छत्तीसगढ़

साक्षरता मिशन से जुड़ा हर अधिकारी-कर्मचारी स्वयंसेवी बनकर असाक्षरों को पढाएं

साक्षरता मिशन से जुड़ा हर अधिकारी-कर्मचारी स्वयंसेवी बनकर असाक्षरों को पढाएं

प्रशिक्षण में देश के लगभग 50 हजार लोगों ने यूट्यूब के माध्यम से की ऑनलाइन भागीदारी

रायपुर, 23 फ़रवरी 2024/राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण छत्तीसगढ़ द्वारा केंद्र प्रवर्तित योजना “उल्लास-नव भारत साक्षरता कार्यक्रम” के क्रियान्वयन के लिए वेब पोर्टल, उल्लास एप्प में सर्वे हेतु उल्लास मोबाइल एप्प और पोर्टल का एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन समग्र शिक्षा के सभागार में किया गया। प्रशिक्षण में देश के लगभग 50 हजार लोगों ने यूट्यूब के माध्यम से आनलाईन भागीदारी की।

 संचालक श्री राजेंद्र कुमार कटारा ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि हमें वास्तविक धरातल पर गुणवत्तापूर्ण लोगों को साक्षर किया जाना है, भले ही उसमें समय लगे, किंतु हम यदि व्यक्ति को साक्षर कर उसे मुख्य धारा में लाएंगे तभी हम उस पीढ़ी के साथ न्याय कर पाएंगे। शिक्षा व साक्षरता से जुड़े प्रत्येक अधिकारी कर्मचारी शिक्षक अब 10-10 व्यक्तियों को साक्षर करेंगे तभी वह इस कार्यक्रम को सफल कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि जिस दिन ढूढने से भी एक असाक्षर न मिले वो दिन हमारे लिए उपलब्धि का होगा। प्रशिक्षण में सम्मिलित सभी प्रतिभागियों से उन्होंने अपील किया कि साक्षरता से जुड़ा हर एक व्यक्ति पहले स्वयं स्वयंसेवी बनकर अपने घर, कार्यस्थल के आसपास के असाक्षरों को पढाएं और साक्षर बनाए।

संचालक श्री कटारा ने कहा कि राज्य के सभी जिले निर्धारित समय-सीमा के भीतर चिन्हांकित सर्वेयर, अनुदेशक व शिक्षार्थियों का पंजीयन उल्लास एप्प में कर लेंगे ताकि कार्यक्रम का संचालन समयावधि के भीतर किया जा सके। साक्षरता कार्यक्रम के प्रेरकों को इस उल्लास कार्यक्रम में जोड़ने का प्रयास करंे, ताकि उनके अनुभव का लाभ इस कार्यक्रम के लिए लिया जा सके। कालेजों, स्कूलों के बच्चों को स्वप्रेरणा से उल्लास कार्यक्रम के अनुदेशक के रूप में जोड़ने का प्रयास किया जाना चाहिए। बेहतर होगा कि डीएड और बीएड कालेजों के छात्राध्यापकों को प्रोजेक्ट कार्य के रूप में 10-10 असाक्षरों को साक्षर बनाने का कार्य दिया जाय। उन्होंने कहा कि हमारे लिए महत्वपूर्ण है कि चिन्हांकित शिक्षार्थी जब उल्लास केंद्र तक आए तो उनको सीखने के लिए प्रेरित करने का प्रयास करे और लेखन सम्बन्धी अभ्यास कराया जाय। गणित संबंधी संक्रियाओं को बेहतर ढंग से सिखाया जाय ताकि वे अपने दैनिक जीवन में व्यवहारिक लेनदेन कर सके। उल्लास केंद्र में पठन पाठन के अतिरिक्त क़ानूनी साक्षरता की भी जानकारी उपलब्ध कराया जाय, ताकि वे अपने अधिकारी से परिचित हो सके। साथ ही आज-कल हो रहे ऑनलाइन ठगी से बचने के लिए भी शिक्षार्थियों को जागरूक किया जाय।

भारत सरकार स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के अंडर सेक्रेटरी श्री प्रदीप हेड़ाऊ ने उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम की देश में वर्तमान स्थिति बताते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में यह अवश्य सफल होगा। उल्लास कार्यक्रम की सलाहकार सुश्री नेहा कुमार ने उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के उद्देश्य लक्ष्य के बारे में पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया। प्रशिक्षण कार्यशाला में एनआईसी दिल्ली के तकनीकी विशेषज्ञ श्री राजेंद्र कुमार, एनआईसी रायपुर की डिप्टी डायरेक्टर श्रीमती ललिता वर्मा, राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के असिस्टेंट डायरेक्टर श्री प्रशांत पाण्डेय व श्री दिनेश कुमार टांक, एससीएल प्रभारी श्री डेकेश्वर वर्मा सहित सभी जिलों के परियोजना अधिकारी उपस्थित थे।

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