छत्तीसगढ़

समर कैंप: बच्चों की चहलकदमी से होती है रायगढ़ स्टेडियम की सुबह

कलेक्टर श्री सिन्हा की पहल से शुरू हुआ समर कैंप, 4 जून तक रहेगा जारी
कैम्प में रायगढ़ के 568 बच्चे सीख रहे है विभिन्न खेलों के गुर
योगाभ्यास व जुम्बा के साथ स्वल्पाहार की भी होती है व्यवस्था

रायगढ़, 18 मई 2023/ बोईरदादर स्टेडियम रायगढ़ की सुबह सैकड़ों बच्चों की चहल कदमी से शुरू होती है। ये बच्चे यहां अपनी छुट्टियों का भरपूर उपयोग कर खुद को तराशने के लिए सबेरे से पहुंचते है। दरअसल रायगढ़ स्टेडियम में कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा की पहल पर जिला प्रशासन द्वारा 5 मई से समर कैंप आयोजित किया जा रहा है। जो अगले 4 जून तक चलेगा। इस कैम्प में बच्चों को विभिन्न खेलों का प्रशिक्षण एक्सपर्ट कोच द्वारा दिया जा रहा है। समर कैंप को लेकर बच्चों में भी खासा उत्साह है। करीब साढ़े पांच सौ से अधिक बच्चे हर दिन सुबह यहां खेलों का प्रशिक्षण लेने आते है। जिला प्रशासन द्वारा आयोजित यह कैम्प बच्चों के लिए पूर्णत: नि:शुल्क है। स्टेडियम में बच्चों को क्रिकेट, हॉकी, बॉस्केट बॉल, फुटबॉल, हैण्ड बॉल, ताइक्वांडो, योगा, रोप स्किीपिंग, किक बॉक्सिंग, बाक्ंिसग एवं बैडमिंटन के गुर सिखाये जा रहे है। इसके अलावा यहां बच्चों को योगाभ्यास व जुम्बा भी कराया जा रहा है।  
अलग-अलग खेलों में इतने बच्चों ने कराया है पंजीयन
बच्चों को क्रिकेट, हॉकी, बॉस्केट बॉल, फुटबॉल, हैण्ड बॉल, ताइक्वांडो, योगा, रोप स्किीपिंग का सुबह 6 बजे से 8.30 बजे तक और वाटर पोलो एवं बैडमिंटन का सुबह 9 बजे से 10.30 बजे तक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ग्रीष्म खेल-कुद प्रशिक्षण शिविर में 568 बच्चों का पंजीयन किया गया है। जिसके तहत क्रिकेट में 73, बॉस्केट बाल में 120, हॉकी में 34, फुटबाल में 85, हैण्ड बॉल में 22, ताईकाण्डो में 80, योगासन में 22, रोप स्किपिंग में 14, किक बॉक्सिंग में 41, बॉक्सिंग में 18 एवं बैडमिंटन में 59 बच्चे प्रशिक्षण ले रहे है।
खेल-कुद प्रशिक्षण के साथ शिविर में दिया जा रहा पौष्टिक आहार
नि:शुल्क ग्रीष्म कालीन खेल-कुद प्रशिक्षण शिविर में आने वाले सभी बच्चों को स्वल्पाहार के रूप में पौष्टिक आहार भी दिया जा रहा है, जिसमें बच्चों को उनकी रूचि के अनुसार प्रतिदिन मेन्यू में बदलाव कर उबला अंडा, दुध, केला, अंकुरित चना-मूंग, गुड़ फल्ली, कटलेट, बे्रड बटर जैम, पोहा, जलेबी एवं शर्बत दिया जा रहा है। स्वल्पाहार की इस व्यवस्था में उद्योगों से भी सहयोग प्राप्त हो रहा है। आगामी 4 जून तक यह व्यवस्था सतत् रूप से शिविर के प्रशिक्षार्थी बच्चों को उपलब्ध करायी जाएगी।  

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