छत्तीसगढ़

उत्तराखंड के एससीईआरटी डाइट व स्वयंसेवी शिक्षकों को विषय विशेषज्ञ के रूप में पाण्डेय ने दिया ऑन लाइन प्रशिक्षण

लोकतंत्र की मजबूती के लिए साक्षरता जरूरी पाण्डेय

उत्तराखंड के एससीईआरटी डाइट व स्वयंसेवी शिक्षकों को विषय विशेषज्ञ के रूप में पाण्डेय ने दिया ऑन लाइन प्रशिक्षण

रायपुर l लोकतंत्र की मजबूती के लिए साक्षरता जरूरी है एक व्यक्ति के लिए समुदाय के लिए भारत की लोकतंत्र की मजबूती के लिए साक्षरता क्यों जरूरी है घर-घर साक्षरता ले जाएंगे मतदाता जागरूकता बनाएंगे
उकता क्ताशय के उद्गार आज राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के सहायक संचालक व राज्य शिक्षा केंद्र के नोडल अधिकारी प्रशांत पांडेय ने विषय विशेषज्ञ के रूप में उत्तराखंड के एससीईआरटी डाइट व 2000 से अधिक स्वयंसेवी शिक्षकों को ऑनलाइन प्रशिक्षण में यह उद्गार व्यक्त किया उन्होंने नवभारत साक्षरता कार्यक्रम में स्वयंसेवी शिक्षकों की भूमिका पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि बड़ों को पढ़l ने व बच्चों को पढ़ने में काफी अंतर है हमें बड़ों की भावनाओं का सम्मान करते हुए उन्हें मनोरंजन और रोचक तरीके से उनकी भावनाओं को समझते हुए सीखना होगा बुनियादी साक्षरता व अंक ज्ञान की बारीकी समझते हुए श्री पांडेय ने आगे कहा कि बुनियादी शिक्षा सतत शिक्षा जीवन कौशल शिक्षा जैसे वित्तीय साक्षरता डिजिटल साक्षरता चुनावी साक्षरता स्वच्छता स्वास्थ्य इत्यादि विषयों पर हमें विशेष रूप से ध्यान देना होगा उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रौढ़ शिक्षा अब सबके लिए शिक्षा के नाम से जाना जाएगा उन्होंने राष्ट्रीय साक्षरता केंद्र एनसीईआरटी द्वारा तैयार किए गए उजास प्रवेशिका तथा स्वयंसेवी शिक्षकों के लिए उल्लास मार्गदर्शिका का जिक्र किया उन्होंने आगे कहा कि दीक्षा पोर्टल में सारी सूचनाओं सारे विषय पाठ्यक्रम उपलब्ध है जिनका उपयोग ऑनलाइन व ऑफलाइन कक्षाओं के माध्यम से हमें उन्हें बारीकी से बताना होगा एनसीईआरटी रायपुर से उन्होंने यह ऑनलाइन प्रशिक्षण उत्तराखंड के सभी प्रतिभागियों को दिया जिसमें ढाई हजार लोगों की उपस्थिति रही पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से उन्होंने नवभारत साक्षरता कार्यक्रम की अवधारणा उद्देश्य पर विस्तार से चर्चा की प्रशासनिक को अकादमी संरचना के बारे में उन्होंने बताया और छत्तीसगढ़ में किए गए कार्यों के संबंध में भी उन्होंने भी उल्लेखनीय चर्चा की
उन्होंने आगे कहा की स्वयंसेवी शिक्षक को अपने आसपास के आस अक्षरों को परिवार की तरह पढ़ना होगा सीखना होगा उन्हें यह पता भी ना चले कि उन्हें पढ़ाया जा रहा है हमें कक्षा का ऐसा वातावरण बनाना होगा जिससे उन्हें लगे कि वह यहां कुछ सीखने के लिए नहीं बल्कि कौशल अर्जित करने के लिए आ रहे हैं जीवन में आने वाली कठिनाइयों का कैसे सामना करना है और आगे आने वाली चुनौतियों का कैसे सामना करना है इस पर भी रोचक तरीके से उन्होंने व्याख्यान दिया शिक्षा का सूरज ना मक वीडियो से उन्होंने साक्षरता के प्रति संदेश भी प्रसारित करवाया l श्री पांडेय ने चुनावी साक्षरता पर भी विशेष जोड़ देते हुए कहा कि मतदाताओं को जागरूक करना है उन्हें वोटर लिस्ट में नाम दर्ज करने के साथ ही मतदान की दिवस मतदान करने की महत्ता को विशेष रूप से समझता है ताकि वह अपने कीमती मतों का सदुपयोग कर सकें l

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