छत्तीसगढ़

मिशन मोड पर संक्रामक बीमारी के रोकथाम और नियंत्रण के लिए टीकाकरण अभियान तेज

कलेक्टर ने गौवंशीय जानकरों में होने वाले संक्रामक बीमारियों के रोकथाम एवं उपायों की समीक्षा की

शहरी क्षेत्र में कुल पशु संख्या 889 में से 670 पशुओं में टीकाकरण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। 10 बीमार पशुओं का उपचार किया गया है, साथ ही 657 पशुओं में जूँ/किलनी नाशक एवं कृमि नाशक औषधियों का वितरण किया जा चुका है

कवर्धा, 25 मई 2023। गौवंशीय जानवारों में फैल रही संक्रामक बीमारी के रोकथाम और नियंत्रण के लिए जिला प्रशासन हाईअलर्ट हो गया है। कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे ने निर्देश पर पशुधन विकास विभाग ने लोहारा विकासखण्ड में गौवंशीयों के स्वास्थ्य परीक्षण और टीकारण अभियान शुरू कर दी है। कलेक्टर श्री महोबे ने जिले के सभी गोठानों में संक्रामक बीमारी के रोकथाम और प्रभावी नियंत्रण के लिए शिविर और टीकाकरण अभियान लगाने के निर्देश दिए है। उन्होने गोपाल किसान अगर अपने जानवारों को खुले में छोड़ने के लिए परहेज कर रहे होंगे तो घर-घर पहुंच कर जानकवरों स्वास्थ परीक्षण करे और टीकारण करें।
उपसंचालक डॉ एसके मिश्रा ने बताया कि गौवंशीय जानवरों में संक्रामक बीमारी के लक्षण पाए गए है, लेकिन वह लंपी वायरस नहीं है। इस वायरस से मिलता जुलता है। हालांकि संक्रामक बीमारी के वायरस की सूचना राज्य कार्यालय को भी दी गई है और वायरस की जांच के लिए वायरोलॉजिकल लैब भोपाल को भेजी गई है। रिपोट आने के बाद ही इस वायरस की सही जानकारी मिल पाएगी। उन्होने जिले के गौपालन किसानों से आग्रह किया है, जिले में अभी लंपी वायरस के एक भी लक्षण नहीं मिले है। लम्बी बीमारी एक विषाणु जनिक रोक है, जिसमें पशुधन की मृत्यु नहीं होती है। लेकिन बीमार होने पर पशुधन की उत्पादकता कुछ समय के लिए प्रभावित होती है। इस बीमारी में पशुओं की मृत्युदर मात्र 1 से 2 प्रतिशत है। जिले में संक्रामक बीमारी के रोकथाम के लिए टीकारण मिशन मोड पर है।
जिले के विकासखण्ड-सहसपुर लोहारा एवं विकासखण्ड-कवर्धा के शहरी क्षेत्रों के कुछ पशुओं में लंपी बीमारी से मिलते-जुलते लक्षण पाये गए हैं, उससे ग्रामीण एवं पशु पालकों को भयभीत होने की आवश्यकता नही है। उपसंचालक ने संक्रामक बीमारी के रोकथाम के लिए उपाय बताते हुए कहा कि रोग ग्रस्त पशुओं को स्वस्थ पशुओं से अलग रखा जाए और उनका दाना पानी अलग-अलग दिया जाए। पशु गृह की नियमित निर्जन्तुकरण किया जाएं साथ ही गृह/प्रक्षेत्र में जूँ/किलनी नाशक दवा का छिड़काव करें एवं स्वस्थ पशुओं में टीकाकरण कराये। लम्पी स्किन बीमारी के रोकथाम हेतु विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों का सहयोग करें, एवं पशु बीमार होने की स्थिति में तत्काल नजदीकी पशु चिकित्सालय/पशु औषधालय को सूचित करें एवं पशु का समुचित उपचार करावें, अगर किसी भी पशुओं का मृत्यु होती है तो स्वच्छता के नियमों का पालन करते हुए, चुने के साथ में मृत पशु को दफनाया जावे।
सहसपुर लोहारा के शहरी क्षेत्र में विभागीय अधिकारियों द्वारा सभी वार्डा में नियमित भ्रमण किया जा रहा है। बीमार पशुओं का उपचार का कार्य किया जा रहा है। अभी तक शहरी क्षेत्र में कुल पशु संख्या 889 में से 670 पशुओं में टीकाकरण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। 10 बीमार पशुओं का उपचार किया गया है, साथ ही 657 पशुओं में जूँ/किलनी नाशक एवं कृमि नाशक औषधियों का वितरण किया जा चुका है।
जिला एवं विकासखण्ड स्तर पर रैपिड रेस्पॉस टीम का गठन किया गया है, जिनके द्वारा रोगों के नियमित निगरानी की जा रही है, साथ ही जिले के चेक पोस्ट जो वन विभाग, पुलिस विभाग एवं आबकारी विभाग द्वारा संचालित है वहां पशुधन विकास विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जा रही है, ताकि संक्रमित पशु सीमावर्ती राज्य से अपने जिले में प्रवेश न कर सके। जिले में अब तक लम्पी स्किन रोग जैसे लक्षण वाले 43 पशु पाये गए हैं, जिसमें सभी का उपचार किया जा रहा है। उपचार उपरांत 32 पशु स्वस्थ अवस्था में है, तथा 11 पशु का उपचार जारी है। इस प्रकार से लक्षण युक्त किसी भी पशु की मृत्यु की सूचना प्राप्त नही हुई है और लम्पी स्किन रोग की पुष्टि भी नही हुई है। जिले में विभाग द्वारा अब तक 1,55,773 पशुओं का टीकाकरण संपन्न कराया जा चुका है, तथा टीकाकरण कार्य निरंतर जारी है। टीकाद्रव्य की पर्याप्त मात्रा विभाग में उपलब्ध है।

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