालित है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री रवि कुमार साहू ने आकस्मिक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान श्री साहू ने बताया कि जिले में लगभग 2165 स्व-सहायता समूह का निर्माण किया गया हैं। ग्राम संगठन लगभग 120 तथा संकुल स्तरीय संगठन का निर्माण किया गया हैं। समुदाय आधारित आपरेटिंग सिस्टम -लोकोस एप्लीकेशन के माध्यम से जिला स्तर से मॉनिटरिंग में सुविधा मिलेगी। ग्रामीण परिवार के महिलाओं को स्व-सहायता समूह में जोड़ा जाता है। एक गॉंव में कम से कम 10 एवं अधिकतम 20 स्व-सहायता समूहों को मिलाकर ग्राम संगठन का निर्माण किया जाता हैं। इसी प्रकार विकासखण्ड के एक क्लस्टर में जितने भी ग्राम संगठन होता हैं, उसका संकुल स्तरीय फेडरेशन बनाया जाता हैं। संचालक, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन छत्तीसगढ़ शासन के निर्देशानुसार जिला बीजापुर में कुल चार चरणों में चारो विकासखण्ड के सामुदायिक संवर्गो का ग्रामीण स्व-रोजगार प्रशिक्षण संस्थान बीजापुर (आरसेटी) में प्रशिक्षण संचालित हैं।