अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा-निर्देश बीजापुर, जनवरी 2024- जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन की समीक्षा कलेक्टर श्री अनुराग पाण्डेय द्वारा किया गया। जिले में 30 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से कुल 9525 किसानों से 49933.12 मीट्रिक टन धान की खरीदी किया गया। 15 दिवस का समय शेष है सभी पात्र किसानों से समय पर धान खरीदी सुनिश्चित किया जावे। जिले में 30 धान उपार्जन केन्द्रों में धान खरीदी की व्यवस्था के संबंध में जानकारी लिया गया। धान खरीदी केन्द्रों में धान के सुरक्षित रख.रखाव हेतु स्थल की व्यवस्था सुनिश्चित करने जिला खाद्य अधिकारी, जिला विपणन अधिकारी एवं नोडल अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिया गया। सभी समिति प्रबंधक एवं परिवहनकर्ता सामंजस्य से धान का उठाव तत्काल करने जिससे आगामी दिनों में धान खरीदी हेतु स्थल उपलब्ध हो। जिले में बफर लिमिट से अधिक उपार्जन केन्द्र एवं अंदरूनी क्षेत्र के धान उपार्जन केन्द्रों से अंर्तजिला जगदलपुर संग्रहण केन्द्र में भंडारण हेतु जिला विपणन अधिकारी को टीओ जारी करने हेतु निर्देशित किया गया।
बैठक में एसडीएम बीजापुर श्री पवन कुमार प्रेमी, जिला खाद्य अधिकारी श्री गणेश खुर्रे, तहसीलदार बीजापुर श्री डीआर ध्रुव, जिला विपणन अधिकारी, नोडल अधिकारी, जिला सहकारी बैंक एवं सभी समिति प्रबंधक उपस्थित थे।
बेटी है वरदान इसको करो सम्मान
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत व्यापक स्तर पर जन-जागरूकता अभियान बीजापुर, जनवरी 2024- महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान अंतर्गत सामाजिक बुराई बाल विवाह को लेकर जिले में विधिक जागरूकता हेतु प्रचार.प्रसार किया जा रहा है। इस दौरान संकल्प यात्रा शिविर में बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं अभियान का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। इस दौरान बाल विवाह नही कराने संबंधी अपील भी किया जा रहा है। बाल विवाह केवल एक सामाजिक बुराई नहीं है अपितु कानूनन अपराध भी है विवाह हेतु लडके की उम्र 21 वर्ष तथा लडकी की उम्र 18 वर्ष निर्धारित है देश में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अंतर्गत बाल विवाह करने वाले वर-वधु एवं वधु के माता पिता, सगे संबंधी, बाराती, यहां तक की विवाह कराने वाले पुरोहित पर भी कानूनी कार्यवाही की जा सकती है कोई भी व्यक्ति जो जानबूझ कर बाल विवाह कराने में अपना योगदान देकर कानून का उल्लघन करता है उसे 2 वर्ष के लिए कठोर कारावास अथवा जुर्माना जो की 1 लाख रूपये तक का हो सकता है बाल विवाह जीवन के लिए अभिशाप है। बाल विवाह के कारण बच्चों में कुपोषण, शिशु मृत्यु दर एवं मातृ मृत्यु दर के साथ घरेलू हिंसा में भी वृद्धि होती है। जिले में कहीं भी बाल विवाह न हों। इसके लिए जिले वासियों से जिला प्रशासन का अनुरोध है, कि विवाह पूर्व विवाह की निर्धारित आयु का सत्यापन अनिवार्य रूप से कर लें। ऐन वक्त पर विवाह कार्यक्रम को रोकने से परिवार, पड़ोसी एवं अन्य पक्षों में प्रतिष्ठा धूमिल होने की बात सामने आती है। बाल विवाह की रोकथाम के लिए समय रहते कार्यवाही करना जरूरी है। ऐन वक्त पर बाल विवाह के दिन ही जाकर रोकथाम करने पर बहुत कठिनाई का समना करना पड़ता है। इस हेतु सामाजिक चेतना की आवश्यकता है। इसकी जानकारी आप 1098 चाईल्ड हेल्प लाइन पर जिला बाल संरक्षण ईकाई महिला एवं बाल विकास विभाग, ग्राम पंचायत स्तर पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों, वार्ड स्तर पर प्रतिनिधियों एवं स्व सहायता समूह के सदस्यों, ग्राम पंचायत स्तर पर गठित ग्राम पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति, शिक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानीन, कोटवार, स्थानीय स्तर पर कार्यरत स्वैच्छिक संगठन, बीजादूतीर स्वयंसेवक, पास के थानों में महिला एवं बाल विकास विभाग को सूचना दिया जा सकता है। व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु समय-समय पर वॉल पेंटिग भी किया जा रहा है।
तीन दिव्यांग बच्चों का बनाया गया दिव्यांग प्रमाण पत्र बीजापुर, जनवरी 2024- जिला प्रशासन व यूनिसेफ के संयुक्त तत्वाधान में संचालित बीजादूतीर कार्यक्रम अंतर्गत बीजादूतीर स्वयं सेवकों द्वारा अपने आसपास के व्यापक बदलाव हेतु लगातार कार्य किये जा रहे है जिससे समाज का सशाक्तिकरण भी हो रहा है ये किशोर-किशोरियों द्वारा अपने आसपास चिहिंत हितग्राहियों जो कि विभिन्न प्रकार के सुविधाओं से वंचित हो रहे है, उनको प्रशासन के साथ जुड़कर लाभ दिलाने का कार्य किया जा रहा है। बीजादूतीर अंजनी सकनी, हर्षिता पण्ड़ा द्वारा साक्षी तेलम ग्राम कोपलपारा मिडते, श्रुति कुडमुल ग्राम एरमनार स्कूलपारा एवं सहादेव कुडमुल ग्राम एरमनार को जिला अस्पताल लाकर स्वास्थ्य परीक्षण कराकर दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाया गया है। इस प्रकार के कार्य से समाज के मुख्य धारा से जोडने में आसान हो रहा है।