छत्तीसगढ़

कलेक्टर एवं एसपी ने ध्वनि प्रदूषण के संबंध में उच्च न्यायालय के निर्देशों के परिपालन में डीजे संचालकों की ली बैठक

  • उच्च न्यायालय द्वारा जनहित याचिका अंतर्गत लिया गया संज्ञान
  • ध्वनि प्रदूषण के मामलों में अवमानना होने पर नहीं होगी सुनवाई
  • उच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों का सभी डीजे संचालक कड़ाई से करें पालन
  • रात्रि 10 बजे से सुबह 10 बजे तक डीजे का प्रयोग प्रतिबंधित
  • नियमों का पालन नहीं करने की स्थिति में होगी कड़ी कार्रवाई
  • ध्वनि प्रदूषण के लिए आम नागरिक तथा न्यायालय सख्त
    राजनांदगांव, जनवरी 2024। कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल एवं पुलिस अधीक्षक श्री मोहित गर्ग ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में ध्वनि प्रदूषण के संबंध में उच्च न्यायालय के निर्देशों के परिपालन में डीजे संचालकों की बैठक ली। कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल ने कहा कि डीजे संचालकों द्वारा विभिन्न उत्सव एवं सामाजिक-धार्मिक पर्व में डीजे का उपयोग किया जाता है, लेकिन कई बार तेज आवाज में डीजे का प्रयोग करने से लोकहित में ध्वनि प्रदूषण पर प्रतिबंध लगाने के लिए नियम बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालय द्वारा जनहित याचिका अंतर्गत संज्ञान लिया गया है तथा यह स्पष्ट किया गया है कि ध्वनि प्रदूषण के मामलों में अवमानना होने पर सुनवाई नहीं होगी। उन्होंने कहा कि सभी डीजे संचालकों को उच्चतम न्यायालय तथा उच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन करना है। उन्होंने कहा कि डीजे सिस्टम जीवकोपार्जन का साधन है, लेकिन अधिक तेज आवाज में डीजे बजाने पर यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। बच्चों की परीक्षाओं तथा जनसामान्य की तकलीफ को देखते हुए उच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन करें। उन्होंने बताया कि आवासीय क्षेत्रों में दिन के समय 55 डेसीबल, वाणिज्य क्षेत्र में 65 डेसीबल तथा औद्योगिक क्षेत्र में 75 डेसीबल निर्धारित किया गया है। शांत परिक्षेत्र जिसके अंतर्गत न्यायालय, स्कूल, हॉस्पिटल आते हंै, उन क्षेत्रों में ध्वनि प्रदूषण प्रतिबंधित है। उन्होंने कहा कि रात्रि 10 बजे से सुबह 10 बजे तक डीजे का प्रयोग नहीं किया जा सकता है। उन्होंने सभी डीजे संचालकों को उच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करने कहा। उन्होंने कहा कि नियमों का पालन नहीं करने की स्थिति में कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंन जानकारी देते हुए बताया कि जागरूकता के तौर पर यह जानना जरूरी है कि साऊंड सिस्टम के साक्ष्य भी प्रस्तुत किए जाएंगे। जिले के सभी डीजे संचालक अच्छा उदाहरण प्रस्तुत करते हुए नियमों का पालन करते एक अच्छी परंपरा विकसित करें। सभी मिलकर एकजुटता के साथ नियम का पालन करें।
    पुलिस अधीक्षक श्री मोहित गर्ग ने कहा कि ध्वनि प्रदूषण के लिए समय-समय पर उच्च न्यायालय से दिशा निर्देश जारी हुए हैं, लेकिन इस बार नियमों का कड़ाई से पालन किया जाएगा। ध्वनि प्रदूषण के लिए आम नागरिक तथा न्यायालय सख्त है। बुजुर्गों का स्वास्थ्य खराब होने से तथा विभिन्न बीमारी इससे हो सकती है, इसलिए समाज द्वारा इसे स्वीकार्य नहीं माना जाएगा। उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार ध्वनि प्रदूषण उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि सभी डीजे संचालकों को नियमों से अवगत कराते हुए यह चेतावनी दी जाती है कि रात्रि 10 बजे के बाद डीजे सिस्टम नहीं बजाएंगे। इसके लिए सभी डीजे संचालक बांड भरेंगे और नियमों का पालन करेंगे। उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार जुर्माना एवं जेल की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि उत्सव, शादी एवं कार्यक्रम हमेशा जारी रहेंगे, लेकिन 75 डेसीबल से ऊपर ध्वनि नहीं जानी चाहिए। किसी भी तरह से व्यवसाय बंद नहीं होगा, लेकिन नियमों का पालन सभी को करना होगा। नियम तोडऩे की स्थिति में लाईसेंस जब्ती एवं वाहन व अन्य सामग्री राजसात किया जाएगा। इसलिए जागरूकता रखते हुए नियमों का पालन करें। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्रीमती इंदिरा नवीन प्रताप सिंह तोमर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री राहुल देव शर्मा, एसडीएम राजनांदगांव श्री अरूण वर्मा, संयुक्त कलेक्टर श्री खेमलाल वर्मा सहित जिला व पुलिस प्रशासन के अधिकारी एवं डीजे संचालक उपस्थित रहे।

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