छत्तीसगढ़

वीर सपूतों और शहीदों का राष्ट्र के प्रति समर्पण से हमे आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है : उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा

उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने शहीद श्री नरेन्द्र शर्मा की प्रतिमा में मल्यार्पण कर उनके गौरवशाली समर्पण को स्मरण करते हुए नमन किया

उपमुख्यमंत्री ने शहीद के परिवार के सदस्यों से भेंट-मुलाकत कर सभी का हाल-चाल जाना

कवर्धा, 15 जनवरी 2024। उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कबीरधाम जिले के ग्राम दुल्लापुर में शहीद श्री नरेन्द्र शर्मा की प्रतिमा में मल्यार्पण किया और उनके समक्ष दीप प्रज्जवलित कर उनके गौरवशाली समर्पण को स्मरण करते हुए नमन किया। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने शहीद के परिवार के सदस्यों से भेंट-मुलाकत कर सभी का हाल-चाल जाना। उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने ग्रामीणोंजनों को संबोधित करते हुए शहीद नरेन्द्र शर्मा के द्वारा दिए गए देश भक्ति सेवा का स्मरण भी किया। उन्होंने कहा है कि देश में सुरक्षा में लगे भारत के लाखों वीर सपूतों की वजह से आज हम सब अमन और चैन की जिंदगी जी रहे है। राष्ट्रभक्ति में दिए गए योगदान आने वाले पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगा। इस अवसर पर पूर्व संसदीय सचिव श्री सियाराम साहू, पूर्व विधायक श्री अशोक साहू, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष श्री संतोष पटेल, श्री पोखराज सिंह परिहार, श्री कैलाश चंद्रवंशी, श्री चंद्रप्रकाश चंद्रवंशी, श्री मनिराम साहू, श्री रामबिलास चंद्रवंशी, श्री निर्मल द्धिवेदी, श्री ईश्वरी साहू, श्री रामप्रसाद बघेल, पार्षद श्री रिंकेश वैष्णव, श्री खिलेश्वर साहू, श्री अमर कुर्रे, श्री सनत साहू, श्री रामकुमार ठाकुर, श्री मयंक गुप्ता, श्री हेमचंद चंद्रवंशी, श्री सोनू ठाकुर सहित जनप्रतिनिधि, ग्रामवासी उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि 1971 में बांग्लादेश को लेकर भारत-पाकिस्तान में युद्ध हुआ था। युद्ध में कबीरधाम जिले के ग्राम दुल्लापुर (रबेली) निवासी नरेन्द्र शर्मा देश के लिए बलिदान हुए थे। 20 वर्ष की छोटी सी उम्र में स्वदेश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले वीर बलिदान नरेन्द्र शर्मा का जन्म 12 दिसम्बर 1951 को दुल्लापुर की पावन धरा में हुआ था। राम स्नेही शर्मा व केवरा बाई के लाडले सुपुत्र बचपन से ही देश-प्रेम की बातें किया करते थे और सैनिक बनकर देश की रक्षा करना चाहते थे। 11 जनवरी 1971 को राजस्थान रेजिमेंट अंतर्गत भारतीय सेना में शामिल होकर वे देश की सेवा करने लगे। इसी बीच भारत पाकिस्तान का युद्ध छिड़ गया। 1971 का युद्ध पाकिस्तानी सैनिकों के आत्मसमर्पण व बांग्लादेश के विभाजन से समाप्त हुआ, जिसमें छत्तीसगढ़ के 40 से अधिक योद्घाओं ने अपने अदम्य साहस का परिचय देते हुए दुश्मनों से लोहा लिया था। इसी लड़ाई में गांव के गौरव नरेन्द्र शर्मा मातृभूमि के लिए बलिदान हो गये।

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