छत्तीसगढ़

एक दिवसीय दिव्यांग बच्चों के पालकों, अभिभावकों एवं उनके विद्यालय के शिक्षकों का वातावरण निर्माण के लिए कार्यशाला आयोजित

कवर्धा, फरवरी 2024। जिला मिशन संचालक एवं कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे के निर्देश एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री संदीप कुमार अग्रवाल के मार्गदर्शन में समग्र शिक्षा अन्तर्गत समावेशी शिक्षा के तहत जिला स्तरीय 1 दिवसीय दिव्यांग बच्चों के पालकों, अभिभावक एवं उनके विद्यालय के शिक्षकों का वातावरण निर्माण के लिए कार्यशाला आयोजित किया गया। कार्यशाला में चारो विकासखंडों में अध्ययनरत दिव्यांग बच्चों के पालक शिक्षक सहित शामिल हुए। कार्यशाला में जिला शिक्षा अधिकारी श्री एमके गुप्ता ने सरस्वती पूजन करते हुए प्रारंभ किया। उन्होंने बताया कि दिव्यांगता कोई अभिशाप नहीं अपितु एक वरदान के तरह समझते हुए बच्चो को इस काबिल बनाना चाहिए की वे भी सामान्य बच्चों की भांति समाज की मुख्य धारा से जुड़ सके।
जिला मिशन समन्वयक विनोद श्रीवास्तव ने कार्यशाला में आए अभिभावकों से परिचय प्राप्त, दिव्यांग व्यक्तियों के द्वारा किए गए कीर्तिमान के बारे में जानकारी साझा करते हुए बताया की किस तरह अपनी एक कमजोरी को कोई व्यक्ति अपनी शक्ति बना सकता है। जैसे जगतगुरु रामभद्राचार्य के द्वारा अनेकों अनेक ग्रंथों का निर्माण सभी भाषाओं का ज्ञान ये सब अपनी दिव्यांगता को परे रख कर किया है। अनेकों और भी उदाहरण पेश करते हुए पार्श्व गायक रविन्द्र जैन की भी मिशाल पेश की। सहायक परियोजना समन्वयक श्री राजू चंद्रवंशी ने भी दिव्यांग बच्चों की हौसला अफजाई करते हुए अच्छी शिक्षा बेहतर पर्यावरण निर्माण के लिए अपनी बात रखी।
कार्यशाला में सहायक परियोजना अधिकारी श्री राकेश चंद्रवंशी ने विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी कि समग्र शिक्षा अन्तर्गत सभी दिव्यांग बालिकाओं को शिष्यवृत्ति, ऐसे विद्यार्थी जिनके कमर के नीचे के हिस्से में दिव्यांगत है उनके लिए एस्कॉर्ट एलाउंस एवं दृष्टि बाधित बच्चों के लिए ट्रांसपोर्ट एलाउंस की सुविधा भी उपलब्ध है। साथ ही जो भी दिव्यांग बच्चे जिन्हे उपकरण की आवश्यकता हो उनके लिए विकासखंड स्तर पर निःशुल्क उपकरण जैसे ट्रायसायकाल, व्हीलचेयर, बैसाखी, श्रवण यंत्र आदि की प्रदान किया जाता है। कवर्धा बीआरसीसी श्री जलेश चंद्रवंशी ने भी कार्यशाला में आए अभिभावकों एवं पालकों का अभिवादन करते हुए अपने अनुभव साझा किया साथ ही बीईओ कवर्धा संजय जायसवाल के द्वारा भी सभी प्रशिक्षणार्थियों का अभिवादन किया। कार्यशाला में मास्टर ट्रेनर के रूप विकासखंड पंडरिया के बीआरपी विनोद गोस्वामी ने मानसिक दिव्यांग बच्चों को श्रेणीवार दिव्यंगता के अनुसार प्रशिक्षण के बारे में बताते हुए जानकारी दी कि ऑटिज्म, सेरेब्रल पोल्सी बौद्धिक मंदता, तीनों अलग प्रकार की दिव्यांगता है और इसका प्रशिक्षण भी अलग प्रकार से ही होता है। कवर्धा बीआरपी होमबाई साहू के द्वारा 21 प्रकार की दिव्यांगता के बारे में बताते हुए जानकारी दी जिसमे श्रवण बाधित, मुख बाधित, दृष्टि बाधित, मानसिक मंदता, अस्थि बाधित, चलन निशक्तता, सेरेब्रल पोल्सी, ऑटिज्म आदि 21 प्रकार की दिव्यांगता के बारे में बताया गया। सहसपुर लोहारा के बीआरपी श्री नरेश सोनी एवं बोडला बीआरपी गायत्री साहू के द्वारा दृष्टि बाधित बच्चों को ब्रेल लिपि का प्रेक्टिकल करते हुए समस्त उपकरण का प्रदर्शन किया गया। बीआरपी रेशमा मेश्राम ने सांकेतिक भाषा के प्रयोग के बारे में बताते हुए रोजमर्रा की जिंदगी में प्रयोग भी बताया की हम प्रायः संकेतो का उपयोग करते है और इसी तरह हम बच्चों के साथ भी वार्तालाप स्थापित कर सकते है। दिव्यांग बच्चों के पालकों द्वारा बहुत ही गंभीरता पूर्वक कार्यशाला का लाभ उठाते हुए अपनी जानकारी साझा की।

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