छत्तीसगढ़

अतिसंवेदनशील क्षेत्र चांदामेटा में प्रशासन की संवेदनशील पहल

बच्चों को मिला अपना नया स्कूल भवन

उमंगों से खिल उठे बच्चों के चेहरे जब अपने ही हाथों किया स्कूल भवन का उद्घाटन

रायपुर, 14 जुलाई 2023/ बस्तर जिले के अतिसंवेदनशील क्षेत्र चांदामेटा प्राथमिक शाला को पहली बार स्वयं का स्कूल भवन मिला है। प्रशासन ने इस अतिसंवेदनशील क्षेत्र में संवेदनशील पहल करते हुए नए स्कूल भवन का उद्घाटन स्कूली विद्यार्थियों के हाथों कराया। अपने ही हाथों अपने नए स्कूल भवन का लोकार्पण करते वक्त बच्चों के चेहरे उमंग से खिल उठे थे। ऐसा लग रहा था मानों यहां बच्चे विशिष्ट अतिथि हैं और उपस्थित अधिकारी और ग्रामीण सभी उनका हौसला बढ़ा रहे हों।

नक्सल हिंसा से कभी प्रभावित रहा चांदामेटा आज शिक्षा और सामाजिक स्तर पर आगे बढ़ रहा है। सरकार की पहल से यहां न केवल स्कूल नियमित रूप से चलाया जा रहा बल्कि पढ़ाई के लिए बच्चे भी दुर्गम क्षेत्रों से यहां आ रहे हैं। चांदामेटा में स्कूल भवन के लिए जमीन किसान श्री आयता मरकाम ने अपनी जमीन दान में दी है ताकि बच्चों को गांव में ही बेहतर शिक्षा के अनुकूल माहौल मिल सकें। स्कूल के उद्घाटन कार्यक्रम में अधिकारियों एवं ग्रामीणों ने श्री आयता को स्कूल भवन के लिए जमीन दान में देने के लिए धन्यवाद दिया और पुष्पगुच्छ देकर उनका सम्मान किया।

एक ऐसा समय भी था जब इस इलाके में स्कूल संचालित कर पाना असंभव था। निजी भवनों में बड़ी कठिनाईयों के बीच स्कूल संचालित होते थे। लेकिन अब प्रशासन ने नया स्कूल भवन तैयार किया है, जिसमें नियमित रूप से कक्षाएं लग रही है। खुशी की बात है कि गांव के बच्चों ने ही अपने लिए तैयार स्कूल का शुभांरभ किया।

गौरतलब है कि प्रदेश के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पिछले चार सालों में अनेकों विकास कार्य किए गए हैं, जिससे प्रदेश के सुदूर वनांचल के इलाके मुख्यधारा से जुड़कर प्रदेश के विकास में अपने भागीदारी दे रहे हैं। इनमें ऐसे इलाके भी शामिल है, जो नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण मूलभूत सुविधाओं से वंचित थे। शिक्षा के लिए स्कूलों का संचालन का नहीं हो पा रहा था। संवेदनशील प्रदेश सरकार ने बस्तर संभाग में नक्सली गतिविधियों के कारण बंद पड़े 314 स्कूलों को न केवल पुनः प्रारंभ किया बल्कि विकास, विश्वास, और सुरक्षा के अपने संकल्प को मजबूती के साथ स्थापित किया। जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि चांदामेटा के बच्चे अब अपना भविष्य गढ़ सकेंगेे। भवन को सहेजने-संवारने की जिम्मेदारी ग्रामीणों ने ली है और यह बड़े बदलाव का सुखद संदेश है। भवन को बनाने में सुरक्षा बल के जवानों ने बहुत मेहनत की है। जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि ग्रामीणों की मांग पर प्रशासन द्वारा चांदामेटा के लिए सड़क, स्कूल, आंगनबाड़ी की सुविधाएं दी गई है और आगे भी विकास की अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएगी। इससे पहले कैंप में स्कूल संचालित की जा रही थी अब भवन बनने से बच्चों को सुविधा होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *