जिले में मनाया गया राष्ट्रीय डेंगू दिवस कोरबा 18 मई 2023/डेंगू बुखार एक संक्रमण हैं जो डेंगू वायरस के कारण होता हैं। डेंगू का इलाज समय पर करना बहुत जरूरी होता हैं, एडिस मच्छर डेंगू वायरस को संचरित करते (या फैलाते ) हैं। डेंगू बुखार को ‘‘हड्डितोड़ बुखार‘‘ के नाम से भी जाना जाता हैं। क्योंकि इससे पीड़ित लोगों को इतना अधिक दर्द हो सकता हैं कि जैसी उनकी हड्डियां टूट गई हो। डेंगू बुखार के कुछ लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, त्वचा पर चेचक जैसे लाल चकत्ते तथा मांसपेशियों एवं और जोड़ों में दर्द शामिल हैं।
डेंगू से बचाव:- डेंगू फैलाने वाले ‘‘एडीज’’ मच्छर ठहरे हुए साफ पानी में पनपता है। जैसे कि कूलर, पानी की टंकी, पक्षियों के पीने के पानी का बर्तन, फ्रीज की ट्रे, फूलदान, नारियल का खोल, टूटे हुए बर्तन व टायर इत्यादि, पानी से भरे हुए बर्तनों व टंकियों आदि को ढंककर रखें। कूलर को खाली करके सुखा दें, यदि कूलरों तथा पानी की टंकियों को पूरी तरह खाली कर पाना संभव नहीं है तो उनमें सप्ताह में एक बार पेट्रोल या मिट्टी का तेल डाल दें, मच्छरों को भगाने व मारने के लिए मच्छर नाशक क्रीम, स्प्रे, मैट्स, कॉइल्स आदि प्रयोग करें। यह मच्छर दिन के समय में काटता है। ऐसे कपड़े पहनें जो बदन को पूरी तरह ढंके, डेंगू के उपचार के लिए कोई खास दवा या वैक्सीन नहीं है। बुखार उतारने के लिये पैरासीटामॉल ले सकते हैं। एस्प्रीन का इस्तेमाल ना करें। डाक्टर की सलाह लें, डेंगू के हर रोगी को प्लेटलेट्स की आवश्यकता नहीं पड़ती किन्तु डेंगू हेमोरेजिक बुखार में प्लेटलेट्स निरंतर घटता है जो कि अत्यंत खतरनाक एवं जानलेवा होता है, डेंगू बुखार से ग्रस्त रोगी को बीमारी के शुरू के 6-7 दिन तक मच्छरदानी से ढकें हुए बिस्तर पर ही रखें ताकि मच्छर उस तक ना पहुँच पायें। इस उपाय से समाज के अन्य व्यक्तियों को डेंगू बुखार से बचाने में सहायता मिलेगी, घर के आस-पास कम से कम 100 मीटर की दूरी तक कुड़ा-करकट, घास-फूस तथा गंदगी न फैलने दें।
इसी उपक्रम में जिला मुख्यालय एवं सभी विकासखण्ड़ों में 16 मई 2023 को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया गया हैं । जिसमें डेंगू रोग उसके बचाव ,एवं रोकथाम के बारे में लोगों को जागरूकता रैली के माध्यम से इसके दुष्प्रभावों के बारे में अवगत कराया गया। लोगों को बताया गया कि डेंगू के लक्षणों का अनुभव होते ही तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें तथा रक्त जांच करायें। रक्त जांच सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में निःशुल्क है।