छत्तीसगढ़

गौठान से समूह की महिलाएं बढ़ रही विकास की ओर, चेहरे पर आने लगी मुस्कान

अमरताल की गौठान में सब्जी उत्पादन, वर्मी कम्पोस्ट, मशरूम उत्पादन से जुड़ी छत्तीसगढ़ विकास स्व सहायता समूह की महिलाएं

     जांजगीर-चांपा 07 अगस्त 2023/ गांव की गौठान सिर्फ पशुओं के लिए आश्रय प्रदान नहीं कर रही बल्कि इससे स्व सहायता समूह की महिलाएं, ग्रामीण, पशुपालक, किसान भी स्वावलंबी बन रहे हैं। उनके लिए गौठान आजीविका के केन्द्र के रूप में उभर के सामने आए हैं। एक ओर से उनकी आमदनी में इजाफा हुआ और आर्थिक रूप से परिवार मजबूत बने हैं, तो दूसरी ओर उनके पशुओं के लिए आसरा एवं किसानों की फसलों को होने वाले नुकसान से छुटकारा मिला है। ऐसी ही जिले में अमरताल गौठान है जिसमें काम करने वाली समूह की महिलाओं के लिए आजीविका गतिविधियों के कार्यों से चेहरे पर मुस्कान आई है। समूह में काम करने वाली महिलाओं के लिए रोजगार के साधन राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना एनजीजीबी के माध्यम से मिल रहा है। इसके साथ ही गोधन न्याय योजना से गोबर बेचने वाले खुशहाल हो रहे हैं।
  जिला जांजगीर-चांपा के विकासखण्ड अकलतरा में ग्राम पंचायत अमरताल है। इस ग्राम पंचायत में 20 जुलाई 2020 को पशुओं के आश्रय स्थल के रूप में गौठान का निर्माण किया गया। गौठान बनने के बाद से ही छत्तीसगढ़ विकास महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं ने कार्य प्रारंभ किया। शुरूआत में वर्मी कम्पोस्ट से जुड़ी, जिसका प्रशिक्षण लेने के बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। समूह की अध्यक्ष श्रीमती धर्मिनबाई पति उभेराम ने बताया कि उनके समूह के द्वारा गौठान समिति के माध्यम से 2 लाख 31 हजार 491 किलोग्राम गोबर की खरीदी की गई। समिति द्वारा गौठान में गोबर खरीदने के बाद उसे समूह के द्वारा वर्मी कम्पोस्ट टैंक में डालकर खाद बनाने का काम शुरू किया गया। शुरूआत में खाद बनाने को लेकर मिले प्रशिक्षण ने महिलाओं को बहुत मजबूत बनाया। जिसका नतीजा यह हुआ कि समूह की महिलाओं ने 75 हजार 270 किलोग्राम खाद तैयार करते हुए सहकारी सोसायटी को उपलब्ध कराया। जिससे समूह को 1 लाख 66 हजार 980 रूपए की आय हुई। समूह द्वारा तैयार खाद का उपयोग किसानों ने अपनी फसलों में किया, जिससे जैविक खाद को बढ़ावा मिला। समूह की महिलाओं ने अपने कदमों को यही विराम नहीं दिया बल्कि समूह की उत्साही महिलाओं ने दूसरी आजीविका गतिविधियों को प्रारंभ किया। समूह द्वारा सब्जी उत्पादन करते हुए कार्य किया गया। इसमें सदस्यों द्वारा 5 हजार 250 रूपए प्रांरभिक निवेश कर वार्षिक आय 32 हजार 700 रूपए आय प्राप्त की। इसके साथ ही समूह की महिलाओं ने मशरूम उत्पादन में हाथ अजमाए और सफल होते हुए इसमें समूह ने राशि लगाई, जिसका परिणाम सफलता के रूप में सामने आया और उन्हें इससे 42 सौ रूपए लाभ प्राप्त हुए। अब तक समूह ने इन सभी आजीविका गतिविधियों के माध्यम से 2 लाख 3 हजार 888 रूपए की आय अर्जित की।गोबर से हो रही पशुपालकों, चरवाहों को आय

       गोधन न्याय योजना से जुड़ने के बाद से गौठान में गोबर की खरीदी की जा रही है। गौठान में सबसे अधिक गोबर पशुपालक श्री ललित बघेल के द्वारा 55 हजार 363 किलोग्राम विक्रय किया गया, जिससे उन्हें 1 लाख 10 हजार 726 रूपए की आमदनी हुई। ललित की आमदनी को देखकर गांव के श्री नरेन्द्र यादव द्वारा 20 हजार 62 किग्रा गोबर बेचकर 40 हजार 124 रूपए एवं श्रीमति किरण कुर्रे के द्वारा 15 हजार 902 किग्रा गोबर बेचा गया, जिससे उन्हें 31 हजार 804 रूपए आय प्राप्त हुई। चरवाहा श्री दलपत यादव द्वारा 7 हजार 581 किग्रा गोबर बेचकर 15 हजार 162 रूपए की आय अर्जित हुई। पशुपालकों ने सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना को बेहतर आय का जरिया बताया और योजना को लेकर सरकार को धन्यवाद दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *