छत्तीसगढ़

स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी और शांतिपूर्ण चुनाव कराने निगरानी दलों को दिया गया प्रशिक्षण

*चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के लिए अधिकतम व्यय सीमा 95 लाख रूपए निर्धारित*

*कलेक्टर-एसपी ने संयुक्त जवाबदारी के साथ गंभीरता से कर्तव्य निर्वहन करने दिए निर्देश*

             गौरेला पेंड्रा मरवाही, मार्च 2024/ लोकसभा चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी और शांतिपूर्ण तरीके से कराने निगरानी दलों को प्रशिक्षण दिया गया। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार चुनाव के दौरान उम्मीदवारों द्वारा किए जाने वाले व्ययों की मॉनिटरिंग के लिए अलग-अलग निगरानी दलों का गठन किया गया है। इन दलों को आज कलेक्ट्रेट के अरपा सभा कक्ष में जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनर द्वारा प्रस्तुतीकरण के जरिए  पहलुओं और प्रमुख कानूनी प्रावधानों की विस्तार से तकनीकी जानकारी दी गई। 

             बैठक सह प्रशिक्षण में कलेक्टर श्रीमती लीना कमलेश मंडावी और पुलिस अधीक्षक श्रीमती भावना गुप्ता ने चुनाव कार्य से संबंद्ध सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को संयुक्त जवाबदारी के साथ गंभीरता से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने विभिन्न व्यय निगरानी दलों को सतर्कता के साथ भारत निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए जांच की कार्यवाही करने और दैनिक जांच प्रतिवेदन समय पर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। पुलिस अधीक्षक ने व्यय निगरानी दल में शामिल पुलिस, राजस्व, वन, आबकारी, परिवहन आदि विभागों को आपसी सामन्जस्य के साथ निष्पक्षता, तत्परता एवं कार्यबद्धता के साथ कार्य करने के निर्देश दिए। 

             प्रशिक्षण के दौरान लेखा टीम, उड़नदस्ता, वीडियों निगरानी टीम सहित विभिन्न जांच दलों के कार्यों, दौरा, दैनिक प्रतिवेदन भेजने, जिला-राज्य की सीमा क्षेत्रों पर निगरानी व कार्यवाही करने के संबंध में विस्तार से बताया गया। इसके साथ ही चुनावी नियमों की अवहेलना की स्थिति में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951, चुनाव संचालन नियम 1961 एवं भारतीय दंड संहिता 1860 के तहत प्रमुख कानूनी प्रावधानों की जानकारी दी गई। इन प्रावधानों के तहत दंड, सजा, जुर्माना आदि के बारे में भी बताया गया। 

               जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स आरपी वर्मा एवं अम्बुज मिश्रा ने प्रशिक्षण में चुनाव प्रचार के दौरान उम्मीदवार द्वारा मुद्रित पाम्पलेट, पोस्टर, बैनर में प्रिंटिग प्रेस का नाम, प्रकाशक का नाम, संख्या एवं शुल्क की जानकारी के साथ ही प्रचार में उपयोग होने वाहनों, पंडाल, शामियाना, कुर्सी, माईक, बेरियरों एवं चेक पोस्टों से गुजरने वाले वाहनों की जांच, रिर्काडिंग, वीडियोंग्राफी, शराब दुकानों के खुलने और बंद होने की अवधि पर निगरानी रखने, अवैध शराब पर निगरानी रखने तथा निर्धारित प्रपत्र में दैनिक प्रतिवेदन भेजने आदि के बारे में बताया गया। 

              प्रशिक्षण में बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के लिए चुनावी व्यय हेतु अधिकतम 95 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। उम्मीदवारों द्वारा अवैध खर्च को रोकने के लिए प्रमुख कानूनी प्रावधानों और उम्मीदवारों के बैंको से संबंधित जानकारी, अभ्यर्थी द्वारा पृथक से खाता खोलने, खाते का रख-रखाव एवं चुनाव खर्च का लेखा-जोखा रखने, चुनाव उपरांत उनके द्वारा किए गए व्यय के संबंध में शपथ पत्र एवं सभी वाउचरों की मूल प्रतियां प्रस्तुत करने के संबंध में बताया गया। 

             प्रशिक्षण में चुनाव व्यय अनुवीक्षण के लिए जिला निर्वाचन कार्यालय में चौबीस घंटे निगरानी रखे जाने हेतु व्यय निगरानी कक्ष और शिकायत निगरानी कक्ष भी बनाए जाने की जानकारी दी गई। प्रशिक्षण में अपर कलेक्टर नम्रता आनंद डोंगरे, नोडल अधिकारी व्यय अनुवीक्षण दिलेराम डाहिरे, एसडीएम पेंड्रारोड अमित बेक सहित निर्वाचन व्यय मॉनिटरिंग, वीडियो अवलोकन दल, वीडियो निगरानी दल, लेखा टीम, स्थैतिक निगरानी दल, एमसीएमसी और साइबर सुरक्षा एण्ड आईटी टीम के नोडल अधिकारी, सहायक नोडल अधिकारी और सहयोगी कर्मचारी उपस्थित थे।

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