श्री रामलला के दर्शन को लेकर गांव-गांव में उत्साह का माहौल
आस्था स्पेशल ट्रेन से छत्तीसगढ़ के श्रद्धालु रवाना हुए अयोध्या धाम
प्रभु श्री राम के जयकारों से राममय हुआ वातावरण
श्रद्धालुओं ने मुख्यमंत्री श्री साय के प्रति जताया आभार
रायपुर, 14 फरवरी 2024/ माता कौशल्या के धाम छत्तीसगढ़ के गांव-गांव में श्रीराम लला के दर्शन को लेकर उत्साह का माहौल है। इस उत्साह और उमंग के साथ राजधानी रायपुर से आज बसंत पंचमी के दिन रायपुर संभाग के 1344 राम भक्त आस्था स्पेशल ट्रेन से अयोध्या धाम श्री रामलला के दर्शन के लिए रवाना हुए। इस दौरान जय श्रीराम के जयकारे के साथ पूरा माहौल राममय हो गया जब मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने रेल्वे स्टेशन से अयोध्या स्पेशल गाड़ी को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। छत्तीसगढ़ के राम भक्तों ने मुख्यमंत्री श्री साय को धन्यवाद देते हुए कहा कि कभी सोचा नहीं था भांचा राम की नगरी अयोध्यापुरी जाना होगा।
महासमुंद जिले के नवा गांव से पहली बार अयोध्या जा रहे श्री देवांग सिंह पटेल ने कहा कि हमने कभी सोचा नहीं था कि जहां राम जी ने जन्म लिया है, जो राम, लक्ष्मण, भरत, श़त्रुघ्न की नगरी है उस अयोध्यापुरी में जाना होगा। श्री देवांग सिंह ने मानस की चौपाई पढ़ते हुए भाव विभोर होकर कहा कि राम जी के नाम से ही सारे संशय दूर हो जाते हैं। हमारा भाग्य है कि जहां देवताओं ने जन्म लिया उस अयोध्या धाम में दर्शन करने जा रहे हैं।
महासमुंद जिले के चिरको पंचायत के सरपंच श्री हरिराम पटेल ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय को ग्राम पंचायत चिरको के निवासियों की ओर से धन्यवाद देते हुए बताया कि उनके गांव में रामलला के दर्शन को लेकर बहुत उत्साह है। छत्तीसगढ़ में रामलला भांचा राम के रूप में पूजे जाते है। इस बार उनके गांव से 6 लोग दर्शन के लिए जा रहे हैं। उनके साथ चिरको पंचायत के लोकनाथ साहू, श्रीमती नीता पटेल, श्रीमती गोदावरी साहू, श्री ताम्रध्वज ने भी अयोध्या धाम ले जाकर भांचा राम के दर्शन कराने के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का आभार जताया। श्रीमती गोदावरी साहू ने कहा कि भगवान श्रीराम के दर्शन के लिए जा रहे हैं, इससे बहुत अच्छा लग रहा है।
ग्राम पटेवा के श्री आनंद राम पटेल ने बताया कि 500 साल के बाद भगवान राम अपने स्थान पर विराजे है। इससे पूरे देश में उत्साह का माहौल है। देश में फिर से आस्था का वातावरण है। इससे देश में सुख, शांति आएगी। लोग फिर अपनी संस्कृति की ओर जाएंगे। समाज में उन्नति होगी और सभी लोगोें के मन में शांति और पवित्रता की भावना आयेगी।