बीजापुर 11 अक्टूबर 2023- कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री राजेन्द्र कुमार कटारा ने चुनाव आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील होने पर सार्वजनिक उपक्रमों, निकायों, जनप्रतिनिधियों को आबंटित शासकीय वाहनों को वापस लेने आदेश जारी कर दिया है। जारी आदेश में कहा गया है कि विधानसभा आम निर्वाचन की घोषणा के साथ ही जिले में आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील हो गई है। निर्वाचन की प्रक्रियाओं के समापन तक के लिए केन्द्रीय एवं राज्य सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों के अध्यक्ष, स्थानीय निकाय के अध्यक्ष एवं अन्य जनप्रतिनिधियों को उनके पदीय दायित्वों के निर्वहन हेतु आबंटित शासकीय वाहनों का दुरुपयोग को रोकने के लिए वापस लेना आवश्यक है। जिला निर्वाचन अधिकारी ने निर्वाचन प्रक्रिया समापन तक के लिए संबंधित कार्यालय के सक्षम शासकीय प्राधिकारी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, जनपद पंचायत, मुख्य नगर पालिका अधिकारी को वापस करने आदेश जारी कर दिए है।
सार्वजनिक उपक्रमों, निकायों, जनप्रतिनिधियों को आबंटित शासकीय वाहनो का उपयोग निषिद्ध
बीजापुर 11 अक्टूबर 2023- भारत निर्वाचन आयोग नई दिल्ली द्वारा विधानसभा के निर्वाचन कराने की घोषणा 09 अक्टूबर 2023 को किया गया है। घोषणा दिनांक से आचार संहिता लागू हो गई है । अतएव निर्वाचन की घोषणा के दिनांक से निर्वाचन के परिणाम घोषित होने के दिनांक तक केन्द्र राज्य शासन के उपक्रम संयुक्त क्षेत्र के उपक्रमों, स्वायत्तशासी संस्थाओं, जिला पंचायतों, जनपद पंचायतों, ग्राम पंचायतों, नगर पालिकाओं, नगर पंचायतों, विपणन बोर्ड, विपणन संस्थाओं, कृषि उपज मंडी समिति प्राधिकरणों या अन्य ऐसे निकाय जिनमें सरकारी धन का कितना भी छोटा अशं निवेश किया गया हो, के वाहनों के उपयोग के किसी भी प्रकार की अनुमति विधानसभा सदस्यों संसद सदस्यों, राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों अथवा अभ्यर्थियों या निर्वाचन से संबंधित किसी व्यक्ति को नहीं दिये जाने के आदेश हैं।
अतएव उल्लेखित जनप्रतिनिधियों को आबंटित वाहन वापस लेकर इस कार्यालय को अवगत कराया जावे । यदि जनप्रतिनिधियों द्वारा वाहन का उपयोग किया जाता है तो इसकी पूर्ण जिम्मेदारी स्वयं की होगी।
राजनैतिक दलों, अभ्यर्थियों द्वारा शासकीय एवं अशासकीय भवनों की दीवारों पर बिना अनुमति के नारे आदि लिखने पर होगी कार्रवाई
बीजापुर 11 अक्टूबर 2023- विधानसभा आम निर्वाचन 2023 के दौरान राजनैतिक दलों एवं उनके अभ्यर्थियों द्वारा चुनाव प्रचार करने के लिये शासकीय/अशासकीय भवनों पर नारे लिखे जाने तथा विद्युत एवं टेलीफोन के खम्बो पर चुनाव प्रचार से संबंधित झंडियाँ लगाये जाने के कारण शासकीय/अशासकीय संपत्ति का स्वरूप विकृत हो जाता है। संपत्ति के स्वामी की लिखित अनुज्ञा के बिना सार्वजनिक दृष्टि में आने वाली किसी संपत्ति को स्याही खडिया, रंग या किसी अन्य पदार्थ से लिख कर या चिन्हित कर के उसे विरूपित करेगा तो यह दंडनीय होगा और छत्तीसगढ़ संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम 1994 की धारा 3 में निहित प्रावधानों के तहत एक हजार रुपया तक जुर्माना हो सकेगा। इस अधिनियम के अधीन दण्डनीय कोई भी अपराध संज्ञेय होगा।
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री राजेन्द्र कुमार कटारा द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार संपत्ति विरूपण के संदर्भ में राज्य में प्रचलित विधि के प्रावधानों के अनुसार कठोर कार्यवाही किया जाना है, अतः एतद द्वारा निर्देश दिया जाता है कि छत्तीसगढ़ संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम 1994 के प्रावधानों का कठोरतापूर्वक अनुपालन सुनिश्चित करते हुए प्रभावी कार्यवाही की जाये संपूर्ण चुनाव प्रक्रिया के दौरान विभिन्न राजनैतिक दलों अथवा चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों द्वारा शासकीय एवं अशासकीय भवनों की दीवालों पर किसी भी प्रकार के नारे लिख कर विकृत किया जाता है, तो उनके विरुद्ध छत्तीसगढ़ संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम 1994 के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जाऐगी।