बीजापुर 01 जून 2024- कलेक्टर श्री अनुराग पाण्डेय ने छत्तीसगढ़ शासन राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग मंत्रालय महानदी भवन रायपुर द्वारा आगामी मानसून 2024 में प्राकृति आपदा से बचाव एवं राहत व्यवस्था हेतु बुधवार को आयोजित बैठक में नामजद अधिकारियों को दायित्व सौंपते हुए निर्देश दिए। जिसके अर्न्तगत प्रभारी अधिकारी भू अभिलेख बीजापुर एवं समस्त तहसीलदार को समस्त वर्षामापक केन्द्रों पर स्थापित वर्षामापक यंत्रों का उचित संधारण एवं जानकारी संकलित करने हेतु अधिकारियों एवं कर्मचारियों को स्पष्ट निर्देश जारी करने को कहा। जिन तहसीलों में वर्षामापक यंत्र नही लगाये गये हैं, वहां वर्षामापक यंत्र तत्काल स्थापित करने, नवगठित तहसीलों में वर्षामापक यंत्र स्थापित करने। इसी तरह प्रभारी अधिकारी राहत शाखा बीजापुर एवं समस्त तहसीलदार, सहायक संचालक जनसंपर्क अधिकारी बीजापुर को जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित कर दूरभाष नंबर राहत आयुक्त कार्यालय को देना सुनिश्चित करें। उक्त कन्ट्रोल रूम 01 जून 2024 से लेकर मानसून के विदा होने तक 24 घंटा कार्य करेगा तथा कन्ट्रोल रूम की जानकारी सभी ग्राम पंचायतों तथा आम नागरिकों को भी उपलब्ध कराये एवं इसका प्रचार स्थानीय समाचार पत्रों, आकशवाणी व दूरदर्शन में भी कराएं सूचना पटल पर भी दर्शित करने। जिला खाद्य अधिकारी एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बीजापुर को पहुंचविहीन क्षेत्रों में जहां बाढ़ की स्थिति में पहुंचना संभव नही होगा वहां पर्याप्त मात्रा में खाद्य सामग्री, नमक, केरोसीन, जीवन रक्षक दावाईयां आदि नियमानुसार संग्रहित करें और हितग्राहियांे को यथा समय उपलब्धता सुनिश्चित करावे। बारिश में होने वाले बीमारियों के लिए अस्पतालों, स्वास्थ्य केन्द्रों में दवाईयों एवं उपचार की उचित व्यवस्था करने की निर्देश दिए गए हैं। कार्यपालन अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग बीजापुर को पेयजल की शुद्धता एवं स्वच्छता के दृष्टिगत कुंओं, हैण्डपंप आदि के लिए ब्लीचिंग पावडर आदि की व्यवस्था संबंधित विभागों के माध्यम से सुनिश्चित की जावे। समस्त तहसीलदार, समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत एवं जिला सेनानी नगर सेना बीजापुर को ऐसे क्षेत्रों की पहचान कर ली जावे जहां प्रतिवर्ष बाढ़ आती है, इन क्षेत्रों में सतत निगरानी रखने की विषेश व्यवस्था की जावे एवं ऐसे क्षेत्र के लोगों को आवश्यकता पड़ने पर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने व उनको ठहराने के लिए राहत कैम्प आदि की सम्पूर्ण योजना तैयार कर ली जावे। मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पालिका परिषद बीजापुर एवं मुख्य नगर पंचायत अधिकारी भैरमगढ़ एवं भोपालपटनम को नगरीय क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति प्रायः नाले व नालियों के अवरूद्ध हो जाने के कारण होती है अतः यह सुनिश्चित कर लिया जावे कि संबंधित नगर निगम, नगर पालिकाओं द्वारा वर्षा पूर्व शहर के तमाम नालों-नालियों की सफाई पूर्ण कर ली जाए। शहरों के भीतर बाढ़ वाले क्षेत्रों में पोर्टेबल डिवाटरिंग पंपों की व्यवस्था की जाए। असुरक्षित पेड़ों की कटाई करना और सूचना पट्ट होर्डिंग हटाना, सुरक्षित करना सुनिश्चित किया जाये। कार्यपालन अभियंता जल संसाधन विभाग बीजापुर एवं समस्त तहसीलदार को जिन जिलों में बड़ी नदी बहती है वे जिले नदी के जलस्तर पर बराबर नजर रखें और जलस्तर के खतरे के निशान पर पहुंचने की संभावना होने पर इसकी पूर्व सूचना राज्य स्तरीय कन्ट्रोल रूम तथा निचले जिलों को लगातार देने की व्यवस्था करें तथा तत्काल सुरक्षा उपाय करें। जल संसाधन विभाग को इसकी जिम्मेदारी सौंपी जाए। जलाशयों से जल छोड़ने पर विशेष ध्यान रखा जाये। जलाशयों में नियमित रूप से निकासी के प्रयास किये जायें ताकि बाढ़ की स्थिति को और बिगड़ने से रोका जा सके तथा बांधों का जलस्तर बढ़ने पर जल निकासी हेतु निचले जिलों एवं सीमावर्ती राज्यों को 12 घण्टे पूर्व सूचना दी जावे। जल संसाधन विभाग को सुस्पष्ट जिम्मेदारी प्रत्येक जलाशल के संबंध में दी जाए।
समस्त अनुविभागीय अधिकारी (रा), मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बीजापुर, समस्त तहसीलदार, समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पंचायत को बाढ़ से बचाव और राहत गतिविधियों (SDRF/Fire Services/Home Guards/ Civil Defence/Apadsa Mitra या किसी अन्य स्वयंसेवक) में शामिल प्रथम उत्तरदाताओं और कर्मचारियों को पर्याप्त व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण पहनने चाहिए। इसलिए राज्य सरकारों को आपदा प्रबंधन उद्देश्यों के लिए आवश्यक उपकरणों का आंकलन करना चाहिए। शारीरिक-सामाजिक दूरी को बनाए रखने की आवश्यकता के कारण, खाली किये गये प्रभावित लोगों को समायोजित करने हेतु चक्रवात/बाढ़ राहत शिविरों की क्षमता में काफी कमी आएगी। इसे ध्यान में रखते हुए चक्रवात/बाढ़ आश्रयों की क्षमता को फिर से संगठित करने की आवश्यकता है और लोगों को समायोजित करने के लिए अतिरिक्त आश्रयों और राहत शिविरों की पहचान करने की आवश्यकता है। भीड़-भाड़ पर रोक लगाना चाहिए। इसके अलावा चक्रवात/बाढ़ आश्रय या राहत शिविरों में बीमारियों के प्रकोप को रोकने के लिए अतिरिक्त शौचालयों के साथ-साथ अन्य आश्रयों और स्वच्छता व्यवस्था को भी मौजूदा आश्रयों में बनाया जाना सुनिश्चित करें।
राहत शिविरों में नियमित चिकित्सा जांच की आवश्यकता होती है। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि विशेष (बुखार, उल्टी दस्त, मलेरिया आदि) लक्षणें वाले लोगों का अलग-अलग किया जा सके और उनका उपचार किया जा सके। ताकि बीमारी के प्रसार को रोका जा सके। आश्रयों/राहत शिविरों के व्यवस्था कीटाणु शोधन (सेनेटाइजेशन) और स्वच्छता के लिए अतिरिक्त व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए। प्रभारी अधिकारी राहत शाखा बीजापुर, प्रभारी अधिकारी भू-अभिलेख शाखा बीजापुर एवं समस्त तहसीलदार को बाढ़ से हुई क्षति की जानकारी नियमित रूप से राहत आयुक्त कार्यालय के दूरभाष क्रमांक 0771-2223471, फैक्स 2223472 पर निर्धारित Annexure-1 में प्रतिदिन की जाए। साथ ही एनडउमआईएस पोर्टल में भी प्रतिदिन इंद्राज करें। बाढ़ व बचाव संबंधी जानकारी/सूचना हेतु फैक्स व फोन के अतिरिक्त आवश्यकतानुसार विभाग के ई-मेल cgrelief@gmail.com का भी प्रयोग करें। जिला एवं तहसील स्तर पर बाढ़ नियंत्रण अधिकारी की नियुक्ति करें तथा उनके नाम पदनाम, दूरभाष एवं मोबाईल नम्बर की जानकारी इस विभा को भिजवाना सुनिश्चित करें। प्रदेश में हो रहे वर्षा की जानकारी जिलेवार एवं तहसीलवार राहत आयुक्त कार्यालय के दूरभाष क्रमांक 0771-2223471 एवं फैक्स क्रमांक 2223472 तथा वेबसाइट http://cg.nic.in/varsha पर प्रतिदिन पूर्वान्ह 9 बजे तक निर्धारित प्रपत्र-2 में आवश्यक रूप से देना सुनिश्चित करें। प्रभारी अधिकारी राहत शाखा बीजापुर एवं जिला सेनानी नगर सेना बीजापुर को बाढ़ की स्थिति में यदि सेना की मदद की आवश्यकता प्रतिपादित हो तो इसकी सूचना सचिव राजस्व/राहत आयुक्त को व्यक्तिगत रूप से दूरभाष, मोबाईल पर अविलंब दी जाए। प्रभारी अधिकारी राहत शाखा बीजापुर तथा समस्त अनुविभागीय अधिकारी (रा), समस्त तहसीलदार एवं जिला सेनानी नगर सेना बीजापुर को बाढ़ की स्थिति में बचाव सामग्री की आवश्यकता होने पर राज्य आपदा प्रबंधन बल, महानिदेशक, नगर सेना एवं नागरिक सुरक्षा छत्तीसगढ़ मुख्यालय रायपुर में संपर्क कर प्राप्त की जा सकती है। राहत कार्यों हेतु राहत मैन्युअल का पालन सुनिश्चित किया जावे एवं सहायक आयुक्त आदिवासी विकास बीजापुर एवं जिला शिक्षा अधिकारी को स्कूल, आश्रम एवं छात्रावासों में साफ-सफाई की व्यवस्था सुनश्चित करें तथा सर्प, बिच्छुओं पर विशेष ध्यान देवें।