छत्तीसगढ़

जानलेवा होता है रेबीज, टीका लगवाना ही बचाव का तरीका

विश्व रेबीज दिवस पर हुए विविध जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
बलौदाबाजार, सितंबर 2023/कलेक्टर चंदन कुमार के निर्देश पर विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी 28 सितंबर को स्वास्थ्य विभाग के तत्वाधान में विश्व रेबीज दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर स्वास्थ्य केंद्रों सहित स्कूलों में लोगों को रेबीज के प्रति जागरुक एवं सावधानी बरतने के संबंध में अपील कर जानकारी दी गई।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एमपी महिस्वर ने बताया कि देश में प्रतिवर्ष लगभग 20 हज़ार लोगों की मौत रेबीज से हो जाती है जिसमें से 97 प्रतिशत केस संक्रमित कुत्ते के काटने से होता है रेबीज एक जानलेवा रोग है यदि इसका टीका नहीं लगवाया गया और लक्षण प्रकट हो गए तो मरीज की मृत्यु हो जाती है। नोडल अधिकारी डॉ अभिजीत बनर्जी के अनुसार संक्रमित जानवर के काटने पर रेबीज के लक्षणों में बुखार, सरदर्द, थकान, पश्चात श्वसन तंत्र, तंत्रिका तंत्र, पाचन तंत्र पर प्रभाव पड़ता है। मरीज को हवा, पानी प्रकाश से भय लगता है और वह कोमा में चला जाता है जिसके बाद उसकी मृत्यु हो जाती है। रेबीज से बचाव हेतु जानवर के काटने पर घाव को तुरंत साबुन और साफ पानी से धोएं फिर एंटीसेप्टिक लगा के तुरंत चिकित्सक से संपर्क कर एंटी रेबीज टीका लगवाएं। किसी प्रकार के अंधविश्वास के झांसे में आ के झाड़-फूंक की गतिविधियों से दूर रहें। घर में यदि पालतू जानवर है तो उसे टीका लगवाएं। यह टीका शासकीय अस्पताल में निःशुल्क उपलब्ध है। जिला एपिडेमियोलॉजिस्ट श्वेता शर्मा के अनुसार जिले में वर्ष 2023 में भाटापारा में 1059, बलौदाबाजार में 919, सिमगा में 580, पलारी में 505 और कसडोल में 423 कुत्ते काटने के प्रकरण सामने आए थे। वर्ष 2022 में जिले में ऐसे कुल केस 3881 के थे जो इस वर्ष अब तक 3486 हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *