सारंगढ़-बिलाईगढ़, 6 जून 2023/कलेक्टर डॉ फरिहा आलम सिद्दीकी ने कलेक्टोरेट सभाकक्ष में पीसीपीएनडीटी जिला सलाहकार समिति की प्रथम बैठक ली। बैठक में समिति के सदस्यों को पीसीपीएनडीटी एक्ट 1994 के संबंध में सामान्य जानकारी और नोडल अधिकारी द्वारा राज्य स्तर पर एवं जिला स्तर पर पुरुष एवं महिला लिंगानुपात के संबंध में जानकारी दी गई। साथ ही इस एक्ट के तहत प्राप्त आवेदनों के निरीक्षण, नवीनीकरण एवं पंजीयन के संबंध में चर्चा की गई।
पीसीपीएनडीटी एक्ट यानि गर्भधारण पूर्व और प्रसवपूर्व निदान-तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम, 1994 ऐसा एक अधिनियम है जो कन्या भ्रूण हत्या और भारत में गिरते लिंगानुपात को रोकने के लिये लागू किया गया था। इस अधिनियम ने प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण पर प्रतिबंध लगा दिया है। अधिनियम को लागू करने का मुख्य उद्देश्य गर्भाधान के बाद भ्रूण के लिंग निर्धारण करने वाली तकनीकों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाना और लिंग आधारित गर्भपात के लिये प्रसव पूर्व निदान तकनीक के दुरुपयोग को रोकना है। इस अधिनियम के अंतर्गत कोई भी प्रयोगशाला या केंद्र या क्लिनिक भ्रूण के लिंग का निर्धारण करने के उद्देश्य से अल्ट्रासोनोग्राफी सहित कोई परीक्षण नहीं करेगा। गर्भवती महिला या उसके रिश्तेदारों को शब्दों, संकेतों या किसी अन्य विधि से भ्रूण का लिंग नहीं बताया जा सकता। कोई भी व्यक्ति जो प्रसव पूर्व गर्भाधान लिंग निर्धारण सुविधाओं के लिये नोटिस, परिपत्र, लेबल, रैपर या किसी भी दस्तावेज के रूप में विज्ञापन देता है या इलेक्ट्रॉनिक या प्रिंट रूप में आंतरिक या अन्य मीडिया के माध्यम से विज्ञापन करता है या ऐसे किसी भी कार्य में संलग्न होता है तो उसे तीन साल तक की कैद और 10 हजार रुपए तक का जुर्माना हो सकता है। बैठक में डिप्टी कलेक्टर टी आर महेश्वरी, सीएमएचओ डाॅ एफ आर निराला सहित जिला सलाहकार समिति के सदस्य उपस्थित थे।