छत्तीसगढ़

सामान्य, पुलिस और व्यय प्रेक्षक ने अभ्यर्थियों एवं उनके प्रस्थापकों को आदर्श आचार संहिता का पालन करने, व्यय लेखा प्रस्तुत करने एवं अन्य महत्वपूर्ण जानकारी की गई प्रदान

कवर्धा, अक्टूबर 2023। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में होने वाले प्रथम चरण के विधानसभा आम निर्वाचन 2023 के लिए नियुक्त सामान्य प्रेक्षक श्री अजय कुमार गुप्ता (आईएएस), पुलिस प्रेक्षक श्री राजेश खुराना (आईपीएस) और व्यय प्रेक्षक श्री वेंकन्ना तेजावथ (आईआरएस) ने आज कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में विधानसभा क्षेत्र 71 पंडरिया और विधानसभा क्षेत्र 72 कवर्धा के नाम वापसी एवं प्रतीक चिन्ह आबंटन के बाद अभ्यर्थियों एवं उनके प्रस्थापकों की बैठक ली। बैठक में अभ्यर्थियों द्वारा निर्वाचन के दौरान आदर्श आचार संहिता का पालन करने/व्यय लेखा प्रस्तुत करने एवं अन्य महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गई। बैठक में कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री जनमेजय महोबे, निर्वाचन प्रशिक्षण के जिला नोडल अधिकारी एवं जिला पंचायत सीईओ श्री संदीप अग्रवाल, विधानसभा क्षेत्र 71 के रिटर्निंग ऑफिसर श्री संदीप ठाकुर, विधानसभाक्षेत्र 72 के रिटर्निंग ऑफिसर श्री पीसी कोरी, संयुक्त कलेक्टर डॉ. मोनिका कौड़ो, उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री ऋतुराज िंसंह बिसेन, डिप्टी कलेक्टर श्रीमती लेखा अजगल्ले, सुश्री आकांक्षा नायक सहित अभ्यर्थी एवं उनके प्रस्थापक उपस्थित थे।   बैठक सामान्य प्रेक्षक श्री अजय कुमार गुप्ता ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जिले के दोनो विधानसभा क्षेत्रों में निष्पक्ष, स्वतत्रं एवं शांतिपूर्ण तथा निर्वाचन के सभी कार्यो में पारदर्शिता बनाएं रखने के लिए पूरी व्यवस्था बनाई गई है। निष्पक्ष, स्वतत्रं एवं शांतिपूर्ण निर्वाचन कार्य के लिए सभी अभ्यर्थी अपना सहयोग देंगे। सभी अभ्यर्थी आर्दश आचार संहिता का पालन करेंगे। उन्होंने बैठक में अभ्यर्थियों को बताया कि कोई दल या अभ्यर्थी ऐसी किसी गतिविधि में शामिल नहीं होगा जिससे भिन्न जातियों और धार्मिक या भाषायी समुदायों के बीच विद्यमान मतभेद अधिक गंभीर हो सकते हैं या परस्पर नफ़रत हो सकती है या तनाव पैदा हो सकता है। दलों और अभ्यर्थियों को अन्य दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं की निजी जीवन के सभी पहलुओं की आलोचना करने से बचना होगा। असत्यापित आरोपों या मिथ्या कथन के आधार पर अन्य दलों या उनके कार्यकर्ताओं की आलोचना करने से बचना होगा। बैठक में बतया गया कि मत प्राप्त करने के लिए जाति या संप्रदाय की भावनाओं के आधार पर कोई अपील नहीं की जाएगी। मंदिर, मस्जिद, चर्च और धार्मिक स्थलों को निर्वाचन प्रचार के मंच के रूप में प्रयुक्त नहीं किया जाएगा। सभी दल और अभ्यर्थी ऐसी कोई गतिविधि नहीं करेंगें जो निर्वाचन विधि के अधीन “भ्रष्ट आचरण“ एवं अपराध हैं जैसे कि मतदाताओं को घूस देना, मतदाताओं को डराना-धमकाना, मतदान केंद्रों से 100 मीटर की दूरी के अंतर्गत प्रचार करना, मतदान समाप्त होने के लिए निर्धारित समय के समाप्त होने वाले 48 घंटों की अवधि के दौरान सार्वजनिक सभाएं आयोजित करना और मतदाताओं को मतदान केन्द्रों तक ले जाने और वापस लाने के लिए परिवहन और वाहन उपलब्ध कराना। बैठक में बताया गया कि हर व्यक्ति के शांतिपूर्ण और बाधारहित घरेलू जीवन के अधिकार का सम्मान किया जाना चाहिए, चाहे राजनीतिक दल और अभ्यर्थी उनकी राजनीतिक राय या गतिविधियों से कितने भी अप्रसन्न हों। किसी भी परिस्थिति में उनकी राय अथवा गतिविधियों के खिलाफ विरोध जताने के लिए व्यक्तियों के घर के सामने प्रदर्शन आयोजित करने या धरना देने का सहारा नहीं लिया जाएगा। कोई भी राजनैतिक दल या अभ्यर्थी अपने अनुयायियों को किसी भी व्यक्ति की अनुमति के बिना उसकी भूमि, भवन, परिसर की दीवारों इत्यादि पर झंडा लगाने, बैनर लटकाने, सूचना चिपकाने, नारा लिखने इत्यादि की अनुमति नहीं देगा। अभ्यर्थियों को उनके अपराधिक ममाले का तीन बार कराना होगा प्रकाशन पुलिस प्रेक्षक श्री राजेश खुराना ने बैठक में बताया कि यदि अभ्यर्थी का कोई अपराधित पृष्ठभूमि का है तो अभ्यर्थी को निर्धारित प्रारूप में नाम वापसी तिथि के पश्चात् मतदान दिवस के दो दिन पूर्व तक तीन बार समाचार पत्र एवं टेलीविजन में अपने अपराधिक मामले के विषय में प्रकाशन/प्रसारण करना अनिवार्य होगा। नाम वापसी के अंतिम दिन से चौथे दिन के मध्य पहला प्रकाशन नाम वापसी के अंतिम दिन से 5 वे से 8 वे दिन दूसरा प्रकाशन एवं नाम वापसी के अंतिम दिवस के 9 वें दिन से प्रचार प्रसार के अंतिम दिन तक तीसरा प्रकाशन करवाना होगा। (1) 23-27 अक्टूबर (2) 28-31 अक्टूबर एवं (3) 01-04 नवम्बर है।निर्धारित समय में व्यय लेखा जमा नहीं करने पर 03 साल के लिए अयोग्य घोषित करने का प्रावधान व्यय प्रेक्षक श्री वेंकन्ना तेजावथ ने बताया कि नामिनेशन से कम से 1 दिन पहले बैंक एकाउन्ट जो कि अभ्यार्थी या निर्वाचन अभिकर्ता के साथ खोला जा सकता है जो निर्वाचन के दौरान निर्वाचन व्यय के लिए होगा। नाम निर्देशन की तारीख से लेकर परिणाम घोषणा तक दोनो तिथियों को सम्मिलित करते हुए समस्त व्यय उक्त बैंक एकाउन्ट से किया जाएगा। निर्वाचन के लिए अपनी निधि एवं धन का स्त्रोत चाहे जो भी हो इस बैंक खाते में डाले जाऐंगे। नगद प्राप्ति भी पहले बैंक खाते में डालना फिर व्यय के लिये उपयोग करना है। निर्वाचन के दौरान अभ्यर्थी के द्वारा किए जाने वाले निर्वाचन व्यय की सीमा 40 लाख रू. होगी। उन्होंने बताया कि पूरे चुनाव के दौरान 10000 से अधिक नगद व्यय प्राप्ति किसी व्यक्ति/ईकाई नहीं किया जाना है। इससे अधिक के प्राप्ति या व्यय एकाउन्ट पेई चेक बैंक ड्राफ्ट आरटीजीएस एनईएफटी या किसी अन्य इलेक्ट्रानिक माध्यम से किया जाना है। अभ्यर्थियों को पूरे निर्वाचन प्रचार अवधि के दौरान किए गए व्यय के लेखा मिलान के लिए कम से कम 3 बार निजी रूप से या अपने निर्वाचन एजेंट के माध्यम से या अपने द्वारा विधिवत रूप से प्राधिकृत व्यक्ति द्वारा व्यय प्रेक्षक/निरीक्षण के लिए पदाभिहित अधिकारी के सम्मुख व्यय रजिस्टर पेश करेंगे। ये तीन तिथियों 27, 31, अक्टूबर एवं 04 नवम्बर है । निर्धारित समय में व्यय लेखा जमा नहीं करने पर निर्वाचन आयोग द्वारा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 धारा 10 के के तहत अभ्यर्थी कसे 3 साल कि लिए अयोग्य घोषित किया जा सकता है। निर्वाचन प्रचार सामाग्री जैसे पाम्पलेट पोस्टर के मुख्य पृष्ट पर मुद्रक एवं प्रकाशक का नाम पता छपा होना आवश्यक है। निरीक्षण के पूर्व आय व्यय पंजी के विवरण जैसे पृ.03, पृ.06. पृ.38, पृ.38, पृ.62 एवं पृ. 85 को पूरा भरकर लाना होगा।  

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *