बलौदाबाजार,18 अप्रैल 2024/बदलते मौसम के साथ तापमान में भी तेजी से वृद्धि होती जा रही है ऐसे में मौसम सम्बंधी बीमारियों के प्रकोप की आशंका लोगों को रहती है। बेहतर होगा इस बाबत सावधानी बरती जाए जिससे किसी खतरे से बचा जा सके। जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एम पी महिस्वर के अनुसार इस बढ़ती गर्मी में लू लगना,डायरिया,मलेरिया, डेंगू जैसे रोगों का खतरा बना रहता है। डायरिया दूषित जल अथवा दूषित भोज्य पदार्थ के सेवन से होता है इसके साथ ही साफ-सफाई ना रखना भी एक कारण होता है। इसमें पतला दस्त बहुत अधिक मात्रा में आता है तथा शरीर में पानी की कमी हो जाती है ऐसी स्थिति में तरल पदार्थ का मरीज को सेवन करवाते हुए चिकित्सक से संपर्क करने की जरूरत होती है। इसी प्रकार मलेरिया, डेंगू मच्छर से फैलने वाले रोग हैं जिससे बचाव के लिए सोते समय मच्छरदानी का उपयोग एवं आसपास कोई जल जमाव न होने दें इसका ध्यान रखा जाना चाहिए। नोडल अधिकारी डॉ अभिजीत बैनर्जी के अनुसार इस मौसम में सबसे बड़ा खतरा लू लगने का है। तेज़ धूप में बिना हाथ पैर और मुँह को ढँके घर से बाहर निकलना लू के खतरे को निमन्त्रित करना होगा। तेज़ बुखार, बदन में जलन,सर दर्द,चक्कर,उल्टी, कमज़ोरी ये कुछ लक्षण हैं जो लू के समय दिखाई पड़ते हैं। बचाव के लिए कम से कम धूप में निकलना और तरल पदार्थों का सेवन उचित होगा। बीमारी की दशा में प्रारंभिक उपचार के रूप में सर पर ठंडी पट्टी देना,भीगे ठंडे कपड़े से शरीर पोंछना,पंखे के नीचे मरीज को रखना एवं ओ आर एस घोल देना चाहिए।साथ मे जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. एपिडेमियोलॉजिस्ट श्वेता शर्मा के अनुसार बच्चे,गर्भवती महिलाएं,श्रमिक,खिलाड़ी ये लू के जोखिम वर्ग में आते हैं। जिला स्तर पर इस प्रकार की मौसमी बीमारियों के रोकथाम हेतु मितानिनों की दवा पेटी में ओ आर एस के पैकेट रखवाए गए हैं। यह सभी स्वास्थ्य केंद्रों में भी उपलब्ध है। किसी महामारी की दशा में टीम भी बनाई गई है। इस संबंध में किसी आकस्मिक स्थिति में जिला कंट्रोल रूम के नंबर- 7727223532 पर सम्पर्क भी किया जा सकता है।
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