छत्तीसगढ़

जल संरक्षण को लेकर जिले में हो रहे कार्य सराहनीय-श्रीमती रश्मि रंजीता

जिले में जल संरक्षण के प्रयासों की समीक्षा के लिए दिल्ली से पहुंची जल शक्ति अभियान की निदेशक श्रीमती रश्मि रंजीता
कलेक्टर श्री सिन्हा ने कहा जन सहभागिता से जल सहभागिता की ओर बढ़ रहा है जिला
कलेक्टर श्री सिन्हा ने जिले में हो रहे प्रयासों व नवाचारों की विस्तार से दी जानकारी  

रायगढ़, जून 2023/ जिले में जल संरक्षण व संवर्धन की दिशा में किए जा रहे कार्यों की समीक्षा के लिए दिल्ली से जल शक्ति अभियान की नोडल अधिकारी श्रीमती रश्मि रंजीता रायगढ़ पहुंची। यहां उन्होंने कलेक्टोरेट सभाकक्ष में बैठक लेकर कैच द रेन कार्यक्रम के तहत जिले में हुए कार्यों के बारे में जाना। कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा ने जिले में जल संरक्षण व संवर्धन की दिशा में किए जा रहे विभागीय कार्यों व नवाचारों के बारे में विस्तार से बताया। निदेशक श्रीमती रश्मि रंजीता ने जिले में जल संरक्षण के चल रहे प्रयासों को लेकर कहा कि रायगढ़ में प्रशासनिक पहल के साथ जन-जागरूकता व जन सहयोग से कार्य हो रहे है जो सराहनीय कदम है।  
      कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा ने प्रजेन्टेशन के माध्यम से जिले में जल संरक्षण व संवर्धन की दिशा में किए जा रहे कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कलेक्टर श्री सिन्हा ने जिले की भौगोलिक स्थिति के साथ जल स्त्रोतों तथा उनको संवारने के लिए किए जा रहे कार्यों के बारे में बताया। कलेक्टर श्री सिन्हा ने कहा कि जिले में प्राकृतिक जल को अधिक से अधिक सहेजने तथा उसे भूमिगत करने का लक्ष्य लेकर कार्य किया जा रहा है। इसके तहत प्राकृतिक जल स्त्रोतों जैसे नदी व नालों के संवर्धन के काम हो रहे है। जल के बहाव को नियंत्रित करने नालों में चेक डेम, गेबियन, कंटूर टे्रच जैसी विभिन्न संरचनाएं बनायी जा रही है। गांवों में केन्द्रीकृत जल स्त्रोत के रूप में 106 अमृत सरोवर बनाये गये है। इसके अलावा पंचायतों व उद्योगों के सहयोग से 55 व अन्य मदों से 10 सहित कुल 171 तालाबों का काया-कल्प किया गया है। इनकी गहरायी व क्षेत्र बढ़ाया गया है जिससे अब इसमें डेढ़ गुना तक वर्षा का जल अधिक स्टोर होगा।
          सीईओ जिला पंचायत श्री जितेन्दर यादव ने बताया कि जिले में जल संरक्षण को लेकर अंतर्विभागीय समन्वय से कार्य किया जा रहा है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के साथ लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, जल संसाधन, वन, कृषि, राजस्व, नगरीय प्रशासन, जनसंपर्क, उद्योग विभाग द्वारा अपने क्षेत्र से संबंधित कार्यों से इस मुहिम को मजबूती दी जा रही है। जिसमें परंपरागत जल स्त्रोतों का पुनरूद्धार, स्वच्छ पेयजल, वृक्षारोपण, नरवा संवर्धन के साथ जन-जागरूकता प्रमुख लक्ष्य है। उन्होंने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा किए गए कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। इसी प्रकार अलग-अलग विभागों के जिला अधिकारियों ने उनके विभाग से जुड़े कार्यों की प्रगति के बारे में बताया।
           इस मौके पर डीएफओ रायगढ़ सुश्री स्टायलो मण्डावी, ज्वाईंट कलेक्टर श्री धनीराम रात्रे, आयुक्त नगर निगम श्री सुनील चंद्रवंशी, डिप्टी कलेक्टर श्रीमती रेखा चंद्रा, एसडीएम रायगढ़ श्री गगन शर्मा, डिप्टी कलेक्टर श्री शिव कुमार कंवर, डिप्टी कलेक्टर श्री रमेश मोर, सीजीएम डीआईसी श्री एस.के.राठौर, ईई जल संसाधन विभाग श्री गुप्ता, ईई केलो परियोजना श्री पी.आर.फुलेकर, जिला शिक्षा अधिकारी श्री बी.बाखला, सहायक संचालक शिक्षा श्री के.के.स्वर्णकार, डीएमसी श्री नरेन्द्र चौधरी सहित विभागीय अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।  
केलो संरक्षण मुहिम व वृहत वृक्षारोपण की विशेष पहल  
जनसहभागिता से जिले की प्रमुख नदी केलो को सहेजने व संवारने की मुहिम जिले में छेड़ी गयी है। जिसमें नदी के उद्गम से लेकर उसके महानदी में विलय होने तक के मार्ग पर काम किया जा रहा है। जल व मृदा संरक्षण के लिए इस मानसून 500 एकड़ में वृहत वृक्षारोपण की कार्ययोजना है। जिसमें करीब 4 लाख पौधों का रोपण किया जाएगा। इसमें पौधों की सुरक्षा को लेकर विशेष प्रावधान किए जा रहे है। जिससे अगले तीन सालों तक रोपित पौधों की उचित देखभाल हो तथा वे पेड़ के रूप में विकसित हो सके।
जन सहभागिता से जल सहभागिता की ओर बढ़ता जिला
कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा ने बताया कि जल संरक्षण के तमाम प्रशासनिक प्रयास जनसहभागिता को साथ लेकर चल रहा है। जिससे जिला जल सहभागिता की ओर कदम बढ़ा रहा है। उन्होंने बताया कि लोगों को जागरूक किया जा रहा है। गांव-गांव में लोग जल संरक्षण की शपथ ले रहे है। रायगढ़ में जल शक्ति केन्द्र स्थापित किया गया है। जो जिले में जल से संबंधित आंकड़े संसाधन व प्रशिक्षण के लिए एक केन्द्रीय संस्थान है। पंचायतों व जनप्रतिनिधियों को विशेष तौर से मुहिम में शामिल किया गया है। नारी शक्ति को जल शक्ति अभियान से जोडऩे के लिए स्व-सहायता समूहों के द्वारा विभिन्न कार्यक्रम किए जा रहे है। स्कूलों में भी जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। उद्योगों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जा रही है।

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