विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस का पराजय हुआ है। जिला संगठन में तालमेल की कमी व वरिष्ठ तथा जमीन कार्यकर्ताओं को महत्व नहीं दिये जाने से पार्टी को पराजय का सामना करना पड़ा। पार्टी के जिलाध्यक्ष द्वारा जिला संगठन को एकजुट करने में रूची नहीं लेना तथा उनमें ईच्छा शक्ति की कमी के कारण तथा विधान सभा चुनाव में उन्हें मिली हार से वे उबर नहीं पाए हैं। जिससे पार्टी कार्यकर्ताओं में हताशा व निराशा का माहाैल रहा। परिणाम स्वरूप मजबूत प्रत्याशी मिलने के बाद भी कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में महासमुंद जिले के चारों विधानसभा क्षेत्रों में हार का सामना करना पड़ा। जिलाध्यक्ष के गृहग्राम बेमचा में भी कांग्रेस बुरी तरह पिछड़ गई। पूरे महासमुंद विधान सभा क्षेत्र में काँग्रेस को लगभग 22 हज़ार वोटों से हार का सामना करना पड़ा।
इससे यह स्पष्ट परिलक्षित हो रहा है कि वर्तमान कांग्रेस जिलाध्यक्ष डाॅ. रश्मि चंद्राकर में नेतृत्व क्षमता की कमी है, तथा संगठन को चलाने में उनकी रूचि नहीं है। अत: जिले में कांग्रेस के पराजय का नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए कांग्रेस जिलाध्यक्ष को तत्काल त्यागपत्र देनी चाहिए।