राजनांदगांव 07 अगस्त 2023। कलेक्टर श्री डोमन सिंह के निर्देशानुसार जिले के सभी विकासखंडों में अनुज्ञप्तिधारी आदान सामग्री विके्रताओं द्वारा किसानों को मानकों के अनुरूप उर्वरक, बीज, कीटनाशकों के नमूने लेकर प्रयोगशाला में भेजने एवं नियमों का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई लगातार की जा रही है। जिले में किसानों को गुणवत्तापूर्ण आदान सामग्रियों उर्वरक, बीज, कीटनाशकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिए राज्य एवं जिला स्तर से जांच की कार्यवाही भी की जा रही हैं। इस संबंध में उप संचालक कृषि श्री नागेश्वर लाल पाण्डेय ने बताया कि राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम सोमनी के मेसर्स-पीएनएच क्रॉप सांईस प्राईवेट लिमिटेड के कीटनाशी विनिर्माता (मैन्यूफैक्चरर) के विनिर्माण स्थल में जांच की कार्रवाई की गई। जांच के दौरान कीटनाशी निरीक्षक सह कृषि विकास अधिकारी श्री अविनाश दुबे, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री एनके टेम्भरे एवं ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी श्री मिथलेश साहू उपस्थित थे। करटाप हाईड्रोक्लोराईड, (सनटाप-एसपी 50 प्रतिशत एसपी) 500 ग्राम का 72 पैकेट एवं प्रोफेनोफॉस 40 प्रतिशत + सायफरमेथ्रीन 4 प्रतिशत, ईसी (प्रोफेस 40 ईसी), 1000 एमएल के 240 पैकेट, उत्पाद धर्मज क्रॉप गार्ड लिमिटेड, अहमदाबाद द्वारा मंगवाकर पुन: अपने परिसर में रिपैकिंग किया गया था। विनिर्माण स्थल में अनुज्ञा पत्र का प्रदर्शन नहीं किया नियम 10 (4) (1), मासिक विनिर्माण एवं वितरण प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं किया जाना नियम 15 (2), भंडारण वितरण एवं अन्य निर्धारित पंजीयों का संधारण नहीं किया जाना 15 (3), (4), भंडारण तथा मूल्य सूची का प्रदर्शन परिसर में नहीं किया जाना नियम 10 (डी), विनिर्माण में संलग्न व्यक्तियों का डाक्टरी जांच का विवरण का रिकार्ड नहीं नियम 37, विनिर्माण स्थल पर गुण नियंत्रण प्रयोगशाला में निर्धारित मापदण्ड के अनुसार उपकरण नहीं पाया जाने के नियमों का पालन नहीं किया जाना पाया गया। उपरोक्तानुसार कीटनाशी अधिनियम 1968 एवं कीटनाशी नियम 1971 में दर्शित शर्तों का उल्लंघन किया जाना पाया गया है। इस संबंध में अनुज्ञा पत्र में दर्शित शर्तो का उल्लंघन पाये जाने के फलस्वरूप कीटनाशी निरीक्षक द्वारा जप्ती एवं सुपुर्दगी की कार्रवाई की गई।
इसी प्रकार मेसर्स-पीएनएच क्रॉप सांईस प्राईवेट लिमिटेड ग्राम सोमनी, विकासखंड राजनांदगांव के विनिर्माण स्थल में ह्यूमिक एसिड+फॉल्विक न्यूट्रियेंट मिक्चर, (काला रत्न), 300 किलो ग्राम, ह्यूमिक एसिड+सी-वीड, (ग्रो-73), 9000 किलो ग्राम, स्वाईल कंडिशनर, (ग्रीन मैक्स), 400 किलो ग्राम, स्वाईल कंडिशनर, (उत्पाद जी), 17 हजार 500 किलो ग्राम, ह्यूमिक एसिड, (पारस जी), 4000 किलो ग्राम, सी-वीड+ह्यूमिक एसिड+फॉल्विक एसिड, (पावर प्लस), 300 लीटर, पीजीए, (भू्रम फ्लावर), 280 लीटर, ह्यमिक एसिड+फॉल्विक एसिड, (प्रो ग्रो), 970 किलो ग्राम का निर्माण होना पाया गया। ह्यूमिक एसिड+फॉल्विक न्यूट्रियेंट मिक्चर, स्नेहल प्लास्टिक, राजकोट, गुजरात से मंगवाकर पुन: काला रत्न के नाम से रिपैकिंग कर बनाया गया है। ह्यूमिक एसिड+सी-वीड के लिए बेन्टोनाईट पीजेएस कनौली, गुजरात एवं ह्यूमिक एसिड स्नेहल प्लास्टिक, राजकोट, गुजरात से मंगवाकर मिक्चर मशीन के द्वारा तैयार किया गया है। स्वाईल कंडिशनर, नीलकंठ मिनरल अजमेर, राजस्थान से मंगवाकर पुन: पैकिंग कर बनाया गया है। ह्यूमिक एसिड के लिए बेन्टोनाईट पीजेएस कनौली, गुजरात एवं ह्यूमिक एसिड स्नेहल प्लास्टिक, राजकोट, गुजरात से मंगवाकर मिक्चर मशीन के द्वारा बनाया गया है। सी-वीड+ह्यूमिक एसिड+फॉल्विक एसिड के लिए स्नेहल प्लास्टिक, राजकोट, गुजरात से ह्यूमिक एसिड मंगवाकर पानी में 18 प्रतिशत घोल परिसर में बनाकर पैकिंग किया गया है। पीजीए के लिए स्नेहल प्लास्टिक, राजकोट, गुजरात से ह्यूमिक एसिड मंगवाकर पानी में 18 प्रतिशत घोल परिसर में बनाकर पैकिंग किया गया है। ह्यमिक एसिड+फॉल्विक एसिड को स्नेहल प्लास्टिक, राजकोट, गुजरात से मंगवाकर पुन: पैकिंग इस परिसर में किया गया है। इन उत्पादों की जैव प्रेरक की श्रेणी में आने की संभावना है। भारत सरकार का राजपत्र के द्वारा उर्वरक (अकार्बनिक, कार्बनिक या मिश्रित) (नियंत्रण) संशोधन आदेश 2021 जारी किया गया है। उक्त संशोधन आदेश के अंतर्गत खण्ड-2 में उपखण्ड (कख) स्थापित किया गया है, जिसमें ”जैव प्रेरकÓÓ को परिभाषित किया गया है। साथ ही, खण्ड-20 (ग) अंत: स्थापित करते हुए अनुसूची-4 सम्मिलित की गयी है।
उन्होंने बताया कि अनुसूची-4 में जैव प्रेरक को विनिर्दिष्ट करने के लिए प्रत्येक विनिर्माता और आयातकर्ता के लिये यह आवश्यक होगा कि ऐसे उत्पाद से संबंधित राजपत्र में उल्लेखित विभिन्न आंकड़ों के साथ नियंत्रक को आवेदन प्रस्तुत कर पंजीयन करायेंगे, किन्तु ऐसे कोई व्यक्ति जो उक्त आदेश प्रकाशन की तारीख पर जैव प्रेरक का विनिर्माण कर रहे हैं, तथा जिनके कोई मानक विनिर्दिष्ट नही किये गये हैं, उन्हें आदेश प्रकाशन की तारीख 23 फरवरी 2021 से दो वर्षो की अवधि के लिये ऐसे जैव प्रेरक को विक्रय, विक्रय के लिए प्रस्ताव, भंडार या प्रदर्शन के लिये विनिर्माण को जारी रखने के लिए अंत: कालीन रजिस्ट्रीकरण प्राप्त करने के लिये आवेदन करना होगा। उक्त उर्वरक (अकार्बनिक, कार्बनिक या मिश्रित) (नियंत्रण) आदेश 1985, संशोधन आदेश 2021 के अंतर्गत आपके द्वारा जैव प्रेरक को विक्रय, विक्रय के लिए प्रस्ताव, भंडार या प्रदर्शन के लिये विनिर्माण के लिये निरीक्षण तिथि तक आवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया, जो निहित प्रावधानों एवं शर्तो का उल्लंघन हैं। इस परिपेक्ष्य में बिना अनुज्ञा पत्र के जैव प्रेरक विनिर्माण करने के संबंध में नियम एवं शर्तो का उल्लंघन पाये जाने के फलस्वरूप उर्वरक निरीक्षक द्वारा जप्ती एवं सुपुर्दगी की कार्यवाही की गई।